भारत की ग्रैंड ओल्ड पार्टी के शहजादे राहुल गांधी ने अंग्रेजों के देश की धरती लंदन से हिंदुस्तान पर कई सवाल उठाए हैं| उनके अनुसार भारत में मीडिया में विपक्ष की आवाज को स्थान नहीं मिलता| इसीलिए शायद जब भी वह देश के बाहर जाते हैं तो ऐसे बयान देते हैं जो दुनिया में चर्चा का विषय बन जाते हैं..!
इस बार लंदन में उन्होंने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाया| उनका कहना है कि बीजेपी ने भारत में केरोसिन छिड़क दिया है| एक चिंगारी की जरूरत है पूरा देश जल उठेगा| इसके साथ ही उन्होंने भारत की तुलना पाकिस्तान से की| भारतीय अर्थव्यवस्था की तुलना श्रीलंका से, भारतीय शक्ति और क्षमता की तुलना यूक्रेन से करने का दुस्साहस किया है| राहुल गांधी ने ध्रुवीकरण से चुनाव जीतने का भी आरोप लगाया है| भारतीय विदेश सेवा के कैडर पर भी एरोगेंट होने का तमगा उन्होंने बांध दिया है|
राहुल गांधी को विदेशी धरती पर महत्व क्यों दिया जाता है| शायद इसका कारण यह होगा कि राहुल गांधी का भारत के 3 प्रधानमंत्रियों के साथ खून का रिश्ता है| पंडित जवाहरलाल नेहरू के नवासे, इंदिरा गांधी के पोते और राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी दुनिया के शायद इकलौते व्यक्ति हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री के घर में जन्म लिया|जब आपातकाल लगा था तो राहुल गांधी 5 साल के थे। प्रधानमंत्री के घर के ज्ञान कुंड में जहां से आपातकाल निकला था वही इनका लालन-पालन हुआ था।
जो व्यक्ति राजनीतिक घराने में पैदा होने के बावजूद राजनीति का ककहरा नहीं सीख पाया उसको देश के खिलाफ देश से बाहर बोलने का कोई हक नहीं। अगर देश में काम कर रही सरकार गलत कर रही है तो उस पर आवाज देश में देश के लोगों के बीच उठाई जाना चाहिए ना कि विदेश की धरती पर जाकर| राहुल गांधी ने जो बातें कही हैं| उनमें सबसे पहली बात ध्रुवीकरण से चुनाव जीतने और देश में सांप्रदायिक माहौल का केरोसिन छिड़कने की है|
राहुल गांधी शायद अपनी पार्टी की ही राजनीतिक विरासत से अनभिज्ञ हैं| दुनिया का सबसे बड़ा विभाजन और ध्रुवीकरण आजादी के समय भारत में मुस्लिमों के तुष्टिकरण के लिए किया गया था| इतिहास यह भी बताता है, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री बनने के लिए धार्मिक आधार पर देश के विभाजन पर सहमति दी| कांग्रेस नेता मुस्लिम ध्रुवीकरण को शायद ध्रुवीकरण नहीं मानते यहीं से तुष्टिकरण की शुरुआत हुई, कांग्रेस ने जब तक देश में सरकारें चलाई तब तक तुष्टिकरण का अलिखित संविधान जैसा चलता रहा|
इसी क्रिया की प्रतिक्रिया अब हो रही है, जब हिंदुओं का ध्रुवीकरण आकार ले रहा है| राहुल गांधी कहते हैं कि भाजपा को देश के 60-70% लोग वोट नहीं देते| केवल 30% के समर्थन से सरकार चल रही है| यह सही हो सकता है लेकिन राहुल गांधी को यह भी बताना चाहिए कि देश में कांग्रेस ने जब जब सरकार चलाई है तब उन्हें कितने प्रतिशत लोगों का समर्थन था|
कांग्रेस क्या आजादी के बाद ऐसी व्यवस्था नहीं कर सकती थी कि एक निश्चित प्रतिशत के बाद ही सरकार चलाने का मौका राजनीतिक दलों को मिलेगा? ऐसा क्यों नहीं किया गया इसकी जिम्मेदारी भी कांग्रेस पर ही आएगी| तुष्टिकरण का जो केरोसीन आजादी के समय इस्लामिक राष्ट्र बनवा कर देश पर छिडका गया था उसकी आग में ही तब से लोग झुलस रहे हैं|
हिन्दू और मुस्लिमों के कांग्रेस ने अलग अलग कानून क्यों बनाये? सबके लिए समान कानून नहीं बनाकर कांग्रेस ने क्या एक समुदाय के तुष्टिकरण का काम नहीं किया? अब जब बहुसंख्यक समुदाय ने राजनीति के तुष्टिकरण और ध्रुवीकरण के समीकरण को समझ लिया तब कांग्रेस लगातार चुनावी राजनीति में पिछड़ती जा रही है| इसीलिए अब ध्रुवीकरण की याद आ रही है|
राहुल गाँधी ने भारत की तुलना पाकिस्तान से कर हिंदुस्तानियों के दिलों को दुखाया है| कहां पाकिस्तान और कहां हिंदुस्तान? इस वक्तव्य के पीछे भारत में पाकिस्तानी मानसिकता को मजबूत करना और उनका समर्थन हासिल करना, अगर उनका लक्ष्य है तो फिर वह ध्रुवीकरण को ही बढ़ाने का काम कर रहे हैं! कश्मीर में धारा 370 अभी तक बनाए रखकर कांग्रेस तुष्टिकरण नहीं तो क्या करती रही?
आज जब सरकार ने 370 हटा दिया है तो उसके खिलाफ चिंगारी लगाने में कांग्रेस क्या पीछे रही है? पाकिस्तान के नेता भारत की नीतियों की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं| रूस और यूक्रेन के युद्ध में भारत का स्वतंत्र दृष्टिकोण दुनिया के लंबरदारों को चौंका रहा है| भारत आज किसी भी देश का पिछलग्गू नहीं बल्कि नेतृत्व करने वाले देशों की कतार में खड़ा हुआ है|
भारत को आज दुनिया में बड़ी ताकत के रूप में स्वीकार किया जा रहा है| भारत को कमजोर बताकर देश का विपक्ष क्या साबित करना चाहता है? विपक्ष सरकार और प्रधानमंत्री के विरोध में हो सकता है| होना भी चाहिए| लेकिन प्रधानमंत्री का विरोध करते-करते भारत का विरोध शुरू कर दिया जाए यह कहां तक सही है| लंदन से भारत के खिलाफ हेट स्पीच भारतवासी कैसे स्वीकार कर सकते हैं|
राहुल गांधी ने लद्दाख में चीन की गतिविधियों के संदर्भ में एक ऐसा बयान दिया है जो देश के विरोध को प्रदर्शित करता है| उनका कहना है कि सोवियत संघ रूस यूक्रेन में जो कर रहा है, वही चीन लद्दाख में कर रहा है| राहुल गांधी क्या यह कहना चाहते हैं कि भारत कमजोर है और चीन सर्वोच्च है|
भारत को कमतर और चीन की सर्वोच्चता बताना क्या किसी भारतीय नेता को शोभा देता है? भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों को एरोगेंट कहना राहुल गांधी की हताशा और कुंठा के अलावा क्या हो सकता है? राहुल गांधी और कांग्रेस को देश की सत्ता चाहिए तो उन्हें सरकार के विरोध में जो कुछ भी कहना है वह देश के लोगों के सामने कहना चाहिए| देश के लोगों को समझाना चाहिए|
अभी हाल ही में यूपी के चुनाव में कांग्रेस ने और गांधी परिवार ने बीजेपी और प्रधानमंत्री के खिलाफ क्या क्या नहीं कहा| इस सब के क्या नतीजे निकले? कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन पर पहुंच गई है| सत्ता पाने की कुलबुलालाहट और व्याकुलता तो दिखाई पड़ती है, लेकिन उसके लिए जो ईमानदार कोशिशें होना चाहिए वह कहीं नहीं दिखाई पड़ती|
भारतीय अर्थव्यवस्था पर व्यंग करते हुए कांग्रेस के शहजादे कहते हैं, भारत की स्थिति श्रीलंका जैसी हो गई है| यह ज्ञान उन्हें कहां से मिला है। जो भारत श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबारने के लिए सब तरह का सहयोग कर रहा है, उसकी अर्थव्यवस्था को ही सवालों के घेरे में खड़ा किया जा रहा है|
महंगाई हो सकती है उसके तमाम कारण हो सकते हैं और अगर कांग्रेस के पास महंगाई के तोड़ के रूप में कोई फार्मूला है तो उसे देश की सरकार को देना चाहिए| जनता के सामने लाना चाहिए| देश की बेहतरी में विपक्ष की भूमिका नहीं है क्या? केवल गाली देना ही विपक्ष का दायित्व रह गया है|
एक बहुत प्रसिद्ध कहावत है कि “अपात्र को ताज बाप दादा सब बर्बाद” कांग्रेस पार्टी के साथ कुछ इसी तरह हो रहा है| जिस नेता को यही अंदाजा नहीं है कि देश को लेकर विदेश में कम से कम विरोधी बातें नहीं करना चाहिए, उस नेता के नेतृत्व में न केवल ग्रैंड ओल्ड पार्टी पतन की ओर जाएगी बल्कि बाप दादा ने जो देश में कमाया है उस पर भी सवाल उठेंगे|
संत कबीर ने कहा है “ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए औरन को शीतल करे आपहुं शीतल होय” कबीर का यह दोहा हर देशवासी को याद होगा| लेकिन शायद राहुल गांधी इससे अपरिचित हैं तभी तो अंग्रेजों के देश में भारत पर सवाल खड़े कर रहे हैं|
भारतीय संस्कृति में संसार की पतिव्रता और महान नारियों में गांधारी का विशेष स्थान है| एक पतिव्रता के रूप में गांधारी आदर्श नारी मानी जाती हैं| उन्होंने अपनी आंखों पर आजीवन पट्टी इसलिए बांध ली थी क्योंकि उनके पति धृतराष्ट्र अंधे हो गए थे| कांग्रेस पार्टी क्यों गांधारी की भूमिका में काम कर रही है? क्या उसे अपने युवराज की गलतियां दिखाई नहीं पड़ रही है? ऐसा कहा जाता है कि हर मां को अपने हर बच्चे की अच्छाई बुराई समझ आती है लेकिन फिर भी वह अपने बच्चे की बात मानती जाती है|
हमारी संस्कृति में ऐसा माना जाता है कि पुरुष के भाग्य को मनुष्य तो क्या ईश्वर भी नहीं जान पाते| राहुल गांधी का भाग्य यही है कि ऐसे राजनीतिक परिवार में जन्मे और देश के नेता बन गए हैं| अभी भी भारत को समझ जाएं तो बहुत अच्छा है| भारत का भविष्य बनने के लिए भारतीयता में रचना बसना बहुत जरूरी है| अभी तो राहुल फाउल गेम खेल रहे हैं वो जब भी मुंह खोलते हैं कांग्रेस को नीचे की ओर धक्का देते हैं| उनकी बोली भारत के सीने पर गोली जैसी लगती है|