भोपाल: राज्य के कृषि विभाग के अंतर्गत कार्यरत एमपी मंडी बोर्ड ने मंडी शुल्क अपवंचन एवं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर परिवहन के प्रकरणों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किये हैं। दरअसल, बोर्ड के संज्ञान में यह तथ्य आये हैं कि कुछ व्यापारियों एवं परिवहनकर्ताओं द्वारा अधिसूचित कृषि उपज, मूंगफली का अवैध परिवहन किया जाकर उक्त उपज पर देय मंडी शुल्क का अपवंचन किया जा रहा है। कूटरचना कर फर्जी दस्तावेज जिसमें बिल, बिल्टी, अनुज्ञापत्र आदि के माध्यम से कृषि उपज का अवैध परिवहन किया जा रहा है तथा राजस्व की चोरी की जा रही है।
ग्वालियर-चंबल, सागर, जबलपुर संभाग से ऐसे अनेक प्रकरणों की जानकारी प्राप्त हुई है, जिनमें बिना मंडी शुल्क जमा किए फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से कृषि उपज का परिवहन किया गया है। मंडी समितियों एवं आंचलिक कार्यालयों के उडऩदस्ता दलों द्वारा निरीक्षण के दौरान ऐसे प्रकरणों का खुलासा हुआ है।
इस मामले में अब बोर्ड के प्रबंध संचालक कुमार पुरुषोत्तम द्वारा सभी आंचलिक अधिकारियों तथा मंडी सचिवों को निर्देश दिये गये है कि इस तरह के मामलों में कृषि उपज के परिवहन के दौरान अनुज्ञापत्र के क्युआर कोड को स्कैन कर उसकी प्रामाणिकता की जांच की जाए। फर्जी या कूटरचित अनुज्ञापत्रों के मामलों में धारा 53 के अंतर्गत प्रशमन न किया जाए, बल्कि वैधानिक दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
संबंधित कृषि उपज को अधिगृहित कर मंडी अधिनियम की धारा 23 के तहत कार्यवाही की जाए तथा पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जाए। दोषी व्यापारियों की अनुज्ञप्ति रद्द कर मंडी शुल्क एवं निराश्रित शुल्क की पूर्ण वसूली सुनिश्चित की जाए। मंडी बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि ऐसे प्रकरणों में किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी।
डॉ. नवीन आनंद जोशी