प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 8 साल की सफलता, असफलता के सबके अपने-अपने पैमाने हैं| विपक्ष 8 साल को असफल बता रहा है| समर्थक मोदी के कार्यकाल को न केवल सफल मान रहे हैं बल्कि इसे भारत के लिए ऐतिहासिक काल बता रहे हैं| लोकप्रियता और जनसमर्थन को मापदंड माने तो नरेंद्र मोदी गैर कांग्रेसी पहले व्यक्ति हैं जो इतने समय तक प्रधानमंत्री रहे हैं..!
देश और दुनिया में मोदी ने भारत के वैभव को पुनर्स्थापित किया है| भारत में उन्हें भले मुस्लिम विरोधी माना जाता है, लेकिन दुनिया के इस्लामिक देश उनका नागरिक अभिनंदन कर गौरवान्वित होते हैं| मोदी सरकार के महत्वपूर्ण फैसलों से देश में आये बदलाव पर चर्चा और आकलन से पहले 17 वर्ष के नौजवान के प्रधानमंत्री बनने तक के सफर में आरएसएस के योगदान पर चर्चा जरूरी होगी|
किसी भी व्यक्ति के उदय में उसका भाग्य हो सकता है| लेकिन उसको तलाशने और संवारने में कोई न कोई तपस्या जरूर होती है| कभी यह तपस्या मां बाप या परिवार की होती है और कभी यह तपस्या समाज के उत्थान के लिए काम करने वाली संस्थाओं की होती है| मोदी की सफलता के पीछे आरएसएस की तपस्या सर्वविदित है|
नरेंद्र मोदी ने 17 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता ली थी| तब से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनने तक वह संघ के विभिन्न पदों पर काम करते रहे| आजादी के पहले 27 सितंबर 1925 से भारतीय राष्ट्रवाद और मातृभूमि की निस्वार्थ सेवा के लिए कार्यरत “संघ” व्यक्ति निर्माण और चरित्र निर्माण का काम कर रहा है|
राष्ट्रवाद के लिए समर्पित युवाओं की तलाश, उनकी सांस्कृतिक परवरिश, चरित्र निर्माण की संघ की तपस्या कई बार बाधित की गई, कई बार प्रतिबंधित की गई| यहां तक की कई बार सरकारों ने संघ की गतिविधियों को राष्ट्र हित में नहीं मानते हुए कार्यवाही भी की|
दुनिया का सम्भवतः ये पहला संगठन है जो 96 साल से काम कर रहा है| तमाम अवरोधों के बावजूद संघ ने नरेंद्र मोदी के रूप में ऐसा स्वयंसेवक निर्मित किया जो आज भारत का प्रधानमंत्री है| मोदी के पीछे राष्ट्रवाद के लिए समर्पित लंबी तपस्या और बलिदान है|
गुजरात में तो मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी को गोधरा की घटनाओं के बाद मुस्लिम समुदाय का विरोधी माना जाता था| मोदी विनम्र है तो दबंग भी हैं| वह अपने लक्ष्य के लिए समर्पित हैं तो सर्वधर्म समभाव के लिए कटिबद्ध हैं| मोदी के पहले केंद्र की सरकार पॉलिसी पैरालिसिस की शिकार थी| तत्कालीन सरकारें परिवारवाद की कोख से जन्मी होती थी|
मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही भारतीय राजनीति में भूचाल जैसा परिवर्तन आया था| विचारधारा का भी परिवर्तन था, राष्ट्र को लेकर दिशा दशा और दृष्टि का भी परिवर्तन था, दिल्ली में मोदी का पहुंचना, भारतीय राजनीतिक गलियारे में एक ऐसे प्लेयर का पहुंचना था, जो दिल्ली की राजनीतिक गलियों में न केवल नया था, बल्कि उसकी राजनीति के नियम और नियत बिल्कुल साफ थी|
राष्ट्रवादी विचारधारा के चिंतक, विचारक और दर्शन का लंबा अनुभव साथ था, निर्णय लेने में डर नहीं था| निर्णय का आधार केवल राष्ट्रहित था| इसलिए कुछ और सोचने की जरूरत ही नहीं थी| मोदी सरकार के 8 साल के आकलन के लिए केवल आठ फैसलों पर ही नजर डालें तो हम पाएंगे कि कैसे इन फैसलों ने देश में आशा और विश्वास का संचार किया| लीडरशिप के प्रति अविश्वास की भावना को समाप्त कर जन समर्थन और विश्वसनीयता का मोदी ने एक नया इतिहास रचा है|
नरेंद्र मोदी ने सबसे बड़ा क्रांतिकारी फैसला नोट बंदी का लिया था| पूरा देश हिल गया था| ऐसा लगा था कि अब ना मालूम क्या होगा| लेकिन इस फैसले के परिणाम देश हित में रहे| काला धन बाहर हुआ| आतंकवादियों की फंडिंग के सोर्स रुके| जनता ने इसका भरपूर समर्थन किया|
उसके बाद हुए चुनावों में तमाम अटकलों के बावजूद, बीजेपी ने शानदार सफलता हासिल की| पड़ोसी देशों को मुंह की देखनी पड़ी| देश के खिलाफ विदेशी गतिविधियों पर फाइनल रोक लगाने के लिए मोदी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक की| यद्यपि इस पर भी विपक्ष ने सवाल उठाए हैं| लेकिन बाद में इस स्ट्राइक के नतीजे धीरे धीरे दिखाई पड़े| पड़ोसी दुश्मन देश को परास्त करने की यह स्ट्राइक अभी तक काम कर रही है|
देश में टैक्सेशन की एकरूपता के लिए कांग्रेस की सरकारें प्रयास करती रही, लेकिन फैसले लेने की हिम्मत नहीं दिखा सकी| नरेंद्र मोदी ने जीएसटी पर फैसला लिया और उसे पूरी ताकत से लागू किया| आज देश में एक समान टैक्स प्रणाली लागू है, इससे टैक्सेशन की प्रक्रिया आसान हुई है| टैक्स कलेक्शन भी बढ़ा है| डीजल पेट्रोल को भी जीएसटी के दायरे में लाने की जरूरत है|
ताकि सभी राज्यों में एक समान टैक्स इस पर भी हो सके| मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के दर्द से मुक्ति भी नरेंद्र मोदी की सरकार ने ही दिलाई है| तीन तलाक के विरुद्ध कानून बनाया गया| इसके परिणाम स्वरूप मुस्लिम समुदाय में महिलाओं के सम्मान और प्रतिष्ठा को नया आयाम मिला है|
जम्मू कश्मीर भारत का मस्तक है वहां पर धारा 370 के रूप में ऐसा कानून चल रहा था जिससे कश्मीर का भारत के साथ भावनात्मक एकीकरण रुका हुआ था| मोदी सरकार ने इस धारा को हटाकर जम्मू कश्मीर का भारत के साथ एकीकरण करके, ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की है| इस पर पाकिस्तान ने बहुत हो हल्ला मचाया| लेकिन मोदी की अंतरराष्ट्रीय छवि से प्रभावित दुनिया के दूसरे मुस्लिम देशों ने इसका समर्थन किया|
पड़ोसी देशों में रहने वाले हिंदू अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता देने के लिए कानून में संशोधन मोदी सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जाती है| CAA और NRC को ताकत के साथ लागू करना ज़रूरी है| सरकारी बैंकों का विलय भी मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जाता है| नरेंद्र मोदी धर्म और आस्था के विषयों को उतना ही महत्व देते हैं जितना आवश्यक होता है|
गवर्नेंस में उन्होंने धर्म को भेदभाव का आधार नहीं बनाया| मोदी सरकार ने जो भी योजनाएं बनाई हैं उनमें सभी धर्मों को लाभ मिलता है| जन धन योजना, उज्जवला योजना, किसान सम्मान निधि, आयुष्मान भारत के साथ कोरोना वैक्सीन में कोई जातिगत और धार्मिक भेदभाव नहीं होता| सभी को समान रुप से योजनाओं का लाभ मिलता है|
“मोदी है तो मुमकिन है” उनकी हर बात पर देश को यकीन है| मोदी की आज दुनिया दीवानी दिख रही है| वह भारत में नई कहानी लिख रहे हैं| देश के मजबूत वजीर के रूप में नरेंद्र मोदी ने आज देश के दिल में जगह बना ली है| मोदी किसी की लकीर छोटी करने में भरोसा नहीं रखते| वह अपनी लकीर बड़ी करते हैं|
भारतीय संस्कृति और गौरव की पुनर्स्थापना का यह भारतीय दौर है| व्यक्तिगत रूप से मोदी शक्ति के भंडार दिखते हैं| उनमें काम करने की असीमित ऊर्जा है| राष्ट्र उनके लिए सबसे पहले होता है| भारत के सामने आज भी बहुत चुनौतियां हैं| बेरोजगारी, महंगाई लोगों को परेशान कर रही है| इस दिशा में और कदम उठाए जाने की जरूरत है|
संघ की सोच और मोदी का नेतृत्व देश को सही दिशा में ले जा रहा है ऐसी आशा की जा सकती है| देश का भविष्य सुरक्षित और प्रगतिशील है| अब देश की जनता सामान नागरिक संहिता के लिए मोदी की ओर आशा भरी नजरों से देख रहे हैं| जहां तक ये लोकसभा चुनाव और अगले प्रधानमन्त्री की बात है उसमे समर्थक तो समर्थक विपक्ष भी यह मान चुका है कि 2024 में ये पद खाली नहीं है|