प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- देश की राजधानी के ऐसे हालात से सोचिए हम दुनिया को क्या संदेश दे रहे हैं


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स्टोरी हाइलाइट्स

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण को रोकने के उपाय उसी तरह करने चाहिए जैसे मौसम खराब होने पर इससे लड़ने के उपाय किए जाते हैं, कल्पना कीजिए कि हम दुनिया को क्या संदेश दे रहे हैं..

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर सुनवाई की, जिसमें मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने फिर केंद्र सरकार को फटकार लगाई. शीर्ष अदालत ने कहा कि, सरकार निर्माण फिर से शुरू करने की मांग कर रही है और किसान भी पराली जलाने पर प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, 21 नवंबर तक के लिए प्रतिबंध था लेकिन अब स्थिति बेहतर है.

उन्होंने कहा, "दिल्ली की वायु गुणवत्ता 16 नवंबर को 403 AQI थी और यह सुधरकर 290 AQI हो गई है. 26 नवंबर तक हवा की स्थिति में सुधार जारी रहेगा." जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण को रोकने के उपाय उसी तरह करने चाहिए जैसे मौसम खराब होने पर इससे लड़ने के उपाय किए जाते हैं. यह देश की राजधानी का हाल है.

कल्पना कीजिए कि हम दुनिया को क्या संदेश दे रहे हैं ."हवा की दिशा और गति में वृद्धि से एयर क्वालिटी ठीक हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने क्या किया है ?" अदालत ने कहा. इस बीच, सरकार की और से बकील ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए कर्मचारियों के लिए बसें चलाई गई हैं. 15 साल और उससे अधिक पुरानें वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. इस बीच, अदालत ने आगे की सुनवाई के लिए 29 नवंबर की तारीख तय की है.