महाराष्ट्र में सियासी गर्मी खत्म हो गई है, लेकिन एक दूसरें पर वार-पलटवार जारी हैं। एकनाथ शिंदे सीएम बन गए है और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे बैकफुट पर आ गए हैं। इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत का चौंकाने वाला बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, मुझे भी गुवाहाटी के लिए ऑफर आया था लेकिन मैं बालासाहेब ठाकरे को फॉलो करता हूं और इसलिए मैं वहां नहीं गया। ED पर जवाब देते हुए कहा, मैं बाला साहेब का सैनिक हूं, फ़िर डरना क्या है?
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उल्लेखनीय है कि शिवसेना के बागी विधायक गुवाहाटी में रुके थे। उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार बनी है। इस बीच शिवसेना का आरोप है कि ईडी के डर से विधायकों को बगावत के लिए मजबूर किया गया।
Sanjay Raut claims he got 'Guwahati offer' but refused as he follows Balasaheb Thackeray
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राउत शुक्रवार (1 जुलाई) को ईडी के सामने पेश हुए और ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में उनसे करीब 10 घंटे तक पूछताछ की।
महाराष्ट्र संकट के दौरान विवादित बयानों के चलते चर्चा में रहे राउत-
राउत अपने विवादित बयानों के कारण महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के दौरान काफी चर्चा में रहे थे। एक बार फ़िर राउत ने शिंदे पर हमला बोलते हुए कहा, एकनाथ शिंदे शिव सेना के सीएम नहीं हैं। दूसरी तरफ़ शिंदे ने पार्टी के खिलाफ विद्रोह के लिए कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन को जिम्मेदार ठहराया।
राउत ने कहा कि यह तर्क देने वाले कई बागी विधायक राकांपा के पूर्व सदस्य थे और उनमें से कई मंत्री बनने के लिए शिवसेना में शामिल हुए थे। राउत ने ज़ोर देकर कहा कि उनकी पार्टी नए जोश के साथ फ़िर से काम करेगी। क्योंकि शिवसेना का जन्म सत्ता के लिए नहीं हुआ, बल्कि सत्ता का जन्म शिवसेना के लिए हुआ हैं।
उद्धव के इस्तीफे के बाद राउत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि वह शिवसेना के लिए लाठियां भी खाएंगे, जेल जाएंगे, लेकिन बालासाहेब की शिवसेना का साथ नहीं छोड़ेंगे। अपनों से धोखा मिलने के बाद ठाकरे ने विनम्रता से इस्तीफा दे दिया। जिस पर राउत ने कहा, हमने एक संवेदनशील और सभ्य मुख्यमंत्री खो दिया है। इतिहास ने पहले भी हमें दिखाया है कि धोखाधड़ी का अंत अच्छा नहीं होता है।
शिवसेना फिर कर सकती है फेरबदल-
महाराष्ट्र में शिवसेना की सत्ता जाने के बाद पार्टी में फ़िर से एक नया मोड़ आ सकता है। शिवसेना के 19 लोकसभा सांसदों में से 12 से 14 सांसद एकनाथ शिंदे के गुट के संपर्क में हैं। ऐसे में शिंदे धड़े का दावा है कि ज्यादातर सांसद शिंदे का ही समर्थन करेंगे। क्योंकि कई सांसद सोचते हैं कि पीएम मोदी और बीजेपी के साथ रहकर ही वे लोकसभा जीतेंगे।