औपचारिक क्षेत्रों में 2023-24 में मिले 1.65 करोड़ रोजगार


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स्टोरी हाइलाइट्स

ईपीएफओ में सदस्यों के बढ़ने का मतलब यह होता है कि औपचारिक क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिल रहा है..!!

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2023-24 में 1.65 करोड़ सदस्य जुड़े हैं। 2022-23 की तुलना में यह 19 फीसदी अधिक है। श्रम मंत्रालय के मुताबिक, पिछले साढ़े छह वर्षों में 6.1 करोड़ सदस्य ईपीएफओ से जुड़े हैं। 2018-19 में 61.12 लाख सदस्य शुद्ध रूप से जुड़े थे। 2019-20 में यह बढ़कर 78.58 लाख हो गए। हालांकि, कोरोना के कारण 2020-21 में संख्या मामूली घटकर 77.08 लाख रही। 2021-22 में इसमें 1.22 करोड़ की बढ़त देखी गई। 2022-23 में इसमें 1.38 करोड़ की बढ़त रही। 

ईपीएफओ में सदस्यों के बढ़ने का मतलब यह होता है कि औपचारिक क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिल रहा है। इससे लोगों सामाजिक सुरक्षा भी मिलती है। जीआईसी और एलआईसी में सरकार हिस्सा बेच सकती है। सरकार चालू वित्त वर्ष में जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन यानी जीआईसी और एलआईसी में हिस्सा बेच सकती है। सरकार को निवेशकों की ओर से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। ऐसे में आईसी में कई चरणों में 10 फीसदी तक हिस्सा बेच सकती है। दोनों कंपनियों से मिल सकते हैं 149 अरब डॉलर। 

एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि 10 फीसदी हिस्सा बेचने से वर्तमान मूल्य पर सरकार जीआईसी से 57 अरब रुपये जुटा सकती है। एलआईसी में सरकार कई चरणों में छोटे-छोटे हिस्से बेच सकती है। निवेशकों से मिलने वाली प्रतिक्रिया पर इसका फैसला होगा। आईपीओ में सरकार ने 3.5 फीसदी हिस्सा बेचा था।