स्टोरी हाइलाइट्स
तिलक लगवाते समय सिर पर हाथ क्यों रखते हैं ? why-do-you-place-your-hands-on-the-head-while-applying-tilak
Why do you place your hands on the head while applying tilak?
तिलक लगवाते समय सिर पर हाथ क्यों रखते हैं ?
व्यास उवाच-
तिलक बिना लगाएं हिन्दू मान्यताओं के अनुसार कोई भी पूजा-प्रार्थना नहीं होती। सूने मस्तक को अशुभ माना जाता है। तिलक लगाते समय सिर पर हाथ रखना भी हमारी एक परंपरा है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इसका कारण क्या है?
दरअसल धर्म शास्त्रों के अनुसार सूने मस्तक को अशुभ और असुरक्षित माना जाता है। तिलक लगाने के लिएअनामिका अंगुली शांति प्रदान करती है। मध्यमा अंगुली मनुष्य की आयु वृद्धि करती है। अंगूठा प्रभाव और ख्याति तथा आरोग्य प्रदान कराता है। इसीलिए राजतिलक अथवा विजय तिलक अंगूठे से ही करने की परंपरा रही है।
तर्जनी मोक्ष देने वाली अंगुली है। ज्योतिष के अनुसार अनामिका तथा अंगूठा तिलक करने में सदा शुभ माने गए हैं। अनामिका सूर्य पर्वत की अधिष्ठाता अंगुली है। यह अंगुली सूर्य का प्रतिनिधित्व करती है, जिसका तात्पर्य यही है कि सूर्य के समान, दृढ़ता, तेजस्वी, प्रभाव, सम्मान, सूर्य जैसी निष्ठा-प्रतिष्ठा बनी रहे।
दूसरा अंगूठा है जो हाथ में शुक्र क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र ग्रह जीवन शक्ति का प्रतीक है। जीवन में सौम्यता, सुख-साधन तथा काम-शक्ति देने वाला शुक्र ही संसार का रचयिता है। माना जाता है कि जब अंगुली या अंगूठे से तिलक किया जाता है तो आज्ञा चक्र के साथ ही सहस्त्रार्थ चक्र पर ऊर्जा का प्रवाह होता है।
सकारात्मक ऊर्जा हमारे शीर्ष चक्र पर एकत्र हो साथ ही हमारे विचार सकारात्मक हो व कार्यसिद्ध हो। इसीलिए तिलक लगावाते समय सिर पर हाथ जरूर रखना चाहिए।
तिलक लगाने का मन्त्र-
केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम ।
पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ।।
कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम्
ददातु चन्दनं नित्यंसततं धारयाम्यहम्॥
!! जय श्री महाकाल!!