मंत्रालय में कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस
बैठक में सीएस, डीजीपी, पीएस गृह सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित
सभी जिलों के कमिशनर, आईजी, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, बैठक में वर्चुअली भाग ले रहे हैं|
CM ने क्या क्या कहा?
कमिश्नर, कलेक्टर, आईजी, एसपी के साथ इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ने धीरे-धीरे सुशासन के लिए व्यवस्थागत रूप धारण कर लिया है। कॉन्फ्रेंस का निश्चित एजेंडा है, उस पर बिंदुवार चर्चा होगी। सर्वप्रथम कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा और विश्लेषण किया जायेगा।
कलेक्टर, एसपी अपने-अपने स्तर पर सरकार के प्रतिनिधि हैं। जिलों में उन्हीं के काम पर जनता को सुशासन देना निर्भर है। उन्हीं के कार्य से सरकार की विभिन्न योजनाएं जनता तक पहुंचती हैं।
जिला स्तर पर कलेक्टर एसपी के अच्छे कार्य का बेहतर असर होता है, परंतु जहां ढिलाई रहती है, उससे सरकार की छवि प्रभावित होती है। संपूर्ण प्रशासनिक अमला पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करें।
कमिश्नर, कलेक्टर, आईजी, एसपी के साथ इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ने धीरे-धीरे सुशासन के लिए व्यवस्थागत रूप धारण कर लिया है। कॉन्फ्रेंस का निश्चित एजेंडा है, उस पर बिंदुवार चर्चा होगी। सर्वप्रथम कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा और विश्लेषण किया जायेगा। https://t.co/u2JAg7pspm pic.twitter.com/b5Vc7DTqtT
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 29, 2021
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीसी के माध्यम से "कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस" की बैठक की।
- माफिया के विरूद्ध कार्यवाही, महिला अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था पर समीक्षा।
- माफिया के अतिक्रमण से मुक्त भूमि के उपयोग की समीक्षा।
- 25 दिसंबर से चलाए जा रहे विशेष अभियान अंतर्गत हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ सभी पात्र हितग्राहियों को प्रदान करना सुनिश्चित करने के संबंध में चर्चा।
- सी.एम. हेल्पलाईन अंतर्गत प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा।
- कोविड टीकाकरण अंतर्गत दूसरे डोज लगाने की कार्यवाही की समीक्षा।
- प्रधानमंत्री शहरी पथ विक्रेता स्वनिधि योजना एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना की प्रगति की समीक्षा।
- मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का प्रेजेंटेशन
- प्रदेशव्यापी रोजगार दिवस आयोजन के विशेष संदर्भ में जिला कलेक्टर्स से अपेक्षाओं पर चर्चा।
- सी.एम. राईज योजना का प्रेजेंटेशन एवं जिला कलेक्टर्स से अपेक्षाएं।
- मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना का प्रेजेंटेशन एवं जिला कलेक्टर्स से अपेक्षाएं ।
- मध्यप्रदेश सिकल सेल ( हीमोग्लोबिनोपैथी ) मिशन का प्रेजेंटेशन एवं जिला कलेक्टर्स से अपेक्षाएं ।
- मुख्यमंत्री आवासीय भू - अधिकार योजना का प्रेजेंटेशन एवं जिला कलेक्टर्स से अपेक्षाएं।
जिलों में किए जा रहे नवाचार / बेस्ट प्रेक्टिसेस का प्रेजेंटेशन
- एक जिला- एक पहचान योजना, सीहोर जिला
- स्व - सहायता समूहों का सशक्तीकरण, श्योपुर जिला
- स्वामित्व योजना का क्रियान्वयन, हरदा जिला
सुशासन के लिये मुख्यमंत्री के निर्देश
- सुशासन का अर्थ समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति तक राज्य शासन की सेवाएं सुगमता से पहुंचना है।
- हितग्राही मूलक योजनाओं में जहां एक ओर फ्रेमिंग अर्थात योजना के निर्देश (framing-F) जटिल नही होने चाहिए तथा समय समय पर अनुभवों के आधार पर इनमें सुधार होने चाहिए।
- दूसरी ओर पात्रता अनुसार हितग्राही को लाभ की सैंक्शन अर्थात स्वीकृति (sanction -S) में बिना लिए दिए काम होना चाहिए।
- लाभ स्वीकृति के बाद, हितलाभ वितरण (D-Distribution ) की प्रकिया भी आधार एनेब्लड पेमेंट सिस्टम से आसान एवं पारदर्शी होनी चाहिए।
- FSD, तीनों स्तर पर टेक्नोलॉजी का उपयोग कर प्रक्रियाओं का ऑटोमेशन किया जाए।
- 15 नवंबर से चलाये जाने वाला अभियान अभी ठीक से प्रारम्भ नहीं हुआ है। इस अभियान का व्यापक प्रचार प्रसार करें।
- जन प्रतिनिधियों को, क्राइसिस मैनजमेंट ग्रुप के सदस्यों का इस अभियान में सहयोग लें।
- अभियान के दौरान प्रत्येक ग्राम, प्रत्येक वार्ड में पूर्व निर्धारित तिथि को हितग्राही मूलक योजनाओं की पात्रता के आधार पर छूटे हुए हितग्राहियों से आवेदन प्राप्त किये जाएँ।
- 10 से 15 दिन बाद पुनः शिविर लगाकर जनप्रतिनिधियों के उपस्थिति में हितलाभ का स्वीकृति पत्र हितग्राही को दिया जाए।
- शिकायतों का समय सीमा में उपयुक्त निराकरण हो ।
मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना
- 28 अक्टूबर 2021 से शिवराज सरकार द्वारा “मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना” प्रारंभ की गई है।
- इस योजनांर्तगत, ग्रामीण क्षेत्र में आबादी क्षेत्र की भूमि पर पात्र परिवारों को आवासीय भू-खण्ड उपलब्ध कराये जाना है।
- इस योजनांर्तगत कलेक्टर को आवश्यकतानुसार नवीन आबादी क्षेत्र घोषित करने के निर्देश दिये गए है।
- दिनांक 23 नवम्बर 2021 तक, योजनांर्तगत कुल प्राप्त आवेदनों की संख्या 3242 है।
जिलों से अपेक्षाएं
- योजना का ग्राम स्तर पर प्रचार-प्रसार
- पात्र हितग्राहियों का चिन्हांकन कर आवेदन प्राप्त किया जाना
- समयावधि में जांच
- आबादी भूमि का आंकलन
- आवश्यकतानुसार नवीन आबादी घोषित किया जाना
- आबादी भूमि में ले-आउट स्वीकृति और भूखण्डों का बंटन
- जिला स्तर पर नोडल अधिकारी की नियुक्ति
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का प्रस्तुतिकरण एवं चर्चा की
मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना का क्रियान्वयन
- मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना का क्रियान्वयन पूर्णतः ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा।
- आवेदक द्वारा पोर्टल के माध्यम से संबंधित बैंक शाखा में ऑनलाइन आवेदन प्रेषित किया जायेगा।
- बैंक शाखा द्वारा अधिकतम 6 सप्ताह (As per RBI Guidelines) में आवेदन पर निर्णय लिया जायेगा।
- प्रकरण स्वीकृत किये जाने की दशा में बैंक शाखा द्वारा 1 माह के भीतर ऋण वितरण किया जाकर पोर्टल पर पृविष्टि की जायेगी।
- बैंक शाखा द्वारा हितग्राही के पक्ष में ब्याज अनुदान/ऋण गारंटी फीस अनुदान ऑनलाइन जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र से क्लेम किया जायेगा।
- महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र द्वारा अनुदान राशि हितग्राही के ऋण खाते में ऑनलाइन प्रक्रिया से सीधे हस्तांतरित की जायेगी (DBT) ।
- MSME विभाग द्वारा राज्य स्तर पर नोडल बैंक में पूल खाता संधारित कर अनुदान भुगतान हेतु अग्रिम फण्ड रखा जायेगा।
मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना की समीक्षा एवं जिला कलेक्टर्स को मुख्यमंत्री के निर्देश।
- योजना 20 जिलों के 89 आदिवासी विकासखण्डों में लागू
- योजना के क्रियान्वयन हेतु की जाने वाली कार्यवाही
- सेक्टर का निर्धारण
- हितग्राहियों का चयन
- हितग्राही द्वारा वाहन का चयन
- बैंक से वाहन के लिए ऋण की स्वीकृति
- अनुबंध की कार्यवाही
- दुकानविहीन पंचायतों में नवीन दुकान खोलना।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत जिला कलेक्टर्स को मुख्यमंत्री के निर्देश
- स्थापित नलजल योजनाओं की रेट्रोफिटिंग के कार्य दिनांक 31 मार्च 2022 तक पूर्ण करायें जायें।
- रेट्रोफिटिंग हेतु शेष योजनाओं की डीपीआर/निविदाओं की तत्काल समीक्षा कराएं।
- जिले में ‘’हर घर जल’’ (100% आच्छादित) ग्रामों का भौतिक सत्यापन कराया जाये।
- ‘’हर घर जल’’ ग्रामों का भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार इन ग्रामों को प्रमाण पत्र जारी कराते हुये प्रमाण पत्र, फोटोग्राफ एवं वीडियोग्राफी को वेबसाईट पर अपलोड कराया जाये।
- ‘’हर घर जल’’ ग्रामों में योजना का संचालन-संधारण ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति एवं स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कराया जाये, तथा उपभोक्ताओं से मासिक शुल्क लिये जाने की व्यवस्था की जाये।
- जल जीवन मिशन की योजना लागत का 5-10% अंशदान प्राप्त करने हेतु कार्यवाही की जाये।
- भूजल स्त्रोत आधारित नलजल योजनाओं में स्त्रोत की रिचार्जिंग हेतु 15वें वित्त/मनरेगा से योजनाबद्ध तरीके से कार्य कराये जायें।
- स्त्रोत की रिचार्जिंग हेतु निर्मित की जाने वाली भूजल-रिचार्जिंग संरचनाओं के स्थल चयन हेतु जल संसाधन विभाग एवं पीएचई की संयुक्त सेवायें ली जायें।
- समूह नलजल योजनाओं की विभिन्न विभागों जैसे- वन, पीडब्ल्यूडी आदि विभागों से लंबित अनुमतियों की समीक्षा करते हुये समय-सीमा में अनुमतियॉ जारी करायी जायें।