मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है। ऐसे में मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को दी गई दो साल की सजा निलंबित कर दी गई है। इसके बाद अब राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता बहाल की जा सकती है और वह लोकसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आज नहीं तो कल सच्चाई की जीत होती है। मुझे अपना लक्ष्य पता है, मैं जानता हूं मुझे क्या करना है। जिन्होंने हमारी मदद की और जनता ने जो प्यार और समर्थन दिया, उसके लिए सभी का धन्यवाद।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संविधान, लोकतंत्र और जीत बताया है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। आज बहुत ही खुशी का दिन है। लोकतंत्र की जीत हुई है, संविधान की जीत हुई है। खड़गे ने साथ ही सवाल उठाया कि राहुल गांधी जी को डिसक्वालीफाई करने में सिर्फ 24 घंटे लगाए गए थे, अब देखना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद उन्हें रीइन्स्टेट कब किया जाता है।
बता दे कि गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की यह सज़ा बरकरार रखी थी, जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि ट्रायल जज ने मामले में अधिकतम सजा सुनाई है, लेकिन इसकी वजह नहीं बताई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी का बयान आपत्तिजनक है, लेकिन निचली अदालत ने कारण नहीं बताया और न ही गुजरात हाई कोर्ट ने इस पर विचार किया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई आधे घंटे के लिए निर्धारित थी, जिसमें दोनों पक्षों के वकीलों के लिए 15-15 मिनट का समय दिया गया था। राहुल गांधी की ओर से दलील दी गई है कि उन्होंने पूरे समुदाय का अपमान नहीं किया, ऐसे में सिर्फ राहुल को ही ऐसी सजा मिली।
पूर्णेश मोदी की ओर से दी गई दलीलों पर सुप्रीम कोर्ट ने भी कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि कितने नेताओं को अपने पुराने भाषण याद हैं। ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में दो साल की सज़ा क्यों दी? राहुल गांधी की ओर से दलील देते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी ने अपने भाषण में जिन लोगों का नाम लिया उनमें से किसी ने भी दावा नहीं किया है, बल्कि बीजेपी नेता ये दावा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि गवाहों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि राहुल ने पूरे समुदाय का अपमान नहीं किया।