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विश्व रिकॉर्ड से जुड़ा भारत का स्वर्ग

सार

पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ग्यारह साल पूरे कर चुकी है. भाजपा पूरे देश में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार की उपलब्धियां गिना रही है. परंपरा के मुताबिक विपक्ष सरकार की असफलताएं गिना रहा है..!!

janmat

विस्तार

    विपक्ष अगर सरकार की उपलब्धियां मान लेगा तो फिर उसकी राजनीति कैसे चलेगी. जब किसी सरकार की उपलब्धियां विश्व रिकॉर्ड बनाने लगें तो फिर शब्दों से ज्यादा उपलब्धियों की पिक्चर बोलती है. भारत का स्वर्ग कश्मीर रेल से जुड़ गया है. दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे चिनाब ब्रिज भारत ने बनाया है.

    कोई देश जब अपनी बुनियादी जरूरतों की श्रृंखला को पूरा करने में सफल हो जाता है. तब राष्ट्रीय गर्व के ऐसे अभूतपूर्व काम पूरे किए जाते हैं. इसके साथ ही अंजी ब्रिज भी लोकार्पित किया गया है. अब भारत का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर ट्रेन से जाया जा सकता है. विश्व रिकॉर्ड की यह उपलब्धि अकेली नहीं हो सकती. इसकी पूरी एक श्रृंखला होती है. इसको आइसोलेशन में देखना भारत के विभिन्न पक्षों को विभाजित दृष्टि से देखना होगा. 

    चिनाब ब्रिज के उद्घाटन के समय पीएम नरेंद्र मोदी ने हाथ में तिरंगा लेकर राष्ट्रीय गर्व का जिस तरह से प्रकटीकरण किया है, उससे भी रिकॉर्ड बन गया है. देश के प्रधानमंत्री आजादी के बाद हर साल स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं. यह हर साल हम देखते हैं. अभी तक देश ने कभी नहीं देखा जब किसी प्रधानमंत्री ने हाथ में विजयी विश्व तिरंगा लेकर भारत और भारतीयता के वैभव और दृढ़ इच्छा शक्ति को बिना कुछ बोले दुनिया को दिखाया. मोदी की यह तस्वीर हज़ारों शब्दों के बराबर है. कभी-कभी स्थिर छवि कई विचारों को व्यक्त करती है. 

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    बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी सरकार उपलब्धियां गिना रही है. अब तक सरकार को मिले जनादेश उन उपलब्धियों की पुष्टि करते हैं. जब ग्यारह साल सरकार के पूरे हुए हैं, तब देश का शौर्य और उपलब्धियां ऑपरेशन सिंदूर और चिनाब ब्रिज ने स्थापित कर दी हैं. इन उपलब्धियों को कागजों पर बताने की जरूरत नहीं है. यह तो जमीन पर देश के कोने-कोने में फैली हुई दिखाई पड़ती हैं.

    राजनीति की नजर से उपलब्धियों को देखा जाएगा तो उसमें आरोप प्रत्यारोप ज़रूर शामिल होंगे. अगर राष्ट्र के हिसाब से उपलब्धियों को गुना जाएगा तो भारत ने 11 सालों में अनेक क्षेत्रों में न्यू नॉर्मल बनाया है. जिस बीजेपी के लिए देश में सरकार बनाना कभी दिवा स्वप्न हुआ करता था, उसी बीजेपी को अपनी सरकार के 11 साल पूरे करना राजनीति में ध्रुवीय परिवर्तन जैसा है. 

    भारत ने चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतार कर दुनिया में रिकॉर्ड इसी सरकार के कार्यकाल में बनाया है. राष्ट्र की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा किसी भी सरकार का सबसे पहला दायित्व है. इस मामले में मोदी सरकार ने ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं.आतंकवाद के प्रॉक्सी वॉर को एक्सपोज करने में सफलता मिली है. 

     सरकार का यह फैसला कि अब कोई भी आतंकवादी हमला एक्ट ऑफ वॉर माना जाएगा. एक बड़ा नीतिगत परिवर्तन कहा जा सकता है. आजादी के दिन से ही पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ आतंकवादी प्रॉक्सी वॉर शुरु कर दिया गया था. तब से भारत आतंकवादी हमले झेलता रहा, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है, कि भारत ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी ठिकानों को मिसाइल से नेस्तनाबूद किया है. सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी मोदी सरकार का निर्णायक कदम है, जो पाकिस्तान को घुटने पर लाने के लिए कारगर साबित होगा.

    यह भी पहली बार हो रहा है, कि पीओके को भारत में लाने के लिए हर राजनीतिक दल खुलकर बात करने लगे हैं. अब तो सरकार ने साफ कर दिया है, कि पाकिस्तान के साथ बात होगी, तो केवल आतंक समाप्त करने और पीओके वापस करने के लिए होगी. चिनाब ब्रिज पीओके पर भी असर डालेगा. विकास का यह अभूतपूर्व सेतु पीओके को भारत में मिलाने का सेतु बनेगा. विशेषज्ञ तो यह भी दावा कर रहे हैं, कि पाक अधिकृत कश्मीर के भीतर से ही भारत में शामिल होने की आवाज उठेगी.

    सरकार के कामकाज तो एक सिस्टम के तहत होते हैं. सिस्टम वही होता है, लेकिन लीडर के साथ उसकी चाल- ढाल बदल जाती है. एक चेहरा कैसे सरकार और राजनीतिक दल का फेस बदल देता है. यह भारत ने 11 सालों में देखा है. मोदी का जैसा विरोध राजनीति में किया जाता है, वैसा पहले किसी नेता का नहीं देखा गया है. मोदी को देश में एंटीमुस्लिम बताया जाता है और दुनिया के मुस्लिम राष्ट्र उन्हें अपने नागरिक सम्मान से नवाज़ते हैं. उन्हें हिंदू नेशनलिस्ट के रूप में प्रचारित किया जाता है, जबकि उनकी सरकार के कामकाज में सभी वर्गों और धर्म के साथ बिना भेदभाव के समान रूप से योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाता है.

    मोदी ने हमेशा चुनौतियों को चुनौती देने का रास्ता चुना. यह सही है, कि गवर्नेंस एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन इसी प्रक्रिया में तो सुधार लीडरशिप की सक्सेस का पैमाना होता है. राजनीतिक नेताओं के खिलाफ करप्शन के मामले जितना मोदी सरकार के समय सामने आए हैं, कार्रवाई हुई है इतना पहले कभी नहीं हुई. इसके लिए मोदी को क्या-क्या नहीं कहा गया. फिर भी उन्होंने  बिना डरे सुशासन के प्रति अपनी इच्छा शक्ति को झुकने नहीं दिया.

    वूमेन लेड डेवलपमेंट की दिशा में देश को ले जाना मोदी सरकार की बड़ी सफलता मानी जाएगी. जितनी गालियां विरोधी दल मोदी को देते हैं, शायद इसके पहले किसी भी प्रधानमंत्री को इतनी गालियां नहीं दी गईं. मोदी को प्रधानमंत्री का चेहरा बनाने के बाद बीजेपी को दिल्ली में सरकार बनाने का मौका मिला. उनके चेहरे से बीजेपी को अपनी जड़े जमाने में बहुत लाभ मिला है.

    परफेक्शनिस्ट मोदी के कारण ही सरकार के कामकाज में इनोवेशन और परफेक्शन दिखाई देता है. फैसलों में सरप्राइज मोदी स्टाइल है. जो पहले कभी नहीं हुआ उसको करने के लिए आगे बढ़ना उनकी ताकत है. यही ताकत सरकार की उपलब्धियों में झलकती है.

    बिना डरे बिना झुके वही चल सकता है, जो अपने आत्म बल को साधता है. देश ही जिसका परिवार हो. उसको परिवार वादी राजनीति ना पचा सकती है और ना डरा सकती है. एफिल टावर से भी ऊंचा चिनाब ब्रिज बनाने की क्षमता और इच्छा शक्ति भारत के आत्मबल को बढ़ा रहा है.