कृषिमंत्री पटेल के आश्वासन को अमलीजामा पहनाने की पहल पर उद्यानिकी विभाग ने अटकाया रोड़ा
वैज्ञानिक ने भी कहा, मेरी सेवाएं वापस कर दीजिए
गणेश पाण्डेय
भोपाल. राज्य विधानसभा में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल के दिए आश्वासन को अमलीजामा पहनाने की पहल पर उद्यानिकी खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह रोड़ा अटकाने यह प्रयास तेज कर दिए हैं. विधानसभा में दिए पटेल के आश्वासन पर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर ने उद्यानिकी संचालनालय में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ वैज्ञानिक डॉ विजय अग्रवाल की सेवाएं वापस करने के लिए उद्यानिकी विभाग को पत्र लिखा. विश्वविद्यालय के पत्र के साथ ही डॉ विजय अग्रवाल ने भी स्वयं की सेवाएं मूल विभाग को वापस करने के लिए आयुक्त उद्यानिकी को आवेदन भी दे दिया. अभी तक मामला अधर में है. नया विवाद छिड़ गया है. कृषि मंत्री कमल पटेल कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के वैज्ञानिक डॉ विजय अग्रवाल की सेवाएं वापस लेने पर अड़े हैं जबकि उद्यानिकी राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाहा डॉ अग्रवाल की सेवाएं वापस करने को तैयार नहीं है. मामला मंत्रालय के गलियारों में गूंज रहा है. अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका है. दो विभागों की लड़ाई के बीच उद्यानिकी विभाग में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ वैज्ञानिक डॉ विजय अग्रवाल ने भी प्रमुख सचिव उद्यानिकी कल्पना श्रीवास्तव को आवेदन कर सेवाएं कृषि विभाग को वापस करने का आग्रह किया है. कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर ने 31 मई को प्रमुख सचिव उद्यानिकी को पत्र लिखकर डॉ विजय अग्रवाल की सेवाएं वापस करने के लिए कहा है. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने 2 नवंबर 2020 और 9 नवंबर 2020 को प्रमुख सचिव उद्यानिकी को डॉ अग्रवाल की सेवाएं वापस करने के लिए पत्र लिख चुके हैं. कृषि विश्वविद्यालय के पत्र लिखने के अगले दिन डॉ विजय अग्रवाल ने भी 1 जून 2021 को पत्र लिखकर उन्हें उद्यानिकी विभाग से मुक्त करने का आग्रह किया है. कृषि विश्वविद्यालय के पत्र के जवाब में उद्यानिकी विभाग कृषि विश्वविद्यालय के कुलसचिव को 3 जून को पत्र लिखकर डॉ अग्रवाल की सेवाएं 1 वर्ष और बढ़ाए जाने बात लिखी है.
विधानसभा आश्वासन के औचित्य पर उठा प्रश्न विधानसभा के विशेषज्ञों की राय है कि सत्र के दौरान मंत्रियों द्वारा दिए गए आश्वासन को पूरा करने की जिम्मेदारी विभाग की है. इसको पूरा करने की बाध्यता भी है. विधानसभा के पूर्व अध्यक्षों द्वारा मुख्य सचिव को कई बार पत्र लिखकर नाराजगी भी जता चुके हैं कि मंत्रियों के आश्वासन को पूरा करने में नौकरशाही दिलचस्पी नहीं ले रही है. इसके बाद भी पहली बार उद्यानिकी राज्य मंत्री बने भारत सिंह कुशवाहा विधानसभा में दिए गए कृषि मंत्री कमल पटेल के आश्वासन को पलटने जा रहे हैं. इस संबंध में विधायक राकेश मवाई का कहना है कि या तो विधानसभा का विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है. खबर का असर 'न्यूज़ पुराण' ने 31 मई को प्रकाशित अंक में ' विधानसभा में दिए मंत्री के आश्वासन हवा में उड़ा रहे हैं अफसर' शीर्षक से प्रकाशित किया था. खबर के प्रकाशन के बाद और कृषि मंत्री कमल पटेल के निर्देश पर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर तत्काल हरकत में आया. प्रमुख सचिव उद्यानिकी को पत्र लिखकर डॉ विजय अग्रवाल की सेवाएं वापस करने के लिए आग्रह किया. डॉ अग्रवाल ने भी स्वयं की सेवाएं वापस लौटाने के लिए प्रमुख सचिव से आग्रह किया है. इसके बाद भी विधानसभा के आश्वासन को पूरा करने के मामले में उद्यानिकी विभाग रोड़ा अटकाने पर अड़ा हुआ है.
विधानसभा में दिए मंत्री के आश्वासन हवा में उड़ा रहे हैं अफसर
प्रतिनियुक्ति की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजा
विधानसभा के सत्र अवधि में मंत्रियों द्वारा दिए गए आश्वासन को अफसर हवा में उड़ा रहे हैं. इसका ताजा उदाहरण कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल के आश्वासन है. बीते विधानसभा सत्र के दौरान किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल ने उद्यानिकी संचालनालय में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ डॉ विजय अग्रवाल सहायक प्राध्यापक की सेवाएं वापस बुलाने का आश्वासन दिया था. पटेल के आश्वासन पर अभी तक अमल नहीं हुआ, बल्कि डॉ अग्रवाल की प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने शासन को भेज दिया है.
9 मार्च 2021 को विधायक राकेश मवाई के सवाल के जवाब में किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल ने आश्वासन दिया था कि कृषि महाविद्यालय जबलपुर के उद्यानिकी विभाग के सहायक अध्यापक डॉ विजय अग्रवाल की खाद्य एवं प्रसंस्करण विभाग से वापस बुलाने का प्रस्ताव प्रचलित है. पटेल ने सदन में आज भी स्वीकार किया था कि कृषि महाविद्यालय जबलपुर के उद्यानिकी विभाग में स्वीकृत 4 सहायक प्राध्यापक के पदों में से 2 पदों भरे गए हैं. इनमें से सहायक प्राध्यापक डॉ विजय अग्रवाल की सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर खाद्य एवं प्रसंस्करण विभाग को 31 मई 2021 तक के लिए सौंपी गई थी. सहायक प्राध्यापक डॉ विजय अग्रवाल के प्रतिनियुक्ति पर जाने से कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर अध्यापन का कार्य प्रभावित हो रहा है. इसलिए डॉ अग्रवाल की सेवाएं विश्वविद्यालय के अध्यापन कार्य के लिए आवश्यक बन गया है. बावजूद इसके, उद्यानिकी संचालनालय ने किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल के आश्वासन को दरकिनार करते हुए विजय अग्रवाल की तक नियुक्ति की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है. उद्यानिकी संचालनालय उप संचालक हैं अग्रवाल जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय में डॉ विजय अग्रवाल सहायक प्राध्यापक क्लास 2 के अधिकारी हैं. उद्यानिकी संचालनालय में नियम विरुद्ध उपसंचालक क्लास वन के पद पर पदस्थ किया गया है. जबकि संचालनालय में 6 अधिकारी उनके समकक्ष सहायक संचालक उद्यान के पद पर कार्य कर रहे हैं. डॉ विजय अग्रवाल को 4 वर्ष पहले भारत सरकार की एमआईडीएच योजना प्रशिक्षण कार्य हेतु विशेषज्ञ के रूप ₹1 लाख प्रति माह वेतन की दर से ली गई थी. योजना के अंतर्गत 4 साल में ₹50 लाख का भुगतान किया गया. जबकि उनसे एम आई डी एच योजना का कोई कार्य नहीं कराया गया. यानि जिस मकसद से संचालनालय में डॉ अग्रवाल को लाया गया था, उसकी पूर्ति नहीं हो पाई. भी पूरी नहीं हुई. यानी सफल क्रियान्वयन के लिए लाया गया था. इसके लिए संचालनालय को केंद्र से ₹5000000 भी प्राप्त हुए थे. यह राशि भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया किंतु योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पाया. डॉ अग्रवाल के कार्यकाल में हो गए घोटाले डॉ अग्रवाल के कार्यकाल में संचालनालय की छवि दागदार बन गई. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में फर्जी कागजों पर लक्ष्य पूर्ति दिखाकर करोड़ों की अनुदान राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. मार्च 2021 में डॉ विजय अग्रवाल की सहमति पर मध्य प्रदेश ट्रेजरी कोड नियम 284 का उल्लंघन करते हुए पीएमकेएसवाई योजना में लगभग 15 करोड रुपए का अग्रिम आहरण घोटाला को अंजाम दिया गया. योजना के तहत कई जिला अधिकारियों ने किसानों के बगैर पंजीयन और बिना आशय पत्र जारी किए डॉ विजय अग्रवाल के दबाव में एमपी एग्रो को करोड़ों का भुगतान कर दिया गया.