मौत के बाद सामने आई टीआई की पांच बीवी, जानिए लेडी कांस्टेबल की हकीकत


स्टोरी हाइलाइट्स

खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने वाले टीआई हाकम सिंह की चार पत्नियां सामने आ गई थी

इंदौर. पुलिस कंट्रोल रूम में खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने वाले टीआई हाकम सिंह के मामले में नया मामला सामने आया है, अब तक उनकी चार पत्नियां सामने आ गई थी, लेकिन अब पांचवीं पत्नी के रूप में खुद हेड कांस्टेबल ने दावा किया है. टीआई हाकम सिंह की एक के बाद एक पांच पत्नियों के नाम सामने आ चुके हैं.

उनकी मौत के बाद भोपाल में तैनात लेडी कांस्टेबल माया ने बताया कि हाकम सिंह उनके पति हैं, उन्होंने बताया कि उन्होंने मुझसे शादी की थी, हालांकि सर्विस बुक में उनकी पत्नी का नाम लता पंवार है, इससे पहले उज्जैन जिले के तराना की निवासी लीलावती ने पहली और सीहोर की सरस्वती ने दूसरी पत्नि होना बताया. इसके बाद रेशमा शेख ने बताया कि वह उनकी तीसरी पत्नी है, चूंकि सर्विस बुक में लता पंवार का नाम है, ऐसे में जिस हेड कांस्टेबल ने दावा किया है, वह पांचवीं पत्नी के रूप में सामने आ रही है।

भोपाल में पदस्थ रहे टीआइ हाकमसिंह का मूल निवास तराना, उज्जैन में है। वहां पत्नी लता पंवार, भाई व दो भतीजों का परिवार रहता है। शुक्रवार रात को ही पोस्टमार्टम के बाद वे शव ले गए। परिजनों का कहना था कि टीआइ की संतान नहीं है, वे एक भतीजे को ही अपना वारिस बताते थे। चर्चाओं में था कि पंवार की एक पत्नी भोपाल में हेड कांस्टेबल है। एक पत्नी कहीं और रहती है तो एक इंदौर में है, लेकिन किसी की अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। उनकी सर्विस बुक में पत्नी का नाम लता पंवार ही दर्ज है। इधर अस्पताल पहुंची महिला ने बताया था कि पंवार को एक कपड़ा व्यापारी से 25-30 लाख लेने थे। 

इस बीच महिला एएसआइ के बारे में पता चला कि कुछ साल पहले धार में एक पुलिसकर्मी के खिलाफ भी उसने गलत हरकत की शिकायत की थी, लेकिन बाद में शिकायत वापस ले ली। पुलिस अधिकारियों ने कॉफी हाउस का वीडियो गंभीरता से देखा तो उसमें एएसआइ के भाई के हाथ में मोबाइल इस तह दिख रहा है, जिससे लगता है कि वह टीआई पंवार का वीडिया बना रहा था। घटना के दौरान पवार महिला का मोबाइल लेने का प्रयास कर रहे थे जोकि अब तक गायब है। पंवार का मोबाइल मिला, लेकिन पेटर्न लॉक के कारण तब खुला नहीं। पुलिस ने म​हिला के भाई का मोबाइल देखा तो उसमें कोई वीडियो नहीं मिला। एडिशनल डीसीपी राजेश रघुवंशी के मुताबिक दोनों मोबाइल की एफएसएल जांच होगी। यह भी पता चला कि टीआई पंवार ने एक साल में जीपीएफ से 11 लाख रुपए निकाल लिए थे। कुछ लोगों ने उन्हें ब्लैकमेल करने की आशंका भी जताई। 

SEEMAA DIWAN

SEEMAA DIWAN

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