Puran Media Special Report: अयोध्या, राम मंदिर पर 1528 से मंदिर निर्माण भूमि पूजन तक की कहानी
1853 में अयोध्या(Ayodhya) में हुए थे दंगे, उसके बाद ही बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद ने तूल पकड़ा| 23 दिसंबर 1949 को मस्जिद(Mosque) में पाई गई भगवान राम(Lord Ram) की मूर्तियां, मुस्लिम(Muslim) पक्ष ने चुपचाप मूर्ति रखने का लगाया आरोप| 16 जनवरी 1950 को गोपाल सिंह विशारद ने सिविल कोर्ट(Civil Court) से यहां पूजा की इजाजत मांगी, यहां से शुरू हुई कानूनी लड़ाई
1528:बाबर ने यहां एक मस्जिद (Mosque) का निर्माण कराया जिसे बाबरी मस्जिद (Mosque) कहते हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार इसी जगह पर भगवान राम (Lord Ram) का जन्म हुआ था।
1853:हिंदुओं(Hindus) का आरोप कि भगवान राम (Lord Ram) के मंदिर को तोड़कर मस्जिद (Mosque) का निर्माण हुआ। मुद्दे पर हिंदुओं(Hindus) और मुसलमानों(Muslims) के बीच पहली हिंसा हुई।
1859:ब्रिटिश सरकार (British Government) ने तारों की एक बाड़ खड़ी करके विवादित भूमि के आंतरिक और बाहरी परिसर में मुस्लिमों और हिदुओं को अलग-अलग प्रार्थनाओं की इजाजत दे दी।
1885:विवादित भूमि मामला पहली बार अदालत में पहुंचा। महंत रघुबर दास ने फैजाबाद अदालत में बाबरी मस्जिद (Mosque) से लगे एक राम मंदिर(Ram Temple) के निर्माण की इजाजत के लिए अपील दायर की।
1949: हिंदुओं(Hindu) ने मस्जिद (Mosque) के केंद्रीय स्थल पर कथित तौर पर भगवान राम (Lord Ram) की मूर्ति रख दी। इसके बाद हिंदू नियमित रूप से उस स्थान पर पूजा करने लगे। मुसलमानों(Muslims) ने नमाज पढ़ना बंद कर दिया।
1950:गोपाल सिंह विशारद ने फैजाबाद अदालत में एक अपील दायर कर रामलला(Lord Ram) की पूजा-अर्चना की विशेष इजाजत मांगी।
1950:महंत परमहंस रामचंद्र दास ने हिंदू प्रार्थनाएं जारी रखने और बाबरी मस्जिद (Mosque) में राममूर्ति को रखने के लिए मुकदमा दायर किया। मस्जिद (Mosque) को ‘ढांचा’ नाम दिया गया।
1959:निर्मोही अखाड़ा ने विवादित भूमि हस्तांतरित करने के लिए मुकदमा दायर किया।
1961:उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बाबरी मस्जिद (Mosque) के मालिकाना हक के लिए मुकदमा दायर किया।
1984:विश्व हिंदू परिषद ने बाबरी मस्जिद (Mosque) के ताले खोलने और राम जन्मस्थान को स्वतंत्र कराने व एक विशाल मंदिर(Temple) के निर्माण के लिए अभियान शुरू किया। एक समिति का गठन किया गया।
1986:फैजाबाद जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल पर हिदुओं(Hindus) को पूजा (Worship) की इजाजत दी। ताले दोबारा खोले गए। नाराज मुस्लिमों (Muslims) ने विरोध में बाबरी मस्जिद (Mosque) एक्शन कमेटी का गठन किया।
1989: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विश्व हिंदू परिषद को औपचारिक समर्थन देना शुरू करके मंदिर(Temple) आंदोलन को नया जीवन दे दिया।
1989: भगवान रामलला (Lord Ram) विराजमान नाम से पांचवा मुकदमा दाखिल किया गया।
1989: तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Prime minister Rajiv Gandhi) की सरकार ने बाबरी मस्जिद (Mosque) के नजदीक शिलान्यास की इजाजत दी।
1990: भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने गुजरात(Gujrat) के सोमनाथ (Somnath) से उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) तक रथ यात्रा निकाली, जिसके बाद साम्प्रदायिक दंगे (Communal Riots) हुए।
1990: भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी को बिहार (Bihar) के समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया। भारतीय जनता पार्टी (BJP ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह(V.P. Singh) की सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
1991: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कल्याण सिंह सरकार ने बाबरी मस्जिद (Mosque) के आस-पास की 2.77 एकड़ भूमि को अपने अधिकार में ले लिया।
1992: हजारों की संख्या में कार सेवकों ने अयोध्या पहुंचकर बाबरी मस्जिद (Mosque) ढाह दिया। इसके बाद सांप्रदायिक दंगे हुए। जल्दबाजी में एक अस्थायी राम मंदिर(Ram Temple)बनाया गया।
1992: मस्जिद (Mosque) की तोड़-फोड़ की जिम्मेदार स्थितियों की जांच के लिए लिब्रहान आयोग (Liberhan Commission) का गठन हुआ।
2002: प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Prime Minister Atal Bihari Vajpayee ) ने अपने कार्यालय में एक अयोध्या विभाग (Ayodhya Department) शुरू किया, जिसका काम विवाद को सुलझाने के लिए हिंदुओं(Hindu) और मुसलमानों(Muslims) से बातचीत करना था।
2002: अयोध्या(Ayodhya) के विवादित स्थल पर मालिकाना हक को लेकर उच्च न्यायालय के तीन जजों की पीठ ने सुनवाई शुरू की।
2003: इलाहबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) के निर्देशों पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archeological Survey Of India) ने अयोध्या(Ayodhya) में खुदाई की। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archeological Survey Of India) का दावा था कि मस्जिद (Mosque) के नीचे मंदिर (Temple) के अवशेष होने के प्रमाण मिले हैं। मुस्लिमों (Muslims) में इसे लेकर अलग-अलग मत थे।
2003: एक अदालत ने फैसला दिया कि मस्जिद (Mosque) के विध्वंस को उकसाने वाले सात हिंदू नेताओं (Hindu Leaders) को सुनवाई के लिए बुलाया जाए।
2009: लिब्रहान आयोग (Liberhan Commission) ने गठन के 17 साल बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Prime Minister Manmohan Singh) को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
2010: सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने इलाहबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) को विवादित मामले में फैसला देने से रोकने वाली याचिका खारिज करते हुए फैसले का मार्ग प्रशस्त किया।
2010: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ (Lucknow) पीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटा जिसमें एक हिस्सा राम मंदिर, दूसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े में जमीन बंटी।
2011: Supreme Court ने इलाहाबाद हाई कोर्ट(Allahabad High Court) के फैसले पर रोक लगा दी।
2016: बाबरी मामले के सबसे उम्रदराज वादी हाशिम अंसारी का निधन।
2017: Supreme Court ने आपसी सहमति से विवाद सुलझाने की बात कही।
2017: Supreme Court ने बाबरी मस्जिद (Mosque) गिराए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित भारतीय जनता पार्टी (BJP) और RSS के कई नेताओं के खिलाफ आपराधिक केस चलाने का आदेश दिया।
09 नवंबर 2019: देश की सबसे बड़ी अदालत ने सबसे बड़े फैसले में अयोध्या (Ayodhya) की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना है| जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या(Ayodhya) में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है| चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की विशेष बेंच ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया है|
5 अगस्त: अयोध्या में ऐतिहासिक राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया जाएगा। भूमि पूजन कार्यक्रम में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होने वाले हैं।