प्राणलेवा बीमारी है निमोनिया | इन उपायों से ठीक हो जाएंगे


स्टोरी हाइलाइट्स

प्राणलेवा बीमारी है निमोनिया | इन उपायों से ठीक हो जाएंगे निमोनिया वैसे तो एक ख़तरनाक जानलेवा बीमारी है लेकिन समय रहते इससे बचा जा सकता है और इसका इलाज घर पर ही एंटीबायोटिक के उपयोग से हो सकता है। लेकिन कई मामलों में हॉस्पिटल में भर्ती होने की ज़रूरत भी पड़ती है।  आज के दौर में निमोनिया हो जाना एक आम बात है। हालांकि, अभी भी यह पूरी दुनिया में बच्चों की मृत्यु का सबसे प्रमुख कारण है, हाल ही के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल करीब 1,00,000  से ज्यादा बच्चे/children जिनकी उम्र 5 साल से कम होती है, इस बीमारी से मृत्य का शिकार हो जाते हैं।  जानें, निमोनिया के लक्षण और उपचार के रामबाण उपाय निमोनिया का प्रमुख कारण/cause स्ट्रेप्टोकॉकस निमोनिया नाम का एक बैक्टीरिया इसका वजह होता है। जो हमारे फेफड़ों को इन्फेक्टेड/संक्रमित करके हमारी स्वसन प्रणाली को नुकसान करता है, लेकिन कभी-कभी किसी फ्लू वायरस/विषाणु की वजह से हमें निमोनिया हो जाता है। निमोनिया के रोगाणु मौकापरस्त होते हैं इसलिए अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर/वीक है तो आप जल्दी ही इसकी चपेट में आ सकते हैं। यह एक प्राणलेवा बीमारी है, इसलिए जितनी जल्दी इसका पता चले तभी इसका इलाज/ट्रीटमेंट करा लेना चाहिए।  निमोनिया के लक्षण / symptoms सर्दी जुखाम के लक्षणों से इतने मिलते हैं कि कई बार भ्रम हो जाता है। इसलिए यहां कुछ ऐसे लक्षण बताए जा रहे हैं, जिनको जाना बहुत जरूरी है।  खांसी  लगातार खांसी आना इसका मुख्य लक्षण है। बैक्टीरियल निमोनिया में हरे या पीले रंग का बलगम आता है। फेफड़ों के ऊतकों में इसके रोगाणुओं के संक्रमण के कारण कभी-कभी थूक में खून के धब्बे भी आते हैं। लेजिनोला नामक निमोनिया में खूनी बलगम भी आता है।  बुखार निमोनिया  में बच्चों/children's को तेज ठंड के साथ बहुत तेज बुखार आता है लगभग 100 डिग्री फारेनहाइट से अधिक । बड़े लोगों में बुखार की अक्सर तीव्रता कम होती है। तेज सांस चलना निमोनिया एक प्रकार की इन्फ्लैमटॉरी बीमारी है। इसके रोगाणु सबसे पहले फेफड़ों के वायु छिद्रों पर अटैक/हमला करते हैं फिर जब इनकी संख्या अधिक बढ़ जाती है तो यह नाक और गले से गुजरने वाली वायु को प्रभावित करने लगते हैं जिससे सांस लेने में बहुत ज्यादा/अधिक तकलीफ होने लगती है। कोई भी मेहनत वाला काम करने पर सांसो का उखड़ जाना इसके मुख्य लक्षण है। सीने में दर्द संक्रमण अधिक बढ़ जाने पर लगातार खांसी आने लगती है और ज्यादा खांसने के कारण आपको सीने में दर्द का अनुभव प्राप्त होने लगता है। इस दर्द के ज्यादा बढ़ जाने पर मानव को सांस लेने में और खांसने में भी तकलीफ/परेशानी होने लगती है। मतिभ्रम सांस में परेशानी के कारण हमारे मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। परिणाम स्वरूप कई उम्रदराज/ बुजुर्ग लोगों में मतिभ्रम की स्थिति आ जाती है। इन प्रमुख लक्षणों के अतिरिक्त कुछ और भी लक्षण जो इस तरह हैं। पसीना आना बैक्टीरियल निमोनिया के संक्रमण/इंफेक्शन में कई लोगों को ठंड के साथ आने वाले तेज बुखार में पसीना आते भी देखा गया है। होंठ और नाखूनों का रंग बदलना बैक्टीरियल निमोनिया में होने वाले सांसो की कमी/न्यूनता के कारण शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन की मात्रा काफी कम हो जाती है जिसके कारण कई बार नाखूनों और होठों के कलर में परिवर्तन/Changes होने लगता है, नाखूनों का रंग सफेद/white हो जाता है और होंट पीले/yello पड़ जाते हैं। एनर्जी/ऊर्जा लेवल कम होना और थकान ऑक्सीजन लेवल/स्तर कम होने के कारण लगातार थकान, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और पूरे शरीर में कमजोरी/वीकनेस होने लगती है, और चक्कर आने लगते हैं। माइकोप्लाजमा निमोनिया के लक्षण कभी-कभी निमोनिया का प्रमुख कारक फंगस या माइकोप्लाज्मा का होना भी हो सकता है। उस कंडीशन में आपको ऊपर बताए लक्षणों के अलावा/अतिरिक्त आंख, कान, नाक और गले में दर्द तथा स्किन रैशेज भी हो सकते हैं। यदि आपको खांसी के साथ-साथ ऊपर बताए हुए कोई भी लक्षण है तो आपको निमोनिया होने की संभावना बहुत अधिक है। निमोनिया - से बचने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे लेकिन एक हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाकर आप निमोनिया के रिस्क को कम कर सकते हैं। हम आपको निमोनिया से बचने के लिए कुछ विशेष घरेलू नुस्खे बता रहे हैं। अदरक और हल्दी की चाय ऐसा है कि निमोनिया में अदरक और हल्दी की गर्म चाय पीने से निरंतर आ रही खांसी के कारण होने वाले सीने के दर्द में आराम मिलता है। अदरक और हल्दी के पौधों की जड़े सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है। कॉफी पिएं गर्म कॉफी पीने से निमोनिया के कारण होने वाली सांस  से सम्बंधित दिक्कत में राहत मिलती है। कॉपी में मौजूद कैफीन से फेफड़ों का कंजेशन समाप्त होता है और सांस लेने में आसानी होती है। शहद भी फायदेमंद हनी में मौजूद कंपाउंड्स में ऐंटीबैक्टीरियल, ऐंटीफंगल और ऐंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी होती है जिससे निमोनिया से होने वाले कफ और कोल्ड में आराम मिलता है। 1/4  गिलास गर्म पानी में एक चम्मच/स्पून शहद मिलाकर हर रोज पीने से निमोनिया में आराम मिलता है। पिपरमिंट की चाय पिपरमिंट ऐंटी-इन्फ्लेमेट्री ही होता है जो चेस्ट में मौजूद कंजेशन को कम करने और पेन किलर के लिए जाना जाता है। पिपरमिंट की गर्म चाय पीने से गले में होने वाली खिचखिच से आराम मिलती है और कफ भी बाहर निकलता है।   गर्म सूप पिएं   मौसमी सब्जियों से बना सूप केवल आपके लिए पोषक तत्वों का सोर्स नहीं है बल्कि इंफेक्शन से लड़ने के लिए यह आवश्यक फ्लूइड की भी आपूर्ति करता है। गरम Hot लिक्विड पीने से शरीर गर्म होता है और कोल्ड/सर्दी में राहत मिलती है।