झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए, जाति जनगणना को मंजूरी मिलने के बाद राहुल गांधी के नाम के लगे पोस्टर


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स्टोरी हाइलाइट्स

राजनीतिक दल इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस भी इस मुद्दे को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती है..!!

जाति जनगणना को क्रेंद्र सरकार की ओर से मंजूरी मिलने के बाद अब इस फैसले का श्रेय लेने राजनीतिक दलों में होड़ मच गई है। विभिन्न राजनीतिक दल इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस भी इस मुद्दे को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती है। 

यही वजह है कि कांग्रेस ने दिल्ली में राहुल गांधी के नाम के पोस्टर जारी किए हैं, जिन पर लिखा है, झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिए। पोस्टर जारी करने के साथ ही जाति जनगणना का श्रेय लेने की होड़ में कांग्रेस भी शामिल हो गई है। कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।

आपको बता दें कि कांग्रेस अकेली ऐसी पार्टी नहीं है, जिसने इस तरह का पोस्टर जारी किया है।

बिहार के पटना में जेडीयू और आरजेडी के बीच इस मुद्दे का श्रेय लेने की होड़ मची हुई है। दोनों ही पार्टियों ने जाति जनगणना को लेकर पोस्टर जारी किया है। दूसरी ओर, आरजेडी नेताओं की ओर से पटना के विभिन्न चौक-चौराहों पर कई पोस्टर लगाए गए हैं। 

पोस्टर में यह कहने की कोशिश की गई है कि यह महागठबंधन के नेताओं के संघर्ष का नतीजा है। पहले पोस्टर में कहा गया है कि जाति जनगणना कराने का केंद्र सरकार का फैसला राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव समेत महागठबंधन के सभी नेताओं के संघर्ष की जीत है। 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने पटना के विभिन्न चौक-चौराहों पर जेडीयू की ओर से पोस्टर लगाए हैं। पोस्टर में पीएम मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर है और लिखा है कि नीतीश कुमार ने कर दिखाया, अब देश ने अपनाया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद, बिहार से लेकर भारत तक जाति जनगणना, अब जनगणना बनेगी सबकी नीति, जाति जनगणना का ऐतिहासिक फैसला। हालांकि भारत में जाति जनगणना को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा को मंजूरी दिए जाने के बाद विपक्ष को बड़ा झटका लगा है। उसके हाथ से एक बड़ा मुद्दा फिसल गया है। 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव समेत सभी विपक्षी दलों के पास बीजेपी को घेरने के लिए यह मजबूत मुद्दा था। इसका असर लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला। 

भाजपा की सीटें 240 और विपक्ष की सीटें 232 पर पहुंच गईं। विपक्ष भी इसका फायदा बिहार विधानसभा चुनाव में उठाने की तैयारी में था। लोकसभा चुनाव में भी राहुल गांधी ने जाति जनगणना का फायदा उठाने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि सरकार बनने के बाद वे जाति जनगणना कराएंगे। उसी आधार पर नए सिरे से आरक्षण तय होगा। 

लोकसभा चुनाव के बाद जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए, वहां कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने जाति जनगणना को चुनावी मुद्दा बनाया। झारखंड में विपक्षी गठबंधन की सरकार बनने पर अगले साल तक जाति सर्वेक्षण कराने की घोषणा की गई है। विपक्ष इस मुद्दे का और फायदा न उठा सके, इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जाति जनगणना कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

दरअसल इसी साल बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी दल अपने-अपने हथकंडे अपनाकर एक-दूसरे को हराने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी ने बिहार में कराए गए जाति सर्वेक्षण को फर्जी करार दिया है। उन्होंने फिर से जाति जनगणना कराने की बात कही। हालांकि, अब जब केंद्र ने इस पर फैसला ले लिया है, तो विपक्ष को इसका शायद ही कोई फायदा मिले। विपक्ष अब सिर्फ इस बात को लेकर खुश हो सकता है कि उनके दबाव में आकर केंद्र सरकार अब जाति आधारित जनगणना कराने को राजी हो गई है।