अनिल अंबानी के ठिकानों पर CBI रेड, 17,000 करोड़ रुपये के लोन से फ्रॉड के मामले में FIR भी दर्ज


Image Credit : X

स्टोरी हाइलाइट्स

मशहूर उद्योगपति अनिल अंबानी के घर पर सीबीआई की छापेमारी, 17000 करोड़ के बैंक लोन फ्रॉड का मामला, सुबह से ही अनिल अंबानी के घर पर CBI की एक टीम सर्च आपरेशन कर रही है। 17000 करोड़ ₹ के बैंक चोटाले से जुड़ा है मामला..!!

CBI ने 17,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा के बैंक धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है। CBI ने कंपनी के कार्यालयों और अनिल अंबानी से जुड़े ठिकानों पर भी छापेमारी की। यह धोखाधड़ी भारतीय स्टेट बैंक से जुड़ी है।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले महीने लोकसभा में बताया था कि 13 जून को आरबीआई के नियमों और बैंक की नीतियों के आधार पर इस मामले को धोखाधड़ी घोषित किया गया था। 24 जून, 2025 को बैंक ने आरबीआई को इसकी सूचना दी और CBI में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की।

इससे पहले 23 जुलाई को, ईडी ने अनिल अंबानी के रिलायंस समूह से जुड़े 35 से ज़्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी। ये छापे यस बैंक से लिए गए 3,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी के मामले में मारे गए थे।

यह मामला यस बैंक द्वारा 2017 से 2019 तक अनिल अंबानी से जुड़ी रिलायंस समूह की कंपनियों को दिए गए लगभग 17,000 करोड़ रुपये के ऋणों से संबंधित है। शुरुआती जाँच से पता चला है कि ये ऋण कथित तौर पर फर्जी कंपनियों और समूह की अन्य इकाइयों में डायवर्ट किए गए थे।

इससे पहले, CBI ने दो मामलों में एफआईआर दर्ज की थी। ये मामले यस बैंक द्वारा रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड को दिए गए दो अलग-अलग ऋणों से संबंधित हैं। दोनों मामलों में, CBI ने यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर का नाम लिया था।

इसके बाद, एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय आवास बैंक, सेबी, राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी अन्य एजेंसियों और संस्थानों ने भी ईडी के साथ जानकारी साझा की थी। अब ईडी इस मामले की जाँच कर रहा है।

ईडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि यह एक सुनियोजित योजना थी, जिसके तहत बैंकों, शेयरधारकों, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को गलत जानकारी देकर धन की हेराफेरी की गई। जाँच में कई अनियमितताएँ उजागर हुईं, जिनमें कमज़ोर या बिना सत्यापन वाली कंपनियों को ऋण, कई कंपनियों में एक ही निदेशक और पते का उपयोग, ऋण से संबंधित आवश्यक दस्तावेजों का अभाव, फर्जी कंपनियों में धन हस्तांतरित करना, पुराने ऋणों को चुकाने के लिए नए ऋण देने की प्रक्रिया जैसे फर्जीवाड़े शामिल हैं।

कुछ दिन पहले, भारतीय स्टेट बैंक ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस और स्वयं अनिल अंबानी को "धोखेबाज़" घोषित किया था। एसबीआई का कहना है कि आरकॉम ने बैंक से लिए गए 31,580 करोड़ रुपये के ऋणों का दुरुपयोग किया। इसमें से लगभग 13,667 करोड़ रुपये अन्य कंपनियों के ऋणों का भुगतान करने में खर्च किए गए। 12,692 करोड़ रुपये रिलायंस समूह की अन्य कंपनियों को हस्तांतरित किए गए।

एसबीआई ने यह भी कहा कि हम इस मामले में केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया में हैं। इसके अलावा, अनिल अंबानी के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) मुंबई में व्यक्तिगत दिवालियापन की कार्यवाही भी चल रही है।