पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि पिछले तीस साल से पाक आतंकवादी तैयार करने का काम कर रहा था, साथ ही उन्होंने यह भी सफाई दी कि पाकिस्तान ने ये गंदा काम अमेरिका व ब्रिटेन जैसे देशों के कहने पर किया..!!
पहलगाम में हुए खौफनाक आतंकी हमले ने पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया है। भारत तथा अंतर्राष्ट्रीय दबाव के आगे लाचार हुए पाकिस्तान के सत्ताधीशों ने स्वीकार किया कि वे पिछले तीस साल से आतंक की फसल सींच रहे थे।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि पिछले तीस साल से पाक आतंकवादी तैयार करने का काम कर रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी सफाई दी कि पाकिस्तान ने ये गंदा काम अमेरिका व ब्रिटेन जैसे देशों के कहने पर किया।
प्रश्न यह है कि क्यों पाक ने एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में अपने नैतिक दायित्व का पालन नहीं किया? यह तथ्य किसी से छिपा नहीं कि पाकिस्तान ये काली करतूतें डॉलर की भूख मिटाने के लिये कर रहा था। साथ ही वह दुनिया के इस्लामी देशों का नेतृत्व हासिल करने के लिये इस कट्टरपंथ की फसल सींच रहा था। उसने पूरी दुनिया को दहलाने के लिये अपने आतंकी निर्यात किए। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की यह स्वीकारोक्ति भारत द्वारा लंबे समय से लगाये जा रहे उन आरोपों की पुष्टि ही है, जिसमें पाक को आतंक की पाठशाला बताया गया था।
भारत ने पूरी दुनिया को मुंबई के भीषण हमले, संसद पर हुए हमले तथा पुलवामा से लेकर उड़ी तक की आतंकवादी घटनाओं में पाक की संलिप्तता के सबूत बार-बार दिए, लेकिन अमेरिका व उसके सहयोगी देशों ने इसे अनदेखा ही किया।
निश्चित रूप से एक राष्ट्र के रूप में पाकिस्तान की विफलता जग-जाहिर हो गई है। पुलवामा हमले के बाद भारतीय कार्रवाई के जवाब में परमाणु बम से हमले की धमकी, सिंधु नदी को रक्त से भरने तथा कश्मीर मुद्दे के अंतर्राष्ट्रीयकरण जैसे अनाप-शनाप बयानों से स्पष्ट है कि वैश्विक व्यवस्था के प्रति पाक की क्या सोच है। इससे भी शर्मनाक घटना ब्रिटेन में सामने आई, जहां पाक उच्चायोग के सामने प्रदर्शन करने वाले भारतीयों को एक पाकिस्तान राजनयिक गला काटने का इशारा करता सूचना माध्यमों में नजर आया। उक्त राजनयिक पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा सलाहकार के रूप में तैनात है। निश्चय ही यह राजनयिक स्तर पर एक शर्मनाक घटना है। साथ ही बताती है कि कैसे पाक सेना के उच्चाधिकारी एक जिहादी संगठन के सदस्य जैसा व्यवहार कर रहे हैं।
इस सब से पाकिस्तानियों में भारतीयों के प्रति भरी घृणा ही उजागर होती है। भारत को इन तमाम मामलों को वैश्विक मंच पर उठाकर पाक पर कार्रवाई के लिये दबाव बनाना चाहिए। दुनिया को बताना चाहिए कि पुलवामा हमले से पहले कैसे पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने कट्टरपंथियों जैसा भड़काऊ बयान दिया था। जिसके कुछ समय बाद ही पहलगाम जैसा भयानक आतंकी हमला सामने आया। बहरहाल, पाक आज पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हुआ है। भारत को दुनिया को बताना चाहिए कि किस तरह पाकिस्तान दुनिया की शांति के लिये खतरा बना हुआ है। जिसको सख्त आर्थिक प्रतिबंधों के जरिये आतंक से दूरी बनाने के लिये बाध्य किया जाना चाहिए। निश्चय ही अब पाक को सबक सिखाने का वक्त आ गया है।