लद्दाख मोर्चे पर चीनी वायु सेना भी तैनात, हालांकि इसका भारत पर कोई असर नहीं होगा: भारतीय वायु सेना प्रमुख


स्टोरी हाइलाइट्स

नई दिल्ली: लद्दाख मोर्चे पर चीन और भारत के तनाव के बीच हाल ही में ऐसी खबरें आई हैं कि चीन ने यहां बड़ी संख्या में...

लद्दाख मोर्चे पर चीनी वायु सेना भी तैनात, हालांकि इसका भारत पर कोई असर नहीं होगा: भारतीय वायु सेना प्रमुख   नई दिल्ली: लद्दाख मोर्चे पर चीन और भारत के तनाव के बीच हाल ही में ऐसी खबरें आई हैं कि चीन ने यहां बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया है। अब भारतीय वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी ने भी कहा है कि चीनी वायु सेना अभी भी पूर्वी लद्दाख में मौजूद है। हालांकि इसका असर भारत पर नहीं पड़ेगा। पिछले कुछ वर्षों में भारत की युद्धक क्षमता में वृद्धि हुई है। अपाचे और राफेल के वायु सेना में शामिल होने के बाद से हमारी ताकत बढ़ी है। वायुसेना में नए हथियार जोड़े जाने से वायुसेना की मारक क्षमता भी बढ़ गई है।     उन्होंने कहा कि, जम्मू में हाल ही में हुए ड्रोन हमले से चार साल पहले ड्रोन रोधी क्षमताओं को विकसित करने पर काम शुरू हो गया था और इन सभी प्रणालियों को भारत में विकसित किया जा रहा हैं। वीआर चौधरी ने कहा कि सेना को आने वाले दिनों में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से 6 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर मिलने वाले हैं। यह हेलीकॉप्टर हर तरह के मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है और यह 7000 किमी की दूरी तय कर सकता है। वायुसेना के लिए ड्रोन विकसित करने के लिए एक स्टार्टअप को ठेका देने का भी विचार है।   https://twitter.com/ANI/status/1445278812619431943?s=20   उन्होंने कहा, भारत को पाकिस्तान और पीओके में हवाई मोर्चे को लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि ज्यादातर लैंडिंग स्ट्रिप छोटी होती है और यह केवल हेलीकॉप्टर के लिए उड़ान भरने में मददगार होती है। कोरोना काल में वायु सेना ने 18 देशों से भारत को चिकित्सा आपूर्ति और ऑक्सीजन पहुंचाई। इस बीच भारत में वायुसेना के विमानों ने 2600 घंटे उड़ान भरी।