बच्चों और युवाओं के लिए ये सनातन धर्म सूत्र बहुत काम के हैं।


स्टोरी हाइलाइट्स

बालकों एवं युवाओं के लिए Dharma Newspuran 1. प्रातः सूर्योदय से पूर्व जागें। हल्का व्यायाम करें, नित्य नियम, नामजप, श्रीमद्भगवद् गीता में वर्णित भगवद् स्तुति के दस श्लोकों (11/36 45) के संस्कृत अथवा हिन्दी अनुवाद प्रार्थना वाक्य का पाठ दिन में कम से तीन बार अवश्य करें। 2. घर के बड़े व्यक्तियों को अभिवादन प्रणाम कर उन्हें यथोचित आदर व सम्मान दें। अपने माता-पिता की प्रसन्नता का कारण बनें, परेशानी का नहीं। उनकी बातें ध्यानपूर्वक सुनें व समझे आपके लिए अत्यधिक हठ, क्रोध, आवेश, तनाव आदि उचित नहीं है। 3. अच्छे व्यक्तियों की संगति करें। आपको जो व्यक्ति पढ़ाई व अच्छाई की  ओर ले जाए वही आपके मित्र हैं। जो व्यक्ति आपका आहार-विचार बिगाड़े और बुरे कर्मों की ओर ले जाएँ, वही आपके शत्रु हैं। साहित्य पढ़ें, सद्विचार व सत्कमों को स्वीकार करें। टेलीविजन में अश्लील,अभद्र व हिंसक दृश्य न देखें। 4. मांस, अंडे और अभक्ष वस्तुओं का सेवन न करें। हरेक प्रकार के नशे से परहेज रखें। फास्ट फूड बहुत कम खाएं। अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सात्त्विक भोजन करें। भोजन से पूर्व भगवान का स्मरण या निम्न मंत्र का पाठ अवश्य करें। "ॐ सहनावतु सहभूनक्तु सह वीर्य करवा वहे। तेज स्वीनाव धीतमस्तु मा विद्ध विषाव है ।।' 5. दीन-दुखी, पीड़ित एवं असहाय व्यक्तियों के प्रति सेवा का भाव रखें।किसी को कष्ट पहुंचाकर सुख पाने की इच्छा न करें। स्वयं कष्ट सहकर भी दूसरों को सुख देने की भावना रखें। 6. दिन में एक या दो बार दस से पंद्रह मिनट तक अपनी इच्छा से मौनर हने का अभ्यास करें। इससे निश्चित ही आपका मनोबल, ऊर्जा और आत्म विश्वास बढ़ेगा। 7. बाइक, कार या कोई भी अन्य वाहन धीमी व नियन्त्रित गति से अत्यंत संभलकर यातायात के नियमों का पालन करते हुए चलाएं। 8. अपने राष्ट्र, अपनी संस्कृति, अपनी धार्मिक परंपराओं एवं अवतारों, त्योहारों, तीथों, ऋषियों, सद्ग्रंथों, गुरुओं आदि का सदैव सम्मान करें।