एक अनोखा मामला सामने आया है जिसमें एक IAS की नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखने वाले शाह फैसल (Shah Faesal) अब फिर सिविल सेवा ( Civil Services) में वापसी कर रहे हैं..!
NewDelhi: अपने आप में यह एक अनोखा मामला है जिसमें प्रतिष्ठित IAS की नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखने वाले शाह फैसल (Shah Faesal) अब फिर सिविल सेवा ( Civil Services) में वापसी कर रहे हैं। देश में बढ़ती असहिष्णुता का हवाला देकर 2019 में इस्तीफा देने के तीन साल बाद शाह फैसल ने गलती महसूस होने पर अपना इस्तीफा वापस लेने का फैसला किया और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके बहाली को मंजूरी दे दी है।
फैजल ने 2009 के UPSC Topper हैं। 9 जून 2010 को जारी परिणाम सूची के अनुसार उन्होंने 2300 में 1361 अंक प्राप्त कर पहला स्थान हासिल किया था। इसी के साथ उन्होंने जम्मू कश्मीर का नाम रोशन किया था क्योंकि इसके पहले इस प्रांत से किसी ने UPSC Top नहीं किया था।
गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) जल्द ही शाह फैसल की नए सिरे से पोस्टिंग का ऐलान करेगा। गृह मंत्रालय मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने फैसल की इस्तीफा वापस लेने की याचिका को स्वीकार कर लिया गया है। गृह मंत्रालय, जो अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (AGMUT) कैडर के लिए कैडर नियंत्रण प्राधिकरण है, ने इस्तीफा वापस लेने की उनकी याचिका के बारे में जम्मू-कश्मीर प्रशासन से राय मांगी थी। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, आईएएस की देखभाल करने वाले विभाग के अलावा सभी तिमाहियों की रिपोर्ट मिलने के बाद, उनकी याचिका को स्वीकार करने का निर्णय लिया गया।
क्यों छोड़ी थी नौकरी-
देश में बढ़ती असहिष्णुता का हवाला देकर आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने जनवरी 2019 में अपना इस्तीफा सरकार को सौंप दिया था। इसके बाद उन्होंने जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) पार्टी बनाई थी। हालांकि, 5 अगस्त 2019 को तत्कालीन राज्य जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने के तुरंत बाद फैसल को कड़े सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में ले लिया गया था।
फिर हुआ गलती का अहसास-
अपनी रिहाई के बाद, फैसल ने राजनीति छोड़ दी और सरकारी सेवा में फिर से शामिल होने की अपनी इच्छा के संकेत देना शुरू कर दिया। उधर, सरकारी सूत्रों के अनुसार फैसल का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था। दरअसल, डॉक्टर से नौकरशाह बने शाह फैसल ने राजनीतिक पार्टी बनाते समय यह दावा किया था कि वह जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रित राजनीति को पुनर्जीवित करेंगे। लेकिन अचानक से उन्होंने राजनीति छोड़ने का फैसला कर लिया।
एक इंटरव्यू में, फैसल ने कहा था, "IAS छोड़ने के तुरंत बाद, मुझे अहसास हुआ कि मेरे असंतोष के सहज कार्य को देशद्रोह के कार्य के रूप में देखा जा रहा था। इसने लाभ से अधिक नुकसान किया था और मेरे कार्य ने बहुत कुछ हतोत्साहित किया था। सिविल सेवा के उम्मीदवारों और मेरे सहयोगियों ने खुद को ठगा हुआ महसूस किया। इसने मुझे बहुत परेशान किया।"
परिवार ने झेला है आतंकवाद का दंश-
उत्तरी कश्मीर के सुदूरवर्ती गांव लोलाब के रहने वाले शाह फैसल के पिता 2002 में आतंकवादियों द्वारा मारे गए थे। फैसल ने 2009 में यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया था। हालांकि, राजनीति में आने के बाद उन्हें अगस्त, 2019 में दिल्ली हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया था। यहां से उनको वापस श्रीनगर भेज दिया गया और श्रीनगर में ही हिरासत में रखा गया।
उन्हें फरवरी 2020 में ड्रैकियन पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत बुक किया गया था जिसे चार महीने बाद रद्द कर दिया गया था।
वो कष्टकारी 8 महिने जम्मू-कश्मीर से यूपीएससी के पहले टॉपर रहे फैसल ने हाल ही में सरकारी सेवा में अपनी वापसी के संकेत दिए थे। ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, उन्होंने 2019 में अपने आदर्शवाद के बारे में बात की, जब उन्होंने राजनीति में शामिल होने के लिए सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया।
फैसल ने ट्वीट किया...मेरे जीवन के 8 महीनों (जनवरी 2019-अगस्त 2019) के दौरान मैं लगभग समाप्त हो गया था। एक कल्पना का पीछा करते हुए, मैंने लगभग वह सब कुछ खो दिया जो मैंने वर्षों में बनाया था। नौकरी। दोस्त। प्रतिष्ठा। सार्वजनिक सद्भावना। लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं खोई। मेरे आदर्शवाद ने मुझे निराश किया है। लेकिन मुझे अपने आप पर विश्वास था कि मैंने जो गलतियाँ की थीं, उन्हें मैं पूर्ववत कर दूँगा। वह जीवन मुझे एक और मौका देगा। मेरा एक हिस्सा उन 8 महीनों की स्मृति से थक गया है और उस विरासत को मिटाना चाहता है। इसमें से बहुत कुछ है पहले ही चला गया। समय बाकी लोगों को विश्वास में ले जाएगा।
8 months of my life (Jan 2019-Aug 2019) created so much baggage that I was almost finished.
— Shah Faesal (@shahfaesal) April 27, 2022
While chasing a chimera, I lost almost everything that I had built over the years. Job. Friends. Reputation. Public goodwill.
But I never lost hope.
My idealism had let me down. 1/3
But I had faith in myself. That I would undo the mistakes I had made.
— Shah Faesal (@shahfaesal) April 27, 2022
That life would give me another chance.
A part of me is exhausted with the memory of those 8 months and wants to erase that legacy. Much of it is already gone. Time will mop off the rest In believe. 2/3
Just thought of sharing that life is beautiful. It is always worth giving ourselves another chance.
— Shah Faesal (@shahfaesal) April 27, 2022
Setbacks make us stronger.
And there is an amazing world beyond the shadows of the past.
I turn 39 next month. And I'm really excited to start all over again. 3/3
ट्वीट में आगे लिखा....बस यह साझा करने के बारे में सोचा कि जीवन सुंदर है। यह हमेशा खुद को एक और मौका देने के लायक है। असफलताएं हमें मजबूत बनाती हैं। और अतीत की छाया से परे एक अद्भुत दुनिया है। मैं अगले महीने 39 साल का हो गया हूं। और मैं वास्तव में उत्साहित हूं।
Thank you @AdvaitaKala.
— Shah Faesal (@shahfaesal) April 29, 2022
As I look back, many words I said, things I did, people I met, causes I stood for and means I adopted were wrong.
But then it's those mistakes that have made me what I am today. I suffered for the choices I made and only suffering can redeem us. https://t.co/pHNJsI1J2e