देश में मॉक ड्रिल हो रहा है. सिविल डिफेंस हमले की स्थिति में सुरक्षा उपायों को चाक चौबंद करने की ड्रिल कर रहे हैं. तीनों सेनायें अपनी तैयारियों को वार के हिसाब से फाइनल कर रही हैं..!!
भारत के लोग मानसून के पहले पाकिस्तान से बदले की उम्मीद कर रहे हैं. आतंकवादी फिजिकली हाइड आउट में छुप गए हैं. लेकिन तमाम कोशिशों के बाद विचार छिप नहीं पाते.
सियासत में विचारों की सर्जिकल स्ट्राइक चल रही है. सेना की पुरानी सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत की बातें और भारतीय आकाश के शेर राफेल पर नींबू मिर्च लगाकर खिलौने वाला मज़ाक कांग्रेस का सियासी ड्रिल ही कहा जाएगा. सुरक्षा में चूक के गोले भी कांग्रेस ऐसे ही नहीं दाग रही है. आने वाले चुनाव में सरकार को असफल साबित करने की अभी से जमावट की जा रही है.
देश के लोगों को पीएम मोदी और सरकार पर भरोसा है. पाकिस्तान से बदला लिया जाएगा इसमें किसी देशवासी को कोई संदेह नहीं है. सियासत जरूर साथ देने के बहाने भी बयानबाजी की फुलझड़ियों की माला बना रही है. राफेल से पाकिस्तान घबराहट में है, लेकिन कांग्रेस के नेता हाथ में खिलौने लेकर नींबू मिर्ची बांध, देश की ताकत का मज़ाक बना रहे हैं.
जब दो देशों में युद्ध के हालात होते हैं तो देश के भीतर की हर बातों का उपयोग होता है. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय द्वारा राफेल को मज़ाक के रूप में प्रस्तुत करने को पाकिस्तान में भारत के कमजोर सैन्य ताकत के रूप में प्रोपेगेंडा में उपयोग होना स्वाभाविक है. कांग्रेस के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अगर वर्ष 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत की बात करते हैं तो यह पाकिस्तान की भाषा का ही समर्थन हैं.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरक्षा में चूक के बहाने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करने की कोशिश करते हैं तो उससे भी दुश्मन राष्ट्र को ही सुकून मिलता है. आतंकवादी हमले में शहीद परिवारों को लेकर भी सियासत की जो दृश्य दिखाई पड़ते हैं वह सब आज के लिए नहीं बल्कि भविष्य में होने वाले चुनाव के लिए पृष्ठभूमि की तैयारी कही जा सकती है. हिंदुओं के नाम पर भी वही हो रहा है और मुसलमानों के नाम पर भी इस तरह की सियासत हो रही है.
भरोसे से बड़ी कोई चीज नहीं है. देश के रक्षा मंत्री अगर यह कहते हैं कि, पीएम मोदी के नेतृत्व में वैसा ही होगा जैसा देश चाहता है तो इस पर विश्वास करना चाहिए. पब्लिक को तो भरोसा है ही, लेकिन अविश्वास की रेखाएं सियासत से ही चालू होती है. अभी तक भारत सरकार या सेना की ओर से कभी भी पाकिस्तान का नाम लेकर युद्ध जैसी बात नहीं कही गई है. सरकार का स्टैंड पहले दिन से यही है कि, आतंकवादी उनके बेकर्स और साजिशकर्ताओं को उनकी कल्पना से बड़ी सजा दी जाएगी.
पाक का नाम किसी ने नहीं लिया लेकिन क्योंकि चोर की दाढ़ी में तिनका होता है, इसलिए पाकिस्तान जोर-जोर से चिल्लाने लगा कि भारत उस पर हमला करने वाला है. बेगुनाहों के क़त्ल का बदला तो लिया जाएगा, लेकिन यह बदला भारतीय सेना का होगा.
सिंधु-जल समझौता निलंबित करने से पाकिस्तान का गला सूखने लगा है. वाटर बम स्ट्राइक अगर ऐसे चलती रही तो पाकिस्तान बिना लड़े ही अपनी मौत मर जाएगा. वहां के आंतरिक हालात तो फिर से पाकिस्तान के विभाजन के बने हुए हैं. पाकिस्तान आज जिस रूप में है, उसका वही स्वरूप अब शायद नहीं रह जाएगा. पाकिस्तान को बांटने का क्रेडिट भारत के ही हाथ में आता है. बांग्लादेश बनाने का श्रेय भी भारत को है और बलूचिस्तान को नया राष्ट्र बनाने का श्रेय भी भारत को ही मिलने जा रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल करने का निर्णय लिया है. बांग्लादेश युद्ध के समय ऐसा ड्रिल हुआ था. अब इतने वर्षों बाद भारत में फिर से मॉक ड्रिल हो रहा है. इसका मतलब है कि अगर कोई हमले की स्थिति आती है, तो भारत के लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए किस तरह से सजग और सचेत रहना है. इस एक एक्शन से पूरे देश में यह माहौल बन गया है कि, भारतीय सेना कभी भी पाकिस्तान पर बदले की कार्रवाई कर सकती हैं.
अटैक भले भारत की तरफ से चालू होगा लेकिन उस पर पाकिस्तान की संभावित प्रतिक्रिया की तैयारी भी देश के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है. पहलगाम हमले के बाद अब तक शायद यही तैयारी चल रही है. जब दुश्मन धर्म के नाम पर जिहाद की बात करता है. आतंकवाद और अनैतिकता जो अपने देश में ही फैलाता हो, जो देश अपने नागरिकों को ही कुचलता हो, जिस देश की सेना और सरकार के खिलाफ वहां के सूबों में बगावत हो, जो देश पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ा हुआ हो, उस नकारात्मक देश से युद्ध खुशी की बात नहीं हो सकती.
पाकिस्तान आत्महत्या कर रहा है. अपनी मौत का प्रबंध उसने स्वयं कर लिया है. भारत की तो केवल मंशा यह है कि, उसके देश के भीतर आतंक ना फैलाया जाए. जिस धर्म के नाम पर पाकिस्तान बना था, शायद उसी धर्म और जिहाद के नाम पर उसकी बर्बादी भी लिख दी गई है.
पीएम मोदी की द्रढ़ता और जोखिम लेने की क्षमता सर्वविदित है. पहलगाम हमले के बाद जब भी सार्वजनिक रूप से उन्हें देखा गया है, सुना गया है, तब उनकी बॉडी लैंग्वेज यही कहती हैकि, भारत पाकिस्तान के साथ कुछ बड़ा करने वाला है. किसी भी लीडर के लिए विश्वसनीयता सबसे बड़ा पैमाना होता है. इस पैमाने पर मोदी ने देश में जो हासिल किया है, वह बिरले नेताओं को ही मिलता है.
पाकिस्तान को सबक सिखाने का निर्णायक मौका भी मोदी को ही मिला है. इस मौके में भारत का भविष्य छुपा हुआ है. पाकिस्तान से बदला नए भारत को नई दिशा देगा. पाकिस्तान को सबक सिखाने का रिकॉर्ड दुनिया में शक्तिशाली भारत को प्रतिष्ठापित करेगा.