रामायण की चोपाई में मिलता हर समस्या का समाधान


स्टोरी हाइलाइट्स

गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस की हर चौपाई मंत्र की तरह है। इस महाकाव्य में इंसान की मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाले चौपाई और मंत्र निहित हैं।रामचरितमानस के मुताबित अलग-अलग इच्छाओं के लिए अलग-अलग चौपाई का जप करने से बहुत जल्द ही सकारात्मक फल मिलते हैं। परंतु क्या जानते हैं कि रामायण की किन चौपाइयों का पाठ करने से किस समस्या का समाधान मिलता है? यदि नहीं, तो जानते हैं इसे।

गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस की हर चौपाई मंत्र की तरह है। इस महाकाव्य में इंसान की मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाले चौपाई और मंत्र निहित हैं।रामचरितमानस के मुताबित अलग-अलग इच्छाओं के लिए अलग-अलग चौपाई का जप करने से बहुत जल्द ही सकारात्मक फल मिलते हैं। परंतु क्या जानते हैं कि रामायण की किन चौपाइयों का पाठ करने से किस समस्या का समाधान मिलता है? यदि नहीं, तो जानते हैं इसे। मान्यताओं के अनुसार चौपाइयों का पाठ करने के लिए मंगलवार या शनिवार सबसे अच्छा दिन है। कहते हैं कि चौपाई का पाठ रोजाना 108 बार करना चाहिए। इसके लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान से निवृत होकर अपने इष्ट का ध्यान कर चौपाई का जप 108 बार करें। माना जाता है कि ऐसा नियमित रूप से करने पर श्रीराम के साथ-साथ हनुमान जी का भी आशीर्वाद मिलता है। साथ ही समस्याओं का भी निदान हो जाता है। धन-संपत्ति के लिए-  जे सकाम नर सुनहि जे गावहि। सुख-संपत्ति नाना विधि पावहि॥ मनचाही नौकरी के लिए-  बिस्व भरण पोषन कर जोई।  ताकर नाम भरत जस होई॥ सुखी वैवाहिक जीवन के लिए-  तब जनक पाई वशिष्ठ आयसु ब्याह साज संवारि कै। मांडवी श्रुतकीर्ति उर्मिला, कुंअरि लई हंकारि कै॥ नजर दोष दूर करने के लिए-  स्याम गौर सुंदर दोउ जोरी। निरखहिं छबि जननी तृन तोरी॥ हनुमान जी की कृपा पाने के लिए-  सुमिरि पवनसुत पावन नामू। अपने बस करि राखे रामू॥ यात्रा को सफल बनाने के लिए-  प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। हृदयं राखि कोसलपुर राजा॥ शत्रु भय को दूर करने के लिए-  बयरु न कर काहू सन कोई। राम प्रताप विषमता खोई।।