अब सरकारी विभाग निजी वकील के माध्यम से न्यायालय में अपील-याचिका दायर नहीं करा सकेंगे


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स्टोरी हाइलाइट्स

किसी भी परिस्थिति में राज्य शासन के विरुध्द अथवा उसकी ओर से कोई निजी अधिवक्ता प्रत्यक्ष रुप से न्यायालय में अपील अथवा याविका प्रस्तुत नहीं करेगा..!

भोपाल। राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग नें सभी विभाग प्रमुखों को नया फरमान जारी किया है जिसके तहत अब किसी भी परिस्थिति में राज्य शासन के विरुध्द अथवा उसकी ओर से कोई निजी अधिवक्ता प्रत्यक्ष रुप से न्यायालय में अपील अथवा याविका प्रस्तुत नहीं करेगा।

फरमान में कहा गया है कि राज्य शासन अथवा किसी विभाग द्वारा दायर की जाने वाली कोई भी सिविल/आपराधिक याचिका, अपील, पुनर्विलोकन अथवा पुनरीक्षण आवेदन महाधिवक्ता कार्यालय की पूर्व अनुमति एवं शासकीय अधिवक्ता की विधिक राय प्राप्त किये बिना तथा विधि विभाग की सहमति के बिना दायर नहीं की जायेगी।

फरमान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि महाधिवक्ता कार्यालय अथवा संबंधित शासकीय अधिवक्ता यह अभिमत देता है कि प्रकरण न्यायालय में ले जाने योग्य नहीं है, तो संबंधित विभाग या कार्यालय इस राय को नोटशीट में अंकित कर, संबंधित प्रशासकीय विभाग को भेजेगा लेकिन यदि प्रशासकीय विभाग न्यायालय में प्रकरण ले जाने के लिये स्वीकृति देता है औक्र प्रभारी अधिकारी भी नियुक्त करता है तो महाधिवक्ता कार्यालय याचिका/अपील दायर करने से इंकार नहीं कर सकेगा।