स्टोरी हाइलाइट्स
पेड़ भी अब, कुछ कुछ बोलने लगा है देख कर लकड़हारे की नियत, लुटेरों का षड़यंत्र और प्रदूषण का जहर फैलता हुआ हर डगर ! पेड़ भी अब, कुछ कुछ बोलने लगा है
पेड़ भी बोलने लगा
पेड़ भी अब, कुछ कुछ बोलने लगा है
देख कर लकड़हारे की नियत,
लुटेरों का षड़यंत्र और
प्रदूषण का जहर फैलता हुआ हर डगर !
पेड़ भी अब,
कुछ कुछ बोलने लगा है
कुल्हाड़ी की खट-खट,
हत्यारों की मंत्रणाएँ और
प्रलय का संभावी कहर आता हुआ हर गाँव - हर शहर !!
पेड़ भी अब,
कुछ-कुछ बोलने लगा है
कहकर ज्ञान की बातें इन संदेशो में कि
त्यागो लोभ, चेतो,
जागो मुझे लगाओ, समृधि पाओ
और इसलिए, तुझे मुफ्त मे
फल-फूल, छाया और शुद्ध वायु दूंगा
मनोरम और सुहावन जलवायु दूंगा
जो अब तक देता रहा सदियों से !!!
डॉक्टर मेहता नगेंद्र सिंह