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प्रधानमंत्री मोदी ने दिया जनजातीय गौरव गाथा को सहेजने पर जोर

सार

प्रधानमंत्री मोदी ने  भोपाल की धरती से देश के सकल जनजातीय समुदाय के सामाजिक, आर्थिक उत्थान के लिए  सरकार की ओर से अनेक  ऐतिहासिक घोषणाएं की।

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विस्तार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगभग साढ़े तीन घंटे के अपने भोपाल प्रवास में मध्यप्रदेश के जनजातीय समाज  और भोपाल वासियों को अभिभूत कर दिया । भोपाल वासियों को आधुनिकतम विश्व स्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित रानी कमलापति स्टेशन की सौगात देने के पहले प्रधानमंत्री ने जंबूरी मैदान में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस समारोह के मंच से  मध्यप्रदेश के कोने कोने से आए जनजातीय समुदाय के ढाईं लाख से अधिक भोले भाले आदिवासियों को यह भरोसा दिलाया कि देश की जनजातीय आबादी की अस्मिता, संस्कृति, सम्मान और गौरव की रक्षा के लिए उनकी  सरकार कोई कसर बाकी नहीं रखेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने  भोपाल की धरती से देश के सकल जनजातीय समुदाय के सामाजिक, आर्थिक उत्थान के लिए  सरकार की ओर से अनेक  ऐतिहासिक घोषणाएं की। प्रधानमंत्री इस भव्य समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर जनजातीय समुदाय  को  यह अनुभूति कराने में सफल रहे कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन और स्वातंत्र्योत्तर भारत की प्रगति में  जनजातीय समुदाय के अविस्मरणीय योगदान का समुचित मूल्यांकन करने के लिए मोदी सरकार की  प्रतिबद्धता असंदिग्ध है । प्रधानमंत्री मोदी ने इस समारोह में अपनी उपस्थिति से लाखों आदिवासियों के दिल जीतने के बाद पुराने हबीबगंज स्टेशन का विश्वस्तरीय रानी कमलापति स्टेशन के रूप में लोकार्पण किया।

उल्लेखनीय है कि गौड़ वंश की रानी के रूप में रानी कमलापति के कार्यकाल में  भोपाल में अनेक शैक्षणिक,सांस्कृतिक ऐतिहासिक महत्व के निर्माण कार्य कराए गए  जो आज भी बाहर से भोपाल आने वाले और स्थानीय पर्यटकों और सैलानियों के  लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। आदिवासी समुदाय के भगवान और जनजातीय गौरव के प्रतीक विरसा मुंडा के जन्मदिवस के अवसर पर भोपाल में जनजातीय गौड़ वंश की रानी कमलापति के सम्मान में उनके नाम से विश्वस्तरीय स्टेशन का नामकरण और जनजातीय गौरव दिवस समारोह के आयोजन के लिए मध्यप्रदेश की सरकार सराहना की हकदार ‌बन  गई है जिसने भगवान विरसा मुंडा की जयंती को  जनजातीय गौरव दिवस समारोह के रूप में भव्य स्तर पर मनाने का फैसला किया है। इस समारोह  में भाग लेकर  लौटते वक्त जनजातीय समुदाय के लाखों लोगों के  अप्रतिम खुशी से दमकते चेहरे इस बात की गवाही दे रहे थे कि अब उन्हें समाज में अपना जायज हक मिलने ‌मे शक की कोई गुंजाइश नहीं है।

इस रंगारंग समारोह में  प्रधानमंत्री मोदी को जब आदिवासियों के हाथों से निर्मित आकर्षक ,मनोरम उपहार भेंट किए गए तो वे अत्यंत भावविभोर हो उठे ।इस कार्यक्रम में आदिवासी कलाकारों ‌‌‌‌की  अनूठी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने जो मनोहारी छटा बिखेरी उसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह कहना ग़लत नहीं होगा कि  प्रधानमंत्री मोदी के मुख्यातिथ्य में संपन्न दोनों समारोह परोक्ष रूप में एक दूसरे से जुड़े हुए थे। मोदी सरकार ने  पुराने  हबीबगंज स्टेशन का रानी कमलापति स्टेशन के रूप में जो नामकरण किया है  उसके पीछे सरकार का पुनीत उद्देश्य यही है कि जनजातीय  समाज के गौरव, गरिमा और अस्मिता को अक्षुण्ण रखने के लिए आत्मोसर्ग करने वाली महान विभूतियों की यशगाथा से आने वाली  पीढ़ियां अपरिचित न रहें। यही कारण है कि जिस दिन पुराने हबीबगंज स्टेशन का उसके भव्य स्वरूप में रानी कमलापति स्टेशन के रूप में नामकरण किया गया उसी दिन  राजधानी में जनजातीय गौरव दिवस का गरिमा मय कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। दोनों कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री की मौजूदगी  मध्यप्रदेश से उनके लगाव की परिचायक थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में आदिवासी समुदाय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनसे मिला प्यार और विश्वास हमें उनकी  सेवा के लिए प्रेरणा देता है। इसी सेवा भाव से शिवराज सरकार ने राशन आपके ग्राम योजना शुरू करने का फैसला किया है। प्रदेश सरकार ने जनजातीय समुदाय के हितों को  सिकेल सेल मिशन प्रारंभ किया है।  प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आदिवासी कलाकारों द्वारा परंपरा गत गीतों की धुन पर प्रस्तुति से अभिभूत होते हुए कहा कि इन गीतों में जीवन का वास्तविक तत्व ज्ञान समाया हुआ है जिनसे सुशिक्षित शहरी समुदाय भी‌ बहुत कुछ सीख सकता है। प्रधानमंत्री ने कोरोना टीकाकरण हेतु आदिवासियों द्वारा दिखाए गए उत्साह की भी सराहना की ।

प्रधानमंत्री ने जनजातीय समुदाय में शिक्षा के प्रचार-प्रसार की दृष्टि से न ई  राष्ट्रीय शिक्षा नीति को उपयोगी बताते हुए कहा कि सरकार उनके विकास के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में महारानी दुर्गावती, महारानी कमलापति और महाराणा प्रताप की शौर्य और पराक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी यशगाथाओं से नमी पीढ़ी को अवगत कराने की आवश्यकता है । इसी भावना से सरकार ने रांची में आदिवासियों के भगवान विरसा मुंडा का एक संग्रहालय बनाने का फैसला किया।

प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों की इस बात के लिए तीखी आलोचना की कि उन्होंने आदिवासियों के सामाजिक आर्थिक उत्थान के प्रति हमेशा उदासीन बनी रहीं। प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी इस उदासीनता को अपराध निरूपित करते हुए कहा कि इस पर राष्ट्रीय मंचों से चर्चा होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच घोषणा की कि देश में जिस उत्साह और उल्लास के साथ महात्मा गांधी जयंती, सरदार पटेल जयंती और अंबेडकर जयंती के आयोजन किए जाते हैं उसी तरह आगे आने वाले वर्षों में आदिवासियों के भगवान विरसा मुंडा की जयंती भी मनाई जाएगी।