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योगी आदित्यनाथ मथुरा से लड़ सकते हैं चुनाव.. सरयूसुत मिश्र 

सार

चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बज गया है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगला विधानसभा चुनाव भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा वृन्दावन से लड़ सकते हैं, अयोध्या और काशी में सांस्कृतिक नवजागरण के बाद अब कृष्ण की नगरी मथुरा वृंदावन में विकास की गंगा बहाने के लिए भाजपा योगी को मथुरा से चुनाव लड़ा सकती है...

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विस्तार

चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बज गया है| उत्तर प्रदेश के चुनाव अगले लोकसभा चुनाव की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण रहेंगे| इसलिए सभी दल विधान सभा चुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे| राजनीतिक चर्चा पर भरोसा किया जाए तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगला विधानसभा चुनाव भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा वृन्दावन से लड़ सकते हैं| मथुरा में यह चर्चा जोरों पर है कि अयोध्या और काशी में सांस्कृतिक नवजागरण के बाद अब कृष्ण की नगरी मथुरा वृंदावन में विकास की गंगा बहाने के लिए भाजपा योगी को मथुरा से चुनाव लड़ा सकती है|

आजकल चुनाव में “अचानक एलिमेंट” महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है| वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए काशी पहुंचे थे, तब देश ने इस अचानक एलिमेंट को हाथों हाथ लिया था, और केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी थी| भाजपा के रणनीतिकार हमेशा अचानक एलिमेंट को महत्व देते रहे हैं जो बात कोई सोच नहीं सकता वह कर गुजरने का माद्दा भाजपा नेताओं में देखा गया है| गुजरात में मुख्यमंत्री सहित संपूर्ण मंत्रिमंडल बदलना और पूरी नई कैबिनेट को शपथ दिलाना, सामान्य रूप से कोई भी राजनीतिक दल नहीं सोच सकता| लेकिन भाजपा ने यह करके दिखाया है| इस तरह के राजनीतिक कदम उठाने में भाजपा इसलिए सफल हो जाती है, क्योंकि उसकी जनता की नब्ज पर पकड़ होती है| पब्लिक कनेक्ट के आधार पर भाजपा फेरबदल करने में चूकती नहीं है|

उत्तर प्रदेश का चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण है| प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह उत्तरप्रदेश चुनाव को बहुत अधिक अहमियत दे रहे हैं| मोदी योगी और अमित शाह की तिकड़ी चुनाव जीतने के लिए कोई भी रणनीति अपनाने से नहीं चूक सकती| अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य तेज गति से चल रहा है| राम मंदिर निर्माण की शुरुआत ने भाजपा को अपनी घोषणाओं और वायदों को पूरा करने वाले दल के रूप में ताकत के साथ स्थापित कर दिया है| विकास के प्रति नया मॉडल भी भाजपा समय-समय पर जनता के सामने रखती रही है| काशी में विश्वनाथ धाम का विकास जिस ढंग से समय सीमा के अंतर्गत किया गया है, उससे प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की छवि चमकी है|

काशी अयोध्या के बाद मथुरा में लोगों में यह आम चर्चा शुरू हुई कि भाजपा मथुरा को क्यों छोड़ रही है| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक बयान में कहा कि काशी अयोध्या के बाद अब मथुरा के विकास की बारी है| यूपी सरकार मथुरा में विकास कार्यों को नए ढंग से प्रारंभ कर चुकी है| लेकिन मथुरा राजनीति के केंद्र बिंदु में आ जाएगा तो निश्चित ही इसका लाभ भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में मिलेगा| इसीलिए शायद बीजेपी ने यह विचार किया है कि योगी आदित्यनाथ को इस बार का चुनाव मथुरा से लड़ाया जाए| यूपी चुनाव में जातिवाद हमेशा से अहम मुद्दा रहा है| लेकिन इस बार मथुरा, काशी, अयोध्या के साथ हिंदुत्व की लहर पिछले चुनाव जैसे चुनावी जातिवाद के गणित को बिगाड़ सकता है|

समाजवादी पार्टी मुस्लिम, यादव जातियों के  समर्थन के साथ चुनाव में काफी उत्साहित दिखाई पड़ रही है| मायावती अभी भले ही बहुत लाइमलाइट में नहीं आ रही हैं, लेकिन उनका वोट बैंक भी निश्चित है और चुनाव परिणामों को प्रभावित करने की उनमें क्षमता है| चुनाव में मुख्य टक्कर भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच है| कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी चुनाव को त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय बनाने में शायद सफल ना हो, लेकिन वोटों के विभाजन की इन दोनों दलों में क्षमता है, और यह दोनों दल सपा समर्थक जातियों के जितने वोट काटने में सफल होंगे उतनी ही भाजपा की संभावनाएं उजली होंगी|

सरकार के कामकाज की दृष्टि से योगी आदित्यनाथ के प्रति मतदाताओं में निराशा नहीं है| योगी आदित्यनाथ की सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है कानून व्यवस्था को सख्ती से कायम रखना|
उन्होंने माफियाओं को पनपने नहीं दिया और जो स्थापित माफिया थे उन्हें ध्वस्त कर दिया| यह अजीब बात है कि मुस्लिम समुदाय के ही माफियाओं के नाम सामने आते हैं| चाहे वह मुख्तार अंसारी हो या अतीक अहमद, उन्हें योगी सरकार ने पूरी ताकत से कुचलने का काम किया है|

योगी के पक्ष में एक बात है कि माफियाओं की  संपत्तियों को भी सीज किया गया है| जिला और तहसील स्तर पर सक्रिय माफियाओं को कुचलने से उस स्तर पर योगी के पक्ष में माहौल निर्मित हुआ है| कांग्रेस पार्टी ने महिलाओं को केंद्र में रखते हुए अपनी रणनीति को आगे बढ़ाया है| इसका लाभ कांग्रेस को थोड़ा बहुत मिल सकता है| लेकिन उसका जनाधार समाप्त हो चुका है| इसलिए इस रणनीति के सफल होने पर भी बहुत अधिक सफलता मिलना मुश्किल है|

उत्तर प्रदेश में एक भाव जो मतदाताओं के बीच काम कर रहा है वो यह है कि मोदी को लाना है इसलिए यूपी को जिताना है| लोकसभा चुनाव के लिए देश का जो मूड है वह भी उत्तर प्रदेश चुनाव में दिखाई पड़ेगा| योगी की जीत में मोदी का महत्वपूर्ण योगदान होगा| किसान आंदोलन की चुनावी संभावनाएं समाप्त हो चुकी हैं| पश्चिमी उत्तरप्रदेश जहां किसान आंदोलन का प्रभाव था| वहां हिंदू मुस्लिम विभाजन बहुत  गहरे स्तर तक पहुंच चुका है| इसलिए यहां मतदान परंपरागत रूप से ही होने की संभावना है| पूर्वांचल में विकास कार्यों के माध्यम से और काशी विश्वनाथ धाम के पुनर्निर्माण से भाजपा ने अपनी अलग पहचान बनाई है| चुनाव में इसका लाभ मिल सकता है| मथुरा वृंदावन से योगी आदित्यनाथ का चुनाव लड़ना भाजपा के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है|