कारों का क्रेश टेस्ट एक अक्टूबर से किया जाएगा, रेटिंग भी मिलेगी


Image Credit : twitter

स्टोरी हाइलाइट्स

ऑटो मेकर कंपनियों ने कारों के करीब 30 मॉडलों को टेस्ट के लिए रजिस्टर करा लिया है..!

भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम के कमांड और कंट्रोल सेंटर की ओपनिंग कर दी गई है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पुणे के चाकन में केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान में इसका उद्घाटन किया। यहां भारतीय परिस्थितियों के अनुसार तय नॉर्म्स पर एजेंसी कारों का क्रेश टेस्ट कर उन्हें सेफ्टी रेटिंग देगी। इस टेस्ट में कारों को 0 से 5 स्टार तक की रेटिंग दी जाएगी। 0 स्टार का मतलब अनसेफ और 5 स्टार का मतलब पूरी तरफ सेफ माना जाता है। कारों का क्रेश टेस्ट एक अक्टूबर से किया जाएगा। 

अब तक ऑटो मेकर कंपनियों ने कारों के करीब 30 मॉडलों को टेस्ट के लिए रजिस्टर करा लिया है। इससे पहले विदेशी एजेंसी ग्लोबल एनकैप, यूरो एनकैप, ऑस्ट्रेलियन एनकैप और लैटिन एनकैप अपने स्टैंडर्ड के अनुसार भारतीय कारों का टेस्ट कर उन्हें सेफ्टी रेटिंग देती थीं। यह रेटिंग कई मायनों में भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से फिट नहीं होती, इसलिए केंद्र सरकार ने अपने रेटिंग सिस्टम की शुरुआत की। 

गडकरी ने कहा, भारत- एनसीएपी के तहत देश में व्हीकल की टेस्टिंग कॉस्ट करीब 60 लाख रुपए होगी, जबकि ग्लोबल लेवल पर यह कॉस्ट 2.5 करोड़ रुपए है। यानी अब देशी एजेंसी से टेस्टिंग कराने पर कंपनियों का 75न कम खर्च होगा। इससे ग्राहकों को बेहतर सेफ्टी वाली कार चुनने का ऑप्शन मिलेगा। साथ ही देश में सुरक्षित कार बनाने के लिए कंपनियों में कॉम्पिटिशन बढ़ेगा।