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बीबीसी पर आयकर सर्वे- राजनीतिक दलों का अनुचित विरोध 

सार

दिल्ली और मुंबई में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के कार्यालयों में आयकर विभाग के सर्वेक्षण अभियान तीन दिनों बाद पूरा हो गया..!!

janmat

विस्तार

न्यूज़ एजेंसी बीबीसी ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन पर वित्तीय अनियमितता को लेकर आयकर का सर्वे प्रगतिशील है. आयकर विभाग ने यूपीए सरकार के समय भी अनेक नोटिस बीबीसी को दिए थे. आयकर विभाग ने पिछले दो वर्षों में भी छह बार नोटिस के माध्यम से जानकारी मांगी थी.

बीबीसी ने अपने अधिकारियों को ईमेल भेज कर घर से काम करने का कहां है. साथ ही यह भी कहा है कि जो वेतन प्राप्त हो रहा है उसके बारे में आयकर विभाग को कोई जानकारी ना दें. ट्रांसफर प्राइसिंग और इनकम टैक्स से जुड़ा हुआ मामला बताया जा रहा है. इसी संदर्भ में इनकम टैक्स विभाग सर्वे कर रहा है.

किसी भी देश की जांच एजेंसियों को देश के अंदर किसी भी संस्था की जांच करने का अधिकार है. उसी अधिकार के अंतर्गत आयकर विभाग भी यह कार्यवाही कर रहा है. अनेक राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने विरोध कर कहा है कि सरकार की कार्यवाही विनाश काले विपरीत बुद्धि है. कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी विरोध किया है.

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी बीबीसी पर हुई आयकर की कार्यवाही को अप्रत्याशित बताया है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी विरोध किया है. टी एम सी की सुप्रीमो एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, नेशनल कांफ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, पी डी पी की महबूबा मुफ्ती आदि नेता भी विरोध कर रहे हैं. यह पूर्ण सत्य नहीं है. ऐंसा प्रतीत हो रहा है कि विपक्षी दलों के नेता बीबीसी की टीम का हिस्सा हों.

यह यह पहली बार नहीं हो रहा है जब बीबीसी पर भारत में प्रतिबंध लगा हो. सन 1970 में इंदिरा गांधी की सरकार ने बीबीसी पर प्रतिबंध लगाया था. उस समय बीबीसी ने दो विवादित डॉक्यूमेंट्री रिलीज की थी. पहली डॉक्युमेंट्री कोलकाता दूसरी डॉक्यूमेंट्री फैंटम इंडिया रिलीज की थीं. उस समय दोनों पर बैन लगा था. बीबीसी पर दो साल तक बैन लगा था.

दूसरी बार आपातकाल के समय सन 1975 में बीबीसी के संचालन एवं खबरों के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगा था. दोनों बार कांग्रेस की इंदिरा गांधी की सरकार थी.

बीबीसी पर उसके स्वयं के देश ब्रिटेन में कई बार अनियमितता के आरोप लगे हैं. ब्रिटेन में सन 2013 में बीबीसी पर अपने अधिकारियों को अधिक धन देने का आरोप लगा था. जिसमें ब्रिटेन के नेशनल ऑडिट में पता चला कि दस करोड़ से अधिक धन राशि अधिकारियों को वेतन के रूप में अधिक दे दी गई.

बीबीसी को चाइना की विवादास्पद कंपनी हुवाई के द्वारा भी धन प्राप्त होने के आरोप लगे हैं. इस धन को भारत विरोधी प्रचार में प्रयोग के आरोप भी लगे हैं. बीबीसी के चेयरमैन रिचर्ड शार्प और पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के गहरे संबंध रहे हैं. बोरिस जॉनसन के समय ही रिचर्ड शार्प को बीबीसी का चेयरमैन बनाया गया.

इस प्रकार का विरोध हमारे नेताओं ने उस समय नहीं किया जब रिपब्लिक टी वी पर ब्रिटेन ने प्रतिबंध लगाया था. साथ ही 20000 पौंड का फाइन लगाया था. तब हमारे स्वदेशी नेता मौन रहे. ब्रिटिश सरकार का विरोध नहीं किया.

इसी प्रकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भी आजाद हिंद रेडियो के माध्यम से बीबीसी को 'ब्लफ एंड ब्लस्टर कारपोरेशन' बताया था. भारत के भीतर एवं बाहर रहने वाले भारतीयों को स्वतंत्रता आंदोलन हेतु एकता के सूत्र में बांधा था.

बीबीसी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी डाक्यूमेंट्री को स्वयं ब्रिटेन के सांसद बाब ब्लेकमेन ने “पुअर जर्नलिज़्म एवं बेडली रिसर्चड” बताया है. वास्तविकता से परे बताया है.