जीवन से जुडी विदुर की अनमोल बातें ...


स्टोरी हाइलाइट्स

जिनके जीवन में तप, इन्द्रिय संयम, वेदों का स्वाध्याय, यज्ञ, पवित्र विवाह, अन्नदान व सदाचार जैसे गुण हैं वे कुलीन कहे जाते हैं।

Vidura Neeti from Mahabharata प्रश्न- मोक्ष के लिए क्या अनिवार्य है? उत्तर- 1. मोक्ष के लिए निष्कामी होकर रहें। 2. राग- द्वेष रहित होकर रहें। 3. दान का या वेद के पुण्य का आश्रय लेना इतना जरुरी नहीं। प्रश्न- कुलीन परिवार कौन सा है? उत्तर- 1. जिनके जीवन में तप, इन्द्रिय संयम, वेदों का स्वाध्याय, यज्ञ, पवित्र विवाह, अन्नदान व सदाचार जैसे गुण हैं वे कुलीन कहे जाते हैं। 2. जो अपने दोषों से माता-पिता को कष्ट नहीं पहुँचाते, प्रसन्नचित्त से धर्म का आचरण करते हैं तथा असत्य का परित्याग कर देते हैं वे ही कुलीन हैं। 3. थोडे धन वाले कुल भी यदि सदाचार से सम्पन्न हैं तो वे अच्छे कुल के हैं। धन क्षीण हो जाने पर भी सदाचारी मनुष्य क्षीण नहीं माना जाता पर यदि सदाचार से भ्रष्ट हो गया उसे नष्ट ही समझना चाहिएं। प्रश्न- एकता करके रहने से क्या लाभ है? उत्तर- 1. जैसे बहुत सी पतली लताएँ एक साथ बहुत वर्षों तक हर प्रकार के झोंके सहती हैं उसी तरह सत्पुरूष दुर्बल होने पर भी सामूहिक शक्ति से बलवान हो जाते हैं। 2. जैसे जलती हुई लकड़ियाँ अलग- अलग होने पर धुआँ फेंकती हैं और एक साथ होने पर प्रज्वलित हो जाती हैं। उसी तरह मनुष्य अलग रहने पर दुख उठाते हैं और एकता होने पर सुखी रहते हैं। 3. यदि वृक्ष अकेला है तो वह बलवान तथा बहुत बडा होने पर भी एक ही क्षण में आंधी से शाखाओं सहित गिर जाता है। परन्तु जो बहुत से वृक्ष एक साथ रहकर समूह रुप में खडे हैं तो वे एक- दूसरे के सहारे बडी- से बडी आँधी को भी सह सकते हैं। 4. जिस प्रकार पाण्डव 5  होने के बाद भी आपस में एकता होने के कारण जीत गए और कौरव 100 होने पर भी हार गए। उसी प्रकार मनुष्य यदि सबसे एकता करके चलता है तो वह उन्नति को प्राप्त होता है और भगवान भी उस पर क्रपा करते हैं। महाभारत- विदुर नीति