मध्य प्रदेश में SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) का पहला फेज़ पूरा हो गया है। इस स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के बाद, इलेक्शन कमीशन ने वोटर लिस्ट से करीब 4.1 लाख नाम हटाने का फैसला किया है। इसके अलावा, 9 लाख से ज़्यादा वोटर्स को नोटिस जारी किए गए हैं जिनकी जानकारी अधूरी पाई गई थी। इस प्रोसेस को वोटर लिस्ट को ज़्यादा सही और ट्रांसपेरेंट बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
राज्य में कुल वोटर्स की संख्या करीब 5.74 करोड़ है। एक महीने से ज़्यादा चले MP SIR कैंपेन के दौरान, हज़ारों BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) घर-घर जाकर वेरिफ़ाई किए। वेरिफ़िकेशन के बाद, हटाए जाने वाले वोटर्स को रिकॉर्ड साफ़ करने के लिए चार अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है।
मृत वोटर कैटेगरी में करीब 8.40 लाख नाम शामिल हैं। डुप्लीकेट एंट्री के मामले में 2.50 लाख वोटर ऐसे पाए गए जिनकी डिटेल्स दो जगहों पर दर्ज थीं। वेरिफिकेशन के दौरान अपने पते पर नहीं पाए गए एब्सेंट वोटरों की संख्या भी लगभग 8.40 लाख है। सबसे बड़ी संख्या ट्रांसफर्ड वोटरों की है, जो लगभग 22.50 लाख पाए गए हैं। ये वे लोग हैं जिनके पते अलग-अलग जगहों पर रजिस्टर्ड हैं।
इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, MP SIR के पहले फेज के बाद 23 दिसंबर को शुरुआती वोटर लिस्ट जारी की जाएगी। इसके बाद वोटर नाम, पता या दूसरी डिटेल्स में करेक्शन के लिए क्लेम और ऑब्जेक्शन फाइल कर सकेंगे। यह प्रोसेस 23 जनवरी, 2026 तक चलेगा। सभी क्लेम और ऑब्जेक्शन के निपटारे के बाद 21 फरवरी, 2026 को फाइनल वोटर लिस्ट पब्लिश की जाएगी।
पुराण डेस्क