नई दिल्ली. पूरा यूरोप इस समय मानो जल रहा है. भीषण गर्मी से लोग बेहाल हो चुके हैं. ज्यादातर देशों में पारा 40 डिग्री के पार जा चुका है और अनुमान लगाया जा रहा है कि अभी इसके ऊपर भी जा सकता है. हाल ये है कि गर्मी की वजह से 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें से ज्यादातर स्पेन और पुर्तगाल के हैं. इधर एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर कार्बन उत्सर्जन कम नहीं किया तो हालात इससे भी ज्यादा बुरे हो जाएंगे.
ब्रिटेन में पहली बार पारा 40 डिग्री के पार हुआ है. इससे पहले आखिरी बार सबसे ज्यादा तापमान 39.1 डिग्री सेल्सियस तापमान 2019 में दर्ज किया गया था. यहां गर्मी से ट्रैक फैल रहे हैं. लोगों को यात्रा न करने की सलाह दी गई है. पेरिस में गर्मी से बचने के लिए लोग आइस बार जा रहे हैं. पूरे यूरोप में यही स्थिति है. जंगल जल रहे हैं. एयरपोर्ट पर रनवे पिघल रहे हैं. सड़कों का डामर पिघल गया है. घास तक जल जा रही है. लोग मर रहे हैं. सड़कों पर ऐसा सन्नाटा है मानो फिर से लॉकडाउन लग गया हो.
गर्मी से हालात कितने खराब हो गए हैं, इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि अपने सख्त अनुशासन के लिए जाना जाने वाले ब्रिटेन में हाउस ऑफ कॉमन्स (संसद) ने सदस्यों को अपनी सुविधा के हिसाब से कपड़े पहनने की इजाजत दे दी है. हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर लिंडसे होयल ने कह दिया है कि इस बढ़ती गर्मी में अगर सांसद टाई-सूट नहीं पहनना चाहते, तो न पहनें. ब्रिटेन का ट्रांसपोर्ट सिस्टम गड़बड़ा गया है क्योंकि सड़कों पर डामर पिघलने लगा है. लूटन एयरपोर्ट का रनवे पिघल गया. रेलवे ट्रैक भी बढ़ते तापमान को सह नहीं पा रहे हैं और फैल रहे हैं. इसके कारण कई ट्रेनें कैंसिल हो चुकीं हैं. लोगों को ट्रेन से यात्रा न करने की सलाह दी गई है.
परिवहन मंत्री ग्रांट शैप्स ने बताया कि यूके का रेलवे नेटवर्क इस भीषण गर्मी का सामना नहीं कर सकता. इसे अपग्रेड करने में भी सालों लग जाएंगे. उन्होंने बताया कि पारा 40 डिग्री सेल्सियस होने पर ट्रैक का तापमान 50 या 60 डिग्री और यहां तक कि 70 डिग्री तक पहुंच जाता है. इस कारण ट्रैक पिघल जाते हैं और ट्रेन के पटरी से उतरने का खतरा बढ़ जाता है.
सिर्फ ब्रिटेन ही नहीं, बल्कि फ्रांस, पुर्तगाल, स्पेन, ग्रीस भी गर्मी से तप रहे हैं. लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. सड़कों पर सन्नाटा सा छाया हुआ है. ज्यादातर लोग अपने घरों से ही काम कर रहे हैं. अगर कोई ऑफिस जा भी रहा है तो केवल इसलिए ताकि वहां एसी मिल सके. बढ़ती गर्मी की वजह से जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी बहुत बढ़ गईं हैं. दक्षिणी यूरोप के कुछ हिस्सों में तापमान थोड़ा कम हो रहा है, लेकिन अभी भी वहां जंगल जल रहे हैं. आग पर काबू पाने के लिए हजारों फायरफाइटर्स लगे हुए हैं. स्पेन में लगातार 8 दिन से हीटवेव चल रही है. पुर्तगाल में भी हालत बदतर हो चुके हैं.