अब जाकर बने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,  न्यूज़ पुराण की खबर के बाद GAD ने अपलोड की अधिसूचना| 


स्टोरी हाइलाइट्स

अब जाकर बने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,  न्यूज़ पुराण की खबर के बाद GAD ने अपलोड की अधिसूचना|  मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग में शिवराज सिंह चौहान को अब जाकर मुख्यमंत्री माना है| GAD ने अब शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री बनने की अधिसूचना अपने पोर्टल पर अपलोड की है|  न्यूज़ पुराण ने खुलासा किया था कि मध्यप्रदेश का सामान्य प्रशासन विभाग अब भी कमलनाथ को ही मुख्यमंत्री मानता है|  डिजिटल युग है तो सारी सूचनाएं शासन के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होती हैं|   न्यूज़ पुराण ने खुलासा किया था कि मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नहीं बल्कि कमलनाथ हैं. मध्य प्रदेश को डिजिटल शासन और गुड गवर्नेंस का मंत्र देने वाले शिवराज सिंह चौहान को चौथी बार सत्ता संभाले 17 महीने के लगभग हो गए, लेकिन सरकार के सबसे महत्वपूर्ण विभाग के पोर्टल पर मंत्रिमंडल के “पुनर्गठन “शीर्षक में 2018 के बाद की स्थिति में जो भी अधिसूचनाएं प्रदर्शित हो रही थी , उनमें कमलनाथ की मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्ति,उनके मंत्रिमंडल के गठन और मंत्रियों के विभागों के बंटवारे की अधिसूचनाएँ थी . प्रदेश में 23 मार्च 2020 को नई सरकार शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गठित हो गई. नई सरकार 17 महीनों से अधिक समय से काम कर रही थी , लेकिन जीएडी के पोर्टल में नई सरकार के गठन और मंत्रियों के विभागों के बंटवारे  वाली कोई भी अधिसूचना प्रदर्शित नहीं की गई थी . हालाकि अब GAD ने अपनी गलती सुधार ली है और शिवराज को मुख्यमंत्री  बनाने वाली अधिसूचना अपलोड हो गई है| देखें GAD की साईट 13-10-2021 देखें GAD की साईट 08-10-2021   अब देखिये वो खबर जिसमे हमने इस बड़ी लापरवाही को उजागर किया था   मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन ? जी ए डी के अनुसार कमलनाथ.. सरयूसुत मिश्रा   BHOPAL :  08-10-2021 कभी-कभी राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में चल रही अव्यवस्थाओं का पता दूर बैठे किसी परिचित से भी मिल जाता है.  मध्य प्रदेश की सरकारी वेबसाइट खंगालने वाले ऐसे ही एक परिचित के खुलासे ने चौंका दिया कि मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नहीं बल्कि कमलनाथ हैं. मध्य प्रदेश को डिजिटल शासन और गुड गवर्नेंस का मंत्र देने वाले शिवराज सिंह चौहान को चौथी बार सत्ता संभाले 17 महीने के लगभग हो गए हैं, लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग के पोर्टल को देखकर शिवराज सिंह चौहान भी चौंके बिना नहीं रह सकेंगे. https://youtu.be/pcO1KfS2B9Y डिजिटल शासन का दावा करने वाली सरकार के सबसे महत्वपूर्ण विभाग के पोर्टल पर मंत्रिमंडल के “पुनर्गठन “शीर्षक में 2018 के बाद की स्थिति में जो भी अधिसूचनाएं प्रदर्शित हो रही हैं, उनमें कमलनाथ की मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्ति,उनके मंत्रिमंडल के गठन और मंत्रियों के विभागों के बंटवारे की अधिसूचनाएँ हैं. प्रदेश में 23 मार्च 2020 को नई सरकार शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गठित हो गई. नई सरकार 17 महीनों से अधिक समय से काम कर रही है, लेकिन जीएडी के पोर्टल में नई सरकार के गठन और मंत्रियों के विभागों के बंटवारे  वाली कोई भी अधिसूचना प्रदर्शित नहीं की गई है. मध्य प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य की जिन्हें जानकारी है, उन्हें शायद जीएडी का पोर्टल भामित नहीं कर सके. लेकिन सरकार के विभाग की एक विश्वसनीय पोर्टल को देश और दुनिया के दूसरे देखने वालों को तो गलत जानकारी भी सही प्रतीत हो सकती है. शासन का कोई भी विभाग यदि कोई ऐसी जानकारी प्रदर्शित करता है जो सच नहीं है तो वह अपराध की श्रेणी में भी आता है. इसे केवल एक गलती नहीं माना जा सकता. सामान्य प्रशासन विभाग शासन के सभी विभागों के लिए नियम, कानून और प्रक्रिया निर्धारित करता है. इस विभाग के मुखिया स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं. राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार हैं. इसके साथ ही मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव कार्मिक, सचिव अपर सचिव उपसचिव तथा अवर सचिव मिलाकर लगभग अट्ठारह अधिकारी इस विभाग में काम कर रहे हैं. यह विभाग भारतीय प्रशासनिक सेवाओं और राज्य प्रशासनिक सेवाओं की पदस्थापना, पदोन्नति के साथ ही शासन के दूसरे विभागों  के लिए नीति निर्धारण का काम करता है. सामान्य प्रशासन विभाग किसी भी शासन का सबसे महत्वपूर्ण विभाग होता है ,इसीलिए हमेशा किसी भी दल की सरकार हो, यह विभाग सामान्यतः मुख्यमंत्री अपने प्रभार के अंतर्गत ही रखते हैं. सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत निर्धारित कार्यों में कलेक्टर- कमिश्नर कॉन्फ्रेंस भी शामिल है. विभाग के पोर्टल पर बैठकों के कार्यवाही विवरण का भी कालम है. इस कॉलम में मुख्यमंत्री द्वारा कलेक्टर-कमिश्नर की बैठक और वीडियो कांफ्रेंसिंग के कार्यवाही विवरण परिलक्षित होने चाहिए. पोर्टल को देखने पर इसमें “कार्रवाई विवरण”  के कालम में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 18 जून  2015 को आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग का ही कार्य विवरण प्रदर्शित किया गया है.  जी ए डी के पोर्टल के अनुसार 6 सालों में मुख्यमंत्री द्वारा एक ही बैठक ली गई है, जिसका कार्यवाही विवरण विभाग द्वारा पोर्टल पर दिया गया है, जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कलेक्टर और कमिश्नर की नियमित अंतराल के बाद बैठकें करते हैं और मुद्दों पर जनता के हित में कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश देते हैं. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री से जुड़े मामलों में इतनी लापरवाही कैसे की जा सकती है. यह अक्षम लापरवाही इस बात को प्रदर्शित कर रही है कि शासन के तंत्र में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. तंत्र में काम के प्रति प्रतिबद्धता और ईमानदारी का भाव ऐसे उदाहरणों से प्रतीत होता है. प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के आह्वान के बाद सरकारों में डिजिटल शासन को बढ़ावा दिया गया. प्रत्येक विभाग में उनके कामकाज और जनता को दी जाने वाली सूचनाओं के लिए वेब पोर्टल बनाए गए. विभागों के अधिकारियों की प्राथमिकता में शायद यह  नहीं होते, इसलिए किसी भी पोर्टल से जनता को जो आवश्यक जानकारी सुगमता से मिलना चाहिए, वह नहीं मिलती. शासन में ऐसा कोई एक विभाग भी नहीं है जो सभी विभागों के वेब पोर्टल के अपडेशन और उसमें प्रदर्शित जानकारियों की सत्यता को प्रमाणित करें शासन के कार्य आवंटन नियमों के अंतर्गत यह कार्य किसी भी विभाग को संभवत आवंटित नहीं है. प्रत्येक शासकीय विभाग में वेबसाइट का कार्य निम्न कोटि का कार्य माना जाता है. सामान्य प्रशासन विभाग में मुख्यमंत्री से जुड़े मामलों में जिस तरह स्थिति सामने आई है, वह भी इसी ओर इशारा कर रही है कि जानकारियों को कोई भी वरिष्ठ अधिकारी नहीं  देखता. जबकि जो जानकारी जनता के लिए सार्वजनिक हो रही है उसकी हर स्तर पर पड़ताल की ही जानी चाहिए, ताकिजनता को सही जानकारी मिले .गलत जानकारी प्रदर्शित करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जब कड़ी कार्यवाही होने लगेगी तब इस तरह की गड़बड़ियां समाप्त हो सकेंगे. इस बात से यह अंदाज़ लगाना मुश्किल नहीं है कि जनता की शिकायतों के निवारण और योजनाओं के क्रियान्वान्य के लिए जो आईटी आधारित डिजिटल व्यवस्था की  गयी है, उसकी क्या स्थित होगी.