• India
  • Sun , Apr , 28 , 2024
  • Last Update 12:13:PM
  • 29℃ Bhopal, India

हिंदू धर्म शक्ति से जंग, कैसे थमेगा राहुल गांधी के बयान से उपजा विवाद

सार

राहुल गांधी धर्म की शक्ति के खिलाफ लड़ना चाहते हैं। क्यों लड़ना चाहते हैं? किसके लिए लड़ना चाहते हैं? इस लड़ाई से उनको या उनकी पार्टी कांग्रेस को क्या फायदा होगा?

janmat

विस्तार

राहुल गांधी के बारे में जब भी कोई अच्छी राय बनाने सोचता है, तभी वह कुछ ऐसा कर बैठते हैं जो उनको फिर उनके अतीत के सियासी मंच पर जाकर खड़ा कर देता है। या यूं कहें कि उनकी राजनीति का ग्राफ सांप सीढ़ी के उस खेल की तरह है जिसमें वह पूरी मेहनत करके शून्य से 99 के सफर के करीब तक पहुंचते हैं, तभी कुछ ऐसा होता है कि वह ऊपर चढ़ती सीढ़ी के बजाए सांप के मुंह में पहुंचकर फिर शून्य या उसके पास जाकर खड़े हो जाते हैं। 

अब तो यह समझ से परे है कि यह सब उनसे उनके मुख से कहलाया जाता है या फिर वह खुद ही उड़ता तीर थामकर अपने सियासी करियर को लहूलुहान करते हैं। उन्होंने देर से ही सही पर पहले भारत जोड़ो यात्रा और उसके बाद न्याय यात्रा शुरू की। नेता सड़क पर उतरे तो उसका सुफल उसे मिलता ही है। यानी राहुल गांधी सही ट्रैक पर थे।

अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने रास्ते में पढ़ने वाले तीर्थ स्थानों पर पूजा अर्चना करके खुद को सनातनी साबित करने की कोशिश भी की। हालांकि यह बात सभी जानते हैं कि वह सनातन धर्म नहीं समझते हैं और उसे वह हिंदू धर्म कहते हैं जो धर्म नहीं बल्कि हिंदुस्तान में रहने वाले लोगों के लिए प्रयुक्त किया जाता है। हिंदू धर्म नहीं बल्कि इस विविधता भरे देश में रहने की पद्धति है।

बहरहाल मूल विषय पर लौटें और देखें कि राहुल गांधी ने क्या कहा है जिसने उनकी न्याय यात्रा का कचरा कर डाला है। राहुल गांधी हिंदू धर्म (सनातन) में निहित शक्ति के खिलाफ लड़ाई लड़ने को लेकर दिए गए बयान को अनर्थ बताते हुए भले चाहे जो कैफियत दे रहे हों लेकिन उन्होंने अपनी न्याय यात्रा के समापन पर रविवार के मुंबई के शिवाजी पार्क में जो कहा उसका मतलब बिल्कुल साफ है। उनकी कैफियत नाकाफी और गले उतरने वाली नहीं है।

उन्होंने कहा 'मेरी लड़ाई भाजपा से नहीं है। किसी व्यक्ति या नरेंद्र मोदी के खिलाफ नहीं है। हिंदू धर्म में एक शब्द शक्ति है। इसी शक्ति से उनकी लड़ाई है। यानी राहुल के कहे हिंदू धर्म को सही अर्थों में सनातन माना जाए तो उसकी शक्ति से लड़ाई का क्या मतलब निकाला जाए।

साफ है कि राहुल गांधी इस धर्म की शक्ति के खिलाफ लड़ना चाहते हैं। क्यों लड़ना चाहते हैं? किसके लिए लड़ना चाहते हैं? इस लड़ाई से उनको या उनकी पार्टी कांग्रेस को क्या फायदा होगा ? इन तमाम बातों का जिक्र उन्होंने नहीं किया या उन्हें स्पष्ट नहीं किया जैसा कि वह पहले भी करते आए हैं। राहुल गांधी क्या बोल गए हैं, इस बात का अंदाजा उन्हें तब हुआ जब देश के चतुर नेता नरेंद्र मोदी ने हिंदू धर्म की शक्ति के खिलाफ लड़ाई को हिंदू देवियों और उनकी प्रतीक समझी जाने वाली नारी शक्ति से जोड़ दिया। 

यह मुमकिन है कि राहुल की नारी शक्ति या देवी शक्ति मां दुर्गा के खिलाफ जंग की कहने की मंशा नहीं रही होगी। लेकिन यह तो तय है कि सनातन धर्म में शक्ति का प्रतीक देवी दुर्गा ही है। लक्ष्मी है। मां जगदंबा है। मां सरस्वती है। मां पार्वती है। यानी राहुल की कही बातों का अर्थ सनातन धर्म में सर्वाधिक पूज्य देवियों के खिलाफ जंग को ही माना जाएगा। अब अपनी लड़ाई को भाजपा किसी व्यक्ति विशेष या मोदी के खिलाफ नहीं लड़ने की बात कहने वाले राहुल वापस नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ने को मजबूर हैं।

अब राहुल बाबा अपने वक्तव्य की सफाई में यह दलील दे रहे हैं कि उनकी जंग मोदी के खिलाफ है। उनके अधर्म के खिलाफ है। अधर्म की शक्तियों के खिलाफ जंग की बात वह कह रहे हैं, जबकि उन्हें यह नहीं पता कि शक्ति सनातन धर्म में ही समाहित है। अधर्म में कतई शक्ति नहीं है। 

पौराणिक कथाओं के हिसाब से देखें तो रावण से लेकर कंस सहित तमाम तथाकथित असुरों ने देवताओं की तपस्या करके ये शक्ति हासिल की थी और बाद में तब उन्होंने इन शक्तियों का दुरुपयोग किया तब देवताओं को उन्हें उनमें निहित शक्तियों को ध्यान में रखते हुए तरकीब भिड़ाकर उनका वध करना पड़ा।

अब इस विवाद में हम या कोई भी नहीं पड़ना चाहेगा कि मौजूदा सियासी फलक पर कौन देवता है या कौन असुर है। किसके पास क्या शक्ति है या कौन उसका दुरुपयोग कर रहा है और कौन उन शक्तिधारियों का वध करेगा? लेकिन एक बात तो तय है कि चुनावी दहलीज पर खड़े देश में राहुल गांधी ने प्रमुख विपक्षी दल के खिलाफ भाजपा को चाहे अनचाहे ऐसा औजार पकड़ा दिया है जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम कांग्रेस तथा उसके इं. डि.या. गठबंधन के खिलाफ जमकर इस्तेमाल करना पड़ेगी और राहुल गांधी को नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान के बजाए मोदी के खिलाफ नफरत का शोरूम खोलना पड़ेगा।