शराब से हो रहे नुकसान के आंकड़े सामने है, सरकार भी जानती है, परन्तु राजस्व मोह!
शराब और सरकार का रिश्ता भी गजब है |मध्यप्रदेश में सरकार शराब से मिलने वाले राजस्व का मोह छोड़ नहीं पा रही है। जो दुकानें नीलाम नहीं हो सकी वो सरकार खुद चला रही है। शराब से हो रहे नुकसान के आंकड़े सामने है, सरकार भी जानती है, परन्तु राजस्व मोह!
विश्व स्वास्थ्य संगठन की शराब और स्वास्थ्य स्टेटस रिपोर्ट (2018) के अनुसार विश्व में वर्ष 2016 में शराब से 30 लाख मौतें हुईं। वर्ष 2016 में शराब के कारण हुई मौतों में से 28.7 प्रतिशत चोटों के कारण हुईं, 21.3 प्रतिशत पाचन रोगों के कारण हुईं, 19 प्रतिशत हृदय रोगों के कारण हुईं, 12.9 प्रतिशत संक्रामक रोगों से हुईं और 12.6 प्रतिशत कैंसर से हुईं। 20 से 29 आयु वर्ग में होने वाली मौतों में से 13.5 प्रतिशत शराब के कारण होती हैं।
सड़क दुर्घटनाओं में शराब के कारण वर्ष 2016 में 370000 मौतें हुईं। इनमें से 187000 ऐसे व्यक्ति थे जो स्वयं गाड़ी नहीं चला रहे थे। शराब के कारण इस वर्ष 150000 आत्म-हत्याएं हुईं व 90000 मौतें आपसी हिंसा में हुईं। कम समय में अधिक पी लेने से कोमा में आने और मृत्यु तक का परिणाम हो सकता है।
इस रिपोर्ट ने यह भी बताया है कि 200 तरह की बीमारियों और चोटों में शराब का हानिकारक उपयोग एक कारण है। लिवर सिरोसिस और अनेक तरह के कैंसर में शराब एक महत्त्वपूर्ण कारण है। पहले अधिक शराब पीने को ही मस्तिष्क की क्षति, याद रखने की क्षमता पर प्रतिकूल असर और डिमेनशिया से जोड़ा जाता था पर अब ऑक्फोर्ड यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के नए अनुसंधान (ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित) से पता चलता है कि अपेक्षाकृत कम शराब पीने से भी मस्तिष्क की ऐसी क्षति होती है।
यह तो सब जानते हैं कि शराब स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है, पर शराब उद्योग यह मिथक फैलाने के लिए प्रयासरत रहा है कि थोड़ी सी शराब पीने से नुकसान नहीं होता है। यह केवल एक मिथक ही है। सच्चाई हाल के अध्ययन में सामने आई है जो प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल द लांसेट में प्रकाशित हुआ।लगभग 500 विशेषज्ञों के समूह के मुख्य लेखक मैक्स ग्रिसवोल्ड ने इस अध्ययन के निष्कर्ष के बारे में बताया है, “एल्कोहल की कोई ऐसी सुरक्षित मात्रा नहीं है। (न्यूनतम मात्रा से भी नुकसान होता है)। आगे जैसे-जैसे एल्कोहल का प्रतिदिन का उपयोग बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे स्वास्थ्य के खतरे भी बढ़ते जाते हैं।”
नशीली दवाओं, एल्कोहल और एडिक्टिव बिहेवियर के विश्वकोष के अनुसार मौत होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में से 44 प्रतिशत में एल्कोहल की भूमिका पाई गई है। दुर्घटना में मरने वाले 50 प्रतिशत तक मोटर साईकिल चालकों के शराब के नशे में होने की संभावना पाई गई है।एक विश्वकोष के अनुसार घर में होने वाली दुर्घटनाओं में 23 से 30 प्रतिशत में एल्कोहल की भूमिका होती है।
आग लगने और जलने से मौत होने की 46 प्रतिशत दुर्घटनाओं में एल्कोहल की भूमिका होती है।यदि शराब न पिए हुए व्यक्ति से तुलना करें तो शराब पीने के बाद किसी व्यक्ति में आत्म-हत्या का खतरा सात गुणा बढ़ जाता है और अधिक मात्रा में शराब पीने के बाद यह खतरा 37 गुणा बढ़ जाता है। एल्कोहल उपयोग डिसआर्डर के कारण अवसाद की संभावना कम से कम दोगुना बढ़ जाती है।
विभिन्न देशों में होने वाले अध्ययनों में यह महत्त्वपूर्ण तथ्य सामने आया है कि 50 प्रतिशत से अधिक यौन हिंसा और हमलों में शराब और नशीली दवाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।