स्टोरी हाइलाइट्स
Experts are warning that human sperm numbers are declining and sex changes pose a threat to human survival. Shana Swan, an environmental..............
विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि मानव शुक्राणु की संख्या में गिरावट आ रही है और सेक्स में परिवर्तन मानव अस्तित्व के लिए खतरा पैदा करता है। न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई में इकन स्कूल ऑफ मेडिसिन में एक पर्यावरण और प्रजनन महामारी विशेषज्ञ शाना स्वान ने अपनी नई किताब में चेतावनी दी है। किताब यह भी कहती है कि प्रजनन संकट जलवायु परिवर्तन की तरह एक वैश्विक खतरा बन जाएगा।
इसका मुख्य कारण वर्तमान प्रजनन समस्याएं हैं। ये मानव जीवन के लिए ही खतरा पैदा करते हैं। स्वान का कहना है कि 1973 और 2011 के बीच पश्चिमी देशों में शुक्राणुओं की संख्या 59 प्रतिशत कम हो गई थी, और यह विश्व स्तर पर बताया गया था। हंस के अनुसार, वर्तमान औसत शुक्राणु संख्या 2045 से शून्य तक पहुंच जाएगी।
किताब में, स्वान और सह-लेखक स्टेसी कोलिनो बताते हैं कि कैसे आधुनिक जीवन शुक्राणुओं की संख्या, महिला और पुरुष प्रजनन पैटर्न को बदलता है और मानव जीवन को खतरे में डालता है। बदलती जीवनशैली, रासायनिक खपत, गर्भनिरोधक, सांस्कृतिक परिवर्तन, बच्चों के होने की लागत और शारीरिक परिवर्तन सभी मनुष्य को संकट में डाल सकते हैं।
किताब में गर्भपात की दर में वृद्धि, लड़कों में अधिक जननांग विकृति और लड़कियों में पहले के यौवन सहित कई मुद्दों को संबोधित किया गया है। स्वान का कहना है कि तंबाकू के सेवन, धूम्रपान और मोटापे जैसे कारक भी प्रजनन संबंधी विकारों में भूमिका निभाते हैं।
प्रियम मिश्र