भोपाल। राज्य निर्वाचन आयोग ने नया आदेश जारी किया है जिसके तहत अब नगर निगमों में मेयर/पार्षद तथा नगर पालिका व नगर परिषद में अध्यक्ष/पार्षद पद के चुनाव के अभ्यर्थियों को शपथ-पत्र के साथ अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि, चल-अचल सम्पत्तियों, शैक्षणिक योग्यताओं आदि की जानकारी नामांकन-पत्र के साथ देनी होगी।
यह उसी तरह होगा जैसा कि विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में होता है। नगरीय निकाय चुनावों में अभ्यर्थी द्वारा यदि शपथ-पत्र के प्रत्येक कॉलम को भरा जायेगा तथा जो कॉलम बिना भरे छोड़ा जायेगा उसे भरने के लिये रिटर्निंग आफिर अभ्यर्थी को स्मरण करायेगा और इसके बावजूद अभ्यर्थी रिक्त कॉलम नहीं भरा जाता है तो उसका नामांकन-पत्र रद्द कर दिया जायेगा। शपथ-पत्र निर्धारित शुल्क के स्टाम्प पेपर पर प्रस्तुत किया जायेगा जिसे अभ्यर्थी स्वयं से सत्यापित करेगा और मजिस्ट्रेट/शपथ आयुक्त/नोटरी के समक्ष शपथित होगा।
शपथ-पत्र न दिये जाने पर रिटर्निंग आफिसर द्वारा नामांकन-पत्र निरस्त कर दिया जायेगा। किसी मतदाता द्वारा मांग की जाने पर उसे दो रुपये प्रति पृष्ठ की दर से शपथ-पत्र की प्रमाणित प्रति दी जायेगी। इसी प्रकार, आयोग ने निर्वाचन व्यय प्रस्तुत करने का भी नया आदेश जारी किया है जिसके तहत अब अभ्यर्थियों को निर्वाचन की तारीख से 30 दिन के अंदर अपने निर्वाचन व्ययों का लेखा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचित अधिकारी के पास शपथ-पत्र के साथ दाखिल करना होगा।
चुनाव में अभ्यर्थी द्वारा कितना व्यय किया जा सकेगा, इसकी अधिकतम सीमा नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग के परामर्श से तय किया जायेगा। निर्वाचन व्यय का लेखा न देने पर अभ्यर्थी को अयोग्य घोषित करने का नाटिस जारी किया जायेगा।
डॉ. नवीन आनंद जोशी