वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन द्वारा बाघ विचरण क्षेत्र की 5 एकड़ वन भूमि पर कब्जा करने का प्रयास: गणेश पाण्डेय 


स्टोरी हाइलाइट्स

वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन द्वारा बाघ विचरण क्षेत्र की 5 एकड़ वन भूमि पर कब्जा करने का प्रयास: बाघ विचरण क्षेत्र में रसूखदारों कब्जा करने का.....

वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन द्वारा बाघ विचरण क्षेत्र की 5 एकड़ वन भूमि पर कब्जा करने का प्रयास तहसीलदार की भूमिका संदिग्ध, वन विभाग की सख्ती के बाद फेंसिंग हटाए गणेश पाण्डेय  भोपाल. बाघ विचरण क्षेत्र में रसूखदारों कब्जा करने का अभियान जारी है. इसी कड़ी में वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शौकत खान द्वारा लगभग 5-7 एकड़ वन भूमि पर कब्जा करने का कुत्सित प्रयास किया गया. वन विभाग की सख्ती के बाद शौकत खान स्वत: फेंसिंग हटा लिए हैं. खान के वन भूमि पर कब्जा करने के मामले में एरिया के तहसीलदार और बीट गार्ड वगैरह की संलिप्तता भी रही है. वन संरक्षक भोपाल हरिशंकर मिश्रा ने वन भूमि से बेजा कब्जा हटाकर अपने कब्जे में ले लिया है. अब विवादित जमीन का फैसला कलेक्टर पर है. वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शौकत अली कि वन भूमि पर कब्जा करने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. 10 फरवरी 03 को एक आदेश जारी कर भोपाल कलेक्टर ने 357.780 हेक्टेयर छोटे-बड़े झाड़ के राजस्व जंगल को वृक्षारोपण और प्रबंधन के लिए सौंपा था. वर्तमान में यह एरिया सघन वन का आकार ले चुका है. घने वन होने के कारण बाघ विचरण क्षेत्र बन गया है. कलेक्टर के आदेश पर ही भोपाल वन मंडल ने उसी समय फेंसिंग का कार्य शुरू कर दिया था. जब फेंसिंग कराई गई थी तब किसी ने कोई आपत्ति नहीं ली गई. फेंसिंग इसलिए कराई जा रही है कि 5 शहरी इलाके में ना आ सके. फेंसिंग कार्य के दौरान ही वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन शौकत अली हाई कोर्ट जबलपुर में एक याचिका दायर कर गांव के लिए पहुंच मार्ग पर फेंसिंग नहीं किए जाने का आग्रह किया. 18 फरवरी 2021 को हाई कोर्ट जबलपुर में एक आदेश पारित कर कलेक्टर को इस भूमि का सीमांकन कराने के लिए निर्देशित किया. हाई कोर्ट के निर्देश के परिपालन में भोपाल वन मंडल ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई कि पिछले 20 वर्षों से संबंधित मार्ग का कोई उपयोग नहीं हो रहा है. शौकत ने रातों-रात करवाई फेंसिंग शौकत खान ने हाईकोर्ट के निर्देश की प्रति लेकर तहसीलदार से मिलकर सीमांकन अपने मनमाफिक करवा लिया. वन विभाग के बीट गार्ड को प्रलोभन देकर पंचनामा पर उससे हस्ताक्षर करा लिये. वन संरक्षक एचएस मिश्रा को फेंसिंग की जानकारी लगते ही स्थल पर पहुंचे. एसडीओ और रेंजर को निर्देशित किया कि तत्काल बेजा कब्जा हटाए. वन संरक्षक के निर्देश के दूसरे दिन शौकत अली अपने कुछ साथियों के साथ मिश्रा से मिले और उन्हें आश्वस्त किया कि वे स्वयं चैन लिंक फेंसिंग हटा लेंगे. इसके बाद शौकत खान ने वन भूमि से अपना कब्जा वापस हटा लिया. इनका कहना है " मैंने कलेक्टर को पत्र लिखा है कि हाई कोर्ट के निर्देश को दृष्टिगत रखते हुए छोटे-बड़े झाड़ के जंगल को विधिवत तरीके से आदेश जारी कर बनवा को सौंपा जाए. " एचएस मिश्रा वन संरक्षक भोपाल " मैंने वन भूमि पर कोई कब्जा नहीं किया है. मेरी निजी जमीन है. मैंने स्वता ही फेंसिंग हटा ली है. कलेक्टर के निर्देश की प्रत्याशा है." शौकत खान, वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष