इन पांच जीवों का हरएक गृहस्थ को ख्याल रखना चाहिए आइए जानते हैं क्यों?


स्टोरी हाइलाइट्स

भारत में प्राचीन काल से ही सभी जीवों पर दया की शिक्षा दी जाती रही है. किसी भी जीव को सताना, अकारण मारना और उसे दुत्कारना बहुत बड़ा पाप माना गया है. लेकिन पांच ऐसे जीव हैं जिनका ख्याल हरएक गृहस्थ को खासतौर पर रखना चाहिए. ये पांच जीव हैं- चीटी, मछली, गाय, कुत्ता और पक्षी.

इन पांच जीवों का हरएक गृहस्थ को ख्याल रखना चाहिए आइए जानते हैं क्यों? भारत में प्राचीन काल से ही सभी जीवों पर दया की शिक्षा दी जाती रही है. किसी भी जीव को सताना, अकारण मारना और उसे दुत्कारना बहुत बड़ा पाप माना गया है. लेकिन पांच ऐसे जीव हैं जिनका ख्याल हरएक गृहस्थ को खासतौर पर रखना चाहिए. ये पांच जीव हैं- चीटी, मछली, गाय, कुत्ता और पक्षी. भारतीय संस्कृति में किसी भी सन्देश के प्रसार के लिए बात को कथाओं के जरिये कहने की परम्परा रही है. इन जीवों का ख्याल रखे जाने के महत्त्व को भी एक कथा के द्वारा बताया गया है. कथा के अनुसार ईश्वर ने सृष्टि की रचना करने के बाद सभी जीवों से कहा कि जो भी अपनी स्थिति से संतुष्ट नहीं है, वह अपनी आपात्ति दर्ज करवा दे. इस पर विचार कर उनकी आपत्ति के निवारण के लिए उपयुक कदम उठाये जाएंगे. बहुत से जीवों ने अपनी-अपनी स्थति से असंतुष्टि से ईश्वर को अवगत कराकर उसमें सुधार की प्रार्थना की. लेकिन सिर्फ चीटी, मछली, कुत्ते, पक्षी और गाय की आपत्ति को ही ईश्वर ने सही पाया. अपनी असंतुष्टि का कारण बताते हुए चीटी ने कहा हम बहुत छोटे जीव हैं. हम अपना पोषण और संरक्षण किस तरह कर पाएंगे. पक्षियों ने कहा कि हमें आकाश और धरती दोनों पर दूसरे जीवों से बहुत खतरा है. हम अपनी हिफाज़त किस तरह कर पाएंगे? मछलियों ने कहा कि हमें तो अपनी ही जाती की बड़ी मछलियाँ खा जाएंगी. हम अपनी रक्षा कैसे करेंगे? गाय और कुत्ते ने भी तर्क दिया कि हम मानुषों के हित के लिए हमेशा कोशिश करते रहेंगे. अपने पोषण और सुरक्षा के लिए मनुष्य पर ही निर्भर रहेंगे. यदि मनुष्य हमारा संरक्षण नहीं करेगा तो हमारा अस्तित्व संकट में आ जाएगा. ईश्वर ने मनुष्य को निर्देश दिया कि वह इन पांच जीवों की रक्षा और पोषण न की जिम्मेदारी ले. ऐसा करने से उसे बीमारियों और दुःख से सुरक्षा मिलेगी. इन पांच जीवों को हर रोज़ भोजन देने से मनुष्य को सुख प्राप्त होगा. भारतीय संस्कृति की अन्य परम्पराओं की तरह इस परम्परा का भी वैज्ञानिक पक्ष भी है. मानव शरीर जल, अग्नि, वायु, पृथ्वी और आकाश तत्व से बना है. जब इन तत्वों में संतुलन या बेलेंस होता है, तो शरीर सेहतमंद रहता है. लिहाजा, एक-एक तत्व के प्रतिनिधि के रूप में इन जीवों का पोषण कर इन पंच तत्वों का पोषण किया जाता है.