आपकी ऊर्जा को कौन चूस रहा है? क्या आप जानते हैं इन शत्रुओं को? अतुल विनोद


स्टोरी हाइलाइट्स

भावनाएं, इमोशंस और फीलिंग ऊर्जा देती भी हैं और ऊर्जा चूसती भी हैं| लाइफ में कोई भी गोल तब अचीभ होता है जब हम भावनात्मक स्तर पर स्ट्रांग होते.

आपकी ऊर्जा को कौन चूस रहा है? क्या आप जानते हैं इन शत्रुओं को? अतुल विनोद   भावनाएं, इमोशंस और फीलिंग ऊर्जा देती भी हैं और ऊर्जा चूसती भी हैं| लाइफ में कोई भी गोल तब अचीभ होता है जब हम भावनात्मक स्तर पर स्ट्रांग होते हैं| यदि हमारी फीलिंग, इमोशंस हमारे हाथ में नहीं है और वो नेगेटिव डायरेक्शन में जा रहे हैं तो वो हमारी सारी ऊर्जा को अवशोषित कर लेंगे और हम अपने कर्तव्य की तरफ आगे नहीं बढ़ पाएंगे| कैसे भावनाएं पड़ जाती हैं इम्यून सिस्टम पर भारी? और फिर जिंदगी….. हमें अपनी भावनात्मक स्थिति को ठीक करना है| हमें अपने आप को इमोशनली स्ट्रांग करना है| यही हमारा स्वधर्म है|हम इस दुनिया में जिन उद्देश्यों के लिए आए हैं| हमें जिन लाइफ लेसंस सीखने के लिए भेजा गया है| उनमें यह भी है कि हम अपने इमोशंस को कंट्रोल करना सीखें| हम अपनी ऊर्जा को नकारात्मक शक्ति के कारण नष्ट ना करें| नकारात्मकताओं से दूर रहकर ही हम अपनी लाइफ एनर्जी को सेव रख सकते हैं| यदि हम भावनात्मक रूप से डिस्टर्ब हो जाते हैं तो ना सिर्फ हमारे कर्तव्य हमसे दूर हो जाते हैं हम सामान्य जीवन भी जीने में कठिनाई महसूस करते हैं| इससे हमारी डिसीजन कैपेसिटी कम हो जाती है| कैसे लोगों की एनर्जी चुरा कर आप भी जीवन की ऊँचाइयों को छू सकते हैं ? हम निर्णय नहीं ले पाते और अनिर्णय की स्थिति हमारी लाइफ को और बदतर बना देती है| अनिर्णय खतरनाक है इसलिए अपनी उर्जा को चूसे जाने से बचाएं| हमारे इमोशंस विभाजनकारी नहीं होने चाहिए| हमारे इमोशंस कंस्ट्रक्टिव होने चाहिए| हमारे इमोशंस को हम प्रखर बना सकते हैं और हमारी ऊर्जा को प्रखर बनाकर हम लाइफ को और ज्यादा सक्सेसफुल व सार्थक बना सकते हैं| पॉजिटिव एटीट्यूड बहुत जरूरी है| इससे कर्तव्य को साधने में मदद मिलेगी| लाइफ में सक्सेस के डोर ओपन होते जाएंगे और लाइफ जॉय का पर्याय बन जाएगी| अतुल विनोद