अब तक तो यही 'शक' होता रहा है कि गूगल और फेसबुक बैकग्राउंड में भी हमारी बातचीत सुनते हैं। दरअसल बैकग्राउंड यानी जब यूजर्स फोन में इन ऐप्स को यूज नहीं कर रहे होते हैं। इसी वजह से हमें वो ऐड्स दिखते हैं, जिनके बारे में हम चर्चा कर रहे होते हैं। लेकिन अब व्हाट्सऐप के साथ भी ऐसा ही शक पैदा हो गया है। चर्चा चल रही है कि वॉट्सऐप यूजर्स की बातचीत सुन रहा है।
वॉट्सऐप अपने प्लेटफॉर्म को एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड बताता है। मगर फोड डाबरी ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि जब वो सो रहे थे, तब भी वॉट्सऐप उनके फोन का माइक्रोफोन यूज कर रहा था। उन्होंने एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है, जिसमें उन्होंने दिखाया है कि वॉट्सऐप कब- कब उनके फोन का माइक्रोफोन यूज कर रहा था।
https://twitter.com/foaddabiri/status/1654856617723301888?s=20
इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए ऐलन मस्क ने कहा कि अब व्हाट्स ऐप विश्वास नहीं किया जा सकता है। वहीं डाबिरी का कहना है कि उनके पास पिक्सल 7 प्रो स्मार्टफोन है जिस पर वॉट्सऐप फोन का माइक्रोफोन यूज कर रहा था। इस मामले पर वॉट्सऐप ने जवाब दिया है कि वो ट्विटर इंजीनियर से संपर्क में हैं, जिन्होंने अपने पिक्सल फोन के साथ इस दिक्कत को पोस्ट किया था। हमारा मानना है कि ये दिक्कत किसी बग की वजह से है।
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का मतलब ?
कंपनी हमेशा से प्लेटफॉर्म पर चैट्स और कॉल्स को एंड-टू- एंड एन्क्रिप्टेड बताती है। मतलब सेंडर और रिसीवर के बीच कोई भी तीसरा शख्स उनके मैसेज को पढ़ या देख नहीं सकता है। कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर भी इसकी जानकारी दी है व कहा है ? प्रइवेसी और सिक्योरिटी हमारे डीएनए में है। इसी वजह से हमने एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन अपने ऐप में जोड़ा है तथा आपके मैसेज, फोटोज, वीडियोज, वॉयस मैसेज, डॉक्यूमेंट्स, स्टेट्स अपडेट और कॉल किसी गलत हाथों में नहीं जा सकती हैं। कंपनी का कहना है कि वॉट्सऐप को दी माइक्रोफोन और कैमरा जैसी परमिशन को रिमूव किया जा सकता है। इसके लिए फोन सेटिंग में जाना होगा और माइक्रोफोन परमिशन को सर्च करना होगा।