क्यों मेवाड़ राजवंश को भारत के सबसे पुराने और लोकप्रिय शाही वंशों में गिना जाता है.


स्टोरी हाइलाइट्स

Whenever kings and their descendants will be remembered in the country, then there is also a name of Mewar in them.counted popular royal dynasties of India.

क्यों मेवाड़ राजवंश को भारत के सबसे पुराने और लोकप्रिय शाही वंशों में गिना जाता है. देश में जब भी राजाओं और उनके वंशो को याद किया जाएगा, तब उनमें एक नाम मेवाड़ का भी होता है. इन्हें भारत के सबसे पुराने और लोकप्रिय शाही वंशों में गिना जाता है. इसके वंश में इतिहास के प्रसिद्ध शूरवीर महाराणा प्रताप जैसी हस्तियों का नाम दर्ज है. भारत में कुछ ही गिने-चुने शाही राजघराने हैं उनमें से एक नाम मेवाड़ राजवंश का भी है. मेवाड़ राजवंश को गुहिल या सिसोदिया राजवंश के नाम से भी जाना जाता है. इसी सल्तनत पर राजा रत्न सिंह और महारानी पद्मिनी ने भी राज किया और अब उनके वंशज उद्योग जगत, नौकरी-पेशा और खेती किसानी में हाथ आजमा रहे हैं. लेकिन वे अभी भी गर्व से खुद को महारानी पद्मिनी, महाराणा प्रताप जैसी प्रसिद्ध हस्तियों के वंशज होने पर गर्व करते हैं. उस समय मेवाड़ राजवंश की राजधानी चित्तौड़ हुआ करती थी. लेकिन बाद के दिनों में यह उदयपुर स्थापित हो गई. इसके बारे में इतिहासकार बताते हैं कि चित्तौड़ पर लगातार हमले हुए. जिसके चलते महाराणा उदय सिंह ने मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ से उदयपुर में स्थापित कर दी. इतिहासकार बताते कि उनका वंशज मेवाड़ के अलावा और भी कई अन्य क्षेत्रों में रह रहा हैं, लेकिन आज भी उदयपुर में इनके पूर्व राजघराने के वंशज रहते हैं. मेवाड़ राजवंश अपनी बेतहाशा दौलत के लिए भी जाना जाता है. इसके अलावा उनके पास उस समय की शानदार विंटेज कारें भी मोजूद हैं. इन्हें अभी तक इतिहास के पन्नों की तरह सहेजकर रखा गया है. यह करीब 1300 साल पुराना राजवंश है. जिसकी गिनती भारत के सबसे पुराने राजवंशों में होती है.