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ग्लोबल प्लेयर मैच से हटे, नॉट फेयर

सार

    भारतीय टीम ने पाकिस्तान को क्रिकेट में भी रौंद दिया है. युद्ध और खेल में दो पर्टियां होती हैं. दोनों में जीत मायने रखती है. ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान को युद्ध में भी घुसकर मारा और क्रिकेट में भी जमकर धोया..!!

janmat

विस्तार

    एशिया कप क्रिकेट एक अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला है. यह पाकिस्तान के साथ बाईलेट्रल खेल नहीं है. अंतर्राष्ट्रीय ऑब्लीगेशन के कारण भारत को खेलना पड़ा. इसके लिए देश में आलोचना भी हो रही है. यह कहा जा रहा है, कि जब खून और पानी साथ नहीं बह सकते तो फिर क्रिकेट मैच साथ कैसे खेला जा सकता है? पाकिस्तान से ना तो भारत की सरकार, ना ही बीसीसीआई और ना ही कोई भी नागरिक रिश्ते रखना चाहता है.

     पहलगाम टेररिस्ट अटैक के बाद पाकिस्तान के साथ सारे रिश्ते तोड़ दिए गए हैं. यह क्रिकेट मैच भी पाकिस्तान के साथ किसी रिश्ते के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. यह मैच भारत के सम्मान की रक्षा के लिए था. भारत अगर पाकिस्तान के साथ मैच खेलने से इनकार कर देता तो इस सीरीज से बाहर हो जाता. जो भारत जीत सकता था, उसे केवल इसलिए क्या बाहर हो जाना चाहिए कि उसे पाकिस्तान से खेलना पड़ रहा है? 

     केवल क्रिकेट मैच का सवाल नहीं है. भारत की खेल प्रतिभाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी काबिलियत साबित कर रही हैं. चाहे ओलंपिक हो एशियाड हो या और कोई अंतरराष्ट्रीय खेल हो. जहां भारत शामिल होगा, वहां पाकिस्तान को भी भाग लेने से कोई रोक नहीं लगी हुई है. ऐसी स्थिति में केवल इस बात के लिए कि पाकिस्तान जिस मैच में होगा, उसमें भारत नहीं खेलेगा, तो फिर तो भारत को सभी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों से बाहर आना पड़ेगा. ऐसी परिस्थितियां क्या राष्ट्र हित में होंगी. जो लोग भी भावनात्मक रूप से इस मैच को नापसंद कर रहे हैं, उस पर किसी को आपत्ति नहीं है. 

    भारत की सरकार और बीसीसीआई का भी यही पक्ष है, कि पाकिस्तान के साथ कोई भी मैच नहीं खेला जाएगा. लेकिन यह दो राष्टों के बीच होने वाले खेलों पर ही लागू होगा. जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल हो रहे हैं, उनमें तो भारत केवल यही कर सकता है कि पाकिस्तान से डर कर खुद उस खेल से बाहर आ जाए, जिसमें पाकिस्तान की टीम खेल रही है.

    भारतीय टीम ने जिस तरह से पाकिस्तान की टीम को मैच में सबक सिखाया है, वह भी ऑपरेशन सिंदूर का ही एक्सटेंशन कहा जा सकता है. भारतीय टीम ने पाकिस्तान के साथ हाथ मिलाने तक की औपचारिकता नहीं निभाई. भारतीय टीम ने यह संदेश भी दिया कि मैच में पाकिस्तान पर भारतीय टीम की जीत सेना को समर्पित की जाती है. यह बात जरूर है कि अगर गलती से भी भारतीय टीम हार जाती तो फिर भारतीयों की भावना को संभालना मुश्किल हो जाता.

    इस पर राजनीति भी हो रही है. सभी राजनीतिक दल इस मैच का इसलिए विरोध कर रहे हैं कि भाजपा की केंद्र सरकार ऑपरेशन सिंदूर को भारत का न्यू नॉर्मल कह रही है. अब नरेंद्र मोदी और पूरी सरकार पाकिस्तान के साथ सारे रिश्ते तोड़ चुकी है. यहां तक कि सिंधु जल समझौता भी स्थगित कर दिया गया है. पाकिस्तान की ओर से इस पर पुनर्विचार के अनुरोध को भी ठुकरा दिया गया है. 

    पाकिस्तान के साथ टॉक और ट्रेड पूरी तरह से प्रतिबंधित है. देशवासियों के लिए यह सोचना कठिन है कि जब सरकार इतनी ज्यादा कठोर है, तो फिर क्रिकेट मैच कैसे खेला जा सकता है? बीजेपी की तो राष्ट्रवाद यूएसपी है. राष्ट्रवाद के लिए पाकिस्तान में घुसकर मारने की नीति मोदी सरकार में ही चालू हुई है. भारत के लोगों ने इसके लिए बीजेपी की सरकार को चुनाव में भी जनादेश से नवाजा है. 

    क्रिकेट मैच को लेकर भाजपा विरोधी राजनीतिक दल उसके राष्ट्रवाद को फर्जी राष्ट्रवाद कह रहे हैं. खेल और युद्ध में जीत जरूरी है. ग्लोबल वर्ल्ड में आप जीत सकते हैं, लेकिन किसी को मिटा नहीं सकते हैं. पूरी दुनिया आज एक विलेज के रूप में एक दूसरे से जुड़ी हुई है. आपस में युद्ध लड़ने वाले  दो देश भी अंतरराष्ट्रीय फोरम पर एक-दूसरे के साथ खड़े होते हैं. जब दो देशों के बीच बातचीत या खेल की बात आती है तब जरूर हमारी राष्ट्रीयता मजबूती से खड़ी रहती है.

    जो लोग क्रिकेट मैच का विरोध कर रहे हैं उनको यह समझना जरूरी है कि पाकिस्तान के लिए क्या भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने खेलों को छोड़ सकता है. क्या भारत के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा दिखाने का मौका केवल इसलिए नहीं मिलेगा कि इन खेलों में पाकिस्तान की टीम भी होगी? इसे राष्ट्रहित नहीं कहा जाएगा. 

    राष्ट्रभक्ति यही है कि हमारे खिलाड़ी विश्व के हर खेल में ना केवल खेलें बल्कि जीतकर भारत की गरिमा और गौरव को चार चांद लगाएं. इन प्रतियोगिताओं में जब भी पाकिस्तान के साथ खेलने का अवसर आए तो वहां की टीम को युद्ध जैसे ठिकाने लगाया जाए. भारतीय टीम में क्रिकेट मैच में जिस तरह से पाकिस्तान को हराया है और उसके बाद हाथ ना मिलाकर जो दुनिया को मैसेज दिया है, उसकी पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर जैसी ही चर्चा हो रही है. पाकिस्तानी खिलाड़ियों को अपशब्दों से नवाजा जा रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ऐसे कमेंट से भरे पड़े हैं. 

     खेल को खेल की नजर से ही देखा जाना चाहिए. इसको युद्ध से जोड़ने की जरूरत नहीं है. लेकिन हर खेल में भारत की जीत जरूर अपेक्षित है. हमारी सेना भी तैयार है. हमारी क्रिकेट टीम भी तैयार है. युद्ध और खेल दोनों में पाकिस्तान को धूल चटाना जारी रहेगा.

    खून और पानी साथ नहीं बह रहा है और आगे भी नहीं बहेगा. सब तरह से हारते पाकिस्तान के लिए भारत जीतना तो नहीं छोड़ सकता. हम जीते हैं और जीतते रहेंगे. राष्ट्रवाद और राष्ट्रभक्ति राजनीतिक नहीं है. यह हमारा खून है. हर भारतवासी के खून की इस गर्मी से पाकिस्तान तपता रहा है तपता रहेगा.