दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक व ओपेक सदस्य देश सऊदी अरब तेल का नया खेल करने की तैयारी कर रहा है। यह खुलासा उस वक्त हुआ है जब दुनिया के अधिकांश विकसित और विकासशील देश कार्बोनाइजेशन की योजनाएं तेज कर रहे हैं। मगर सऊदी अपने गैस और तेल के एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए पैंतरेबाजी रहा है। दरअसल, सऊदी अधिकारियों के स्टिंग ऑपरेशन का एक ऑडियो सामने आया है जिससे पता चला है कि सऊदी अरब ने एशिया और अफ्रीका के बाजारों में तेल की मांग को कृत्रिम तरीके से बढ़ाने की योजना बनाई है।
सेंटर फॉर क्लाइमेट रिपोटिंग और चैनल 4 न्यूज ने ब्रिटेन में यह स्टिंग ऑपरेशन किया है जिसमें सऊदी अरब के ऑयल सस्टेनेबिलिटी प्रोग्राम के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि सऊदी अरब की सरकार पेट्रोल, तेल और डीजल उत्पादों के लिए अफ्रीका और एशिया में मांग कृत्रिम तरीके से बढ़ाने की योजना बना रही है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक स्टिंग ऑपरेशन की जो ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने आई है जिसमें एक अंडरकवर रिपोर्टर सऊदी अधिकारी से पूछता है- 'मेरा मानना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से तेल की डिमांड कम होने का जोखिम है और इसलिए ओएसपी को कुछ प्रमुख बाजारों में तेल की मांग को कृत्रिम तरीके से बढ़ाने के लिए स्थापित किया गया है?' जवाब में सऊदी अधिकारी ने कहा, 'हां. यह उन कुछेक पहलुओं में से एक है जिसे हम करने की कोशिश कर रहे हैं। यह हमारे मुख्य उद्देश्यों में से एक है।'
क्राउन प्रिंस का समर्थन हासिल
इस अधिकारी ने कहा कि कृत्रिम तरीके से तेल की मांग बढ़ाने की इस योजना को सऊदी अरब के वास्तविक शासक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का समर्थन हासिल है। योजना के तहत अफ्रीका के तट पर बिजली स्टेशन जहाजों का एक बेड़ा बनाना शामिल है, जो बिजली पैदा करने के लिए भारी ईंधन का उपयोग करेगा। योजना का लक्ष्य 'सुपरसोनिक' वाणिज्यिक विमानन शुरू करने के लिए तकनीक को विकसित करना भी है। इन सुपरसोनिक विमानों में पारंपरिक हवाई यात्रा की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक केरोसिन की जरूरत होगी।
वाहन संख्या बढ़ाने की योजना भीः तेल की मांग बढ़ाने के लिए सऊदी अरब एशियाई और अफ्रीकी बाजारों में तेल आधारित वाहनों की संख्या बढ़ाने की भी योजना बना रहा है। इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि सऊदी अरब वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए दी जाने वाली इंसेंटिव और सब्सिडी का मुकाबला करने की भी योजना बना रहा है। वैश्विक मांग को देखते हुए वह लंबे वक्त तक कच्चे तेल का अधिक से अधिक उत्पादन जारी रखेगा। मई में ही सऊदी की तरफ से घोषणा की गई थी कि वो 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत तक अपने कच्चे तेल के उत्पादन को 10 लाख बैरल प्रतिदिन से बढ़ाकर 1.3 करोड़ बैरल प्रतिदिन कर देगा।