ऑनलाइन गेम के बुरे दिन शुरू, यदि ये गेम खेलते हैं तो सावधान हो जाएँ|


स्टोरी हाइलाइट्स

भारत में ऑनलाइन गेम के दीवानों की संख्या कम नहीं है|  लेकिन ऑनलाइन गेम के  बुरे दिन शुरू हो चुके हैं देश में कई प्रदेशों में......

ऑनलाइन गेम के बुरे दिन शुरू, यदि ये गेम खेलते हैं तो सावधान हो जाएँ| भारत में ऑनलाइन गेम के दीवानों की संख्या कम नहीं है|  लेकिन ऑनलाइन गेम के  बुरे दिन शुरू हो चुके हैं देश में कई प्रदेशों में ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने की शुरुआत हो चुकी है| मध्य प्रदेश सरकार ने भी ऑनलाइन गेम को लेकर विचार मंथन शुरू कर दिया है मध्यप्रदेश में भी इन पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है| ऑनलाइन गेम के लिए वैश्विक बाजार का आकार 2019 में 37.65 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2025 में 122.05 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर, भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग 2016 में 543 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था और 2020 में 18.6% की सीएजीआर से बढ़कर 1.027 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। 2023 तक उद्योग के 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है| आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु के बाद, कर्नाटक दक्षिण भारत में ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया में है। नए संशोधित कानून के तहत ऑनलाइन गेमिंग को गैर-जमानती अपराध बनाने पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना और 3 साल तक की कैद का प्रावधान किया गया है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु के बाद कर्नाटक में भी ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन पर सट्टेबाजी और गेम के अनिश्चित परिणामों के लिए उपयोगकर्ताओं से शुल्क लेने वाले ऐप्स के आधार पर प्रतिबंध लगाया गया है। इन ऐप्स पर यूजर्स क्रिकेट, फुटबॉल आदि सहित विभिन्न खेलों में टीम बनाकर पैसा लगाते हैं। इस तरह के ऑनलाइन गेम से लोगों के साथ धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं। इतना ही नहीं ये खेल बच्चों और युवाओं में आत्महत्या का कारण भी बन रहे हैं। धोखाधड़ी और आत्महत्या के ऐसे मामलों को रोकने के लिए निषेध के उपाय किए गए हैं। हालांकि ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। भारत में पबजी जैसे लोकप्रिय ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध के बावजूद ऑनलाइन गेमिंग उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। साल 2019 के दौरान ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री 40 फीसदी की दर से बढ़ी है। इसका सालाना रेवेन्यू 6500 करोड़ रुपए पहुंच गया है। वर्ष 2022 तक, यह लगभग तीन गुना बढ़कर 18,700 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। ऑनलाइन गेम खेलने वाले लोगों की संख्या 2010 में सिर्फ 25 मिलियन से 14 गुना बढ़कर अब 360 मिलियन से अधिक हो गई है। इस ग्रोथ रेट को देखकर लोगों में वर्तमान में भारत में 430 मिलियन से अधिक मोबाइल गेमर्स हैं। 2025 तक यह संख्या बढ़कर 650 मिलियन हो सकती है। वर्तमान में, मोबाइल गेमिंग गेमिंग क्षेत्र पर हावी है। देश में मौजूदा 1.6 अरब गेमिंग बाजार में मोबाइल गेमिंग का योगदान 90 प्रतिशत से अधिक है। बड़े प्लेटफॉर्म के लिए अब बड़े कंसोल और पीसी गेम विकसित किए जा रहे हैं। इस क्षेत्र में 1 अरब रुपये का निवेश किया गया है। ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को तीन भागों में बांटा गया है: - ऑनलाइन जुआ: ऑनलाइन सट्टेबाजी:  ई-स्पोर्ट्स: