इंदौर में गंदे पानी से दहशत में लोग, भागीरथपुरा में बुजुर्ग की मौत, कई बीमार, CM सख्त


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स्टोरी हाइलाइट्स

इंदौर के भागीरथपुरा इलाके में गंदा पानी पीने से 70 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि पिछले हफ़्ते 150 से ज़्यादा लोग बीमार पड़ चुके हैं..!!

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर इस समय गंदे पानी के कगंभीर संकट से जूझ रही है। गंदे पानी ने गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा कर दिया है। भागीरथपुरा इलाके में गंदा पानी पीने से 70 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि 35 से ज़्यादा लोग बीमार पड़ चुके हैं। उल्टी-दस्त और पेट दर्द की शिकायत के बाद दर्जनों लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस घटना से प्रशासन और राजनीतिक हलको में हलचल मच गई है।

सोमवार 29 दिसंबर को भागीरथपुरा के रहने वाले 70 साल के नंदलाल पाल की गंदा पानी पीने से तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस इलाके में पिछले एक हफ्ते से लोग लगातार बीमार पड़ रहे थे, लेकिन इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया।

निवासियों के मुताबिक, 24 दिसंबर से इस इलाके में उल्टी, दस्त, पेट दर्द और जी मिचलाने की शिकायतें लगातार आ रही थीं। अब तक करीब 150 लोग बीमार पड़ चुके हैं। इनमें से कई मरीज़ों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई है।

अभी 35 से ज़्यादा लोग बीमार हैं, जिनमें से 20 से ज़्यादा वर्मा अस्पताल और बाकी त्रिवेणी अस्पताल में भर्ती हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, सभी मरीज़ फिलहाल स्थिर हैं।

प्रशासन को शक है कि वार्ड और आसपास के इलाकों में खुदाई के दौरान ड्रेनेज लाइन खराब हो गई थी, जिससे पानी की सप्लाई में गंदगी आ गई। कुछ निवासियों का कहना है कि पानी की टंकी से ही गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार पानी के सैंपल इकट्ठा कर रही हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ होगी।

गंदे पानी की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संज्ञान लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सभी मरीजों का सही इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। सीएम ने कहा कि इलाज में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जरूरी दवाएं, एक्सपर्ट और संसाधन तुरंत उपलब्ध कराए जाएं।

सोमवार देर रात नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, MLA रमेश मेंदोला और मेयर पुष्यमित्र भार्गव वर्मा ने अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने मरीजों से बात की और स्थिति का जायजा लिया।

मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि सभी मरीजों का इलाज पूरी तरह से फ्री होगा और जिन लोगों ने इलाज के लिए पैसे जमा किए हैं, उन्हें वापस कर दिए जाएंगे। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि जब तक स्थिति सामान्य न हो जाए, वे उबला हुआ पानी पिएं।

कलेक्टर शिवम वर्मा ने कहा कि शिकायत मिलते ही मेडिकल और प्रशासनिक टीमों को मौके पर भेज दिया गया था। पूरे इलाके पर लगातार नजर रखी जा रही है, और स्वास्थ्य विभाग को इलाज का रेगुलर रिव्यू करने के निर्देश दिए गए हैं।

कांग्रेस ने इस मामले को लेकर वार्ड ऑफिस पर विरोध प्रदर्शन किया। विधानसभा क्षेत्र 2 के जोन नंबर 8 के कार्यकर्ताओं ने शंख और घंटियां बजाकर और मटके फोड़कर नगर निगम प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि वार्ड 30, 37 और 28 में लंबे समय से गंदे पानी, जाम ड्रेनेज लाइनों, कूड़े के ढेर और सफाई की अनदेखी की समस्या है, लेकिन समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई।

भागीरथपुरा की घटना ने एक बार फिर शहरी इलाकों में पीने के पानी की सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं के रखरखाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सबकी निगाहें जांच रिपोर्ट और प्रशासन के अगले कदम पर हैं।