Health Tips: जानें आपका भोजन आपके लिए क्या है? सही भोजन और पोषक तत्व का महत्व जानिए.. 


स्टोरी हाइलाइट्स

हालाँकि, 20वीं शताब्दी में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (processed foods) लोकप्रिय होने के बाद, आहार खाने के लिए तैयार भोजन (ready-to-eat ) ..Health Tips

Health Tips: जानें आपका भोजन आपके लिए क्या है? सही भोजन और पोषक तत्व का महत्व जानिए..  "असली भोजन संपूर्ण,  single-ingredient भोजन है, यह ज्यादातर असंसाधित(unprocessed), रासायनिक तत्वों  से मुक्त( free of chemical additives) और पोषक तत्वों से भरपूर होता है, संक्षेप में, यह उस प्रकार का भोजन है ,जिसे मनुष्य विशेष रूप से हजारों वर्षों से खाता है "। हालाँकि, 20वीं शताब्दी में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (processed foods) लोकप्रिय होने के बाद, आहार खाने के लिए तैयार भोजन (ready-to-eat ) की ओर स्थानांतरित हो गया है। प्रसंस्कृत फ़ूड सुविधाजनक होते हैं, लेकिन वे आपके स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाते हैं। वास्तव में, वास्तविक भोजन पर आधारित आहार का पालन करना सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक हो सकता है जो आप अच्छे स्वास्थ्य और जीवन की उच्च गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कर सकते हैं। Health Tips: एलोवेरा जूस पीने के क्या हैं फायदे, जानिए ..   हमारे शरीर की जब तक सांस चलती है तब तक ही जीवित माना जाता है। इसके बाद तो यह मात्र मिट्टी है जिसकी कोई कीमत नहीं है। इस शरीर को जीवित रखने के लिये हमें हर दिन भोजन की आवश्यकता है। भोजन से ही शरीर को शक्ति मिलती है। इस भोजन को हम मुख से खाते हैं और दीर्घ आयु का आधार हमारी जीवन शक्ति पर है। जीवन शक्ति का आधार हमारे खान-पान पर है। हम जो कुछ भी खाते हैं उसे प्राणवायु ले जाकर आमाशय तक पहुँचाती है। इस भोजन में छः रस होते हैं- मीठे, खट्टे, कड़वे, खारे,जब यही रस हमारी पाचन प्रणाली पित्त में जाते हैं तो उसकी गर्मी से पककर खटास युक्त हो जाते हैं। वहाँ जाकर यह भोजन पकता है । इसमें से रस निकलकर सारे शरीर में फैलते हैं। उसके बाद जो चीज बच जाती है उसे मल-मूत्र के रूप में हमारे शरीर से ये अंग बाहर निकाल देते हैं। Health Tips: खाली पेट मुनक्का खाने के फायदे, रातभर भिगोकर सुबह खाली पेट करे सेवन..  यही जल रूप रस जब हमारे शरीर में पहुँच जाता है तब रंजक पित्त की गर्मी से यह खून बन जाता है जो हमारे पूरे शरीर की नाड़ियों में घूमता हुआ हमें जीवन देता है। इसी शक्ति से हमारी सांस चलती है। जो हम खाएंगे, उसी का प्रभाव हमारे मन पर पड़ेगा। जो हमारा मन सोचेगा वह मस्तिष्क में जाएगा। हमारा शरीर भी वैसा ही करेगा। सीधी बात यह है कि जैसा हमारा भोजन होगा उसके अनुसार ही हमारा शरीर चलेगा। यदि हम बुरी वस्तुओं का सेवन करते हैं तो हमारा मन और मस्तिष्क भी बुरा ही सोचेंगे। हमारे स्वास्थ्य विद्वानों का भी कुछ ऐसा ही मत है कि शराब पीने से हमारे शरीर को नुकसान पहुंचता है। उदाहरण के लिये यदि हम शराब से भरे रूई के टुकड़े को मानव शरीर के किसी अंग पर रगड़ें तो वह अंग एकदम सुन्न हो जाएगा। आपको पता चलेगा कि यह अंग बेजान हो गया है, ऐसी शराब आपकी अंतड़ियों का क्या हाल करेगी। यह सोचना आपका काम है। केवल शराब की ही बात नहीं हर नशे का यही हाल है। नशा कोई भी हो आपके शरीर के स्वास्थ्य को हानि ही पहुँचाएगा। पागलखाने के डॉक्टरों ने अनेक पागलों का टेस्ट लिया तो उस परीक्षा से यही परिणाम निकला कि उनमें से अस्सी प्रतिशत लोग अधिक शराब पी पीकर ही पागल हुए थे। अब यह फैसला तो आपके हाथ में है कि आप अपने शरीर को कैसा रखना चाहते हैं रोगी अथवा निरोगी ? महिलाओं की मेंटल हेल्थ बनाए रखने के लिए , ये 10 फूड करेंगे मदद मैं समझता हूँ कि कोई प्राणी ऐसा नहीं है जो अपने शरीर को रोगी बनाना चाहता हो लेकिन कुछ लोग केवल अज्ञानता के कारण ही अपने लिये रोग खरीद लेते हैं। शरीर विज्ञान हमें बताता है कि हमारे भोजन से हमें कई प्रकार के तत्त्व मिलते हैं, यह जानना आपके लिये बहुत जरूरी है जैसा आपको पहले भी बताया जा चुका है कि भोजन से हमें रस मिलता है जो बाद में रक्त बनता है। यह भोजन हमारा प्राण रक्षक है। भोजन से हमें क्या-क्या मिलता है ? जैसा कि बताया जा चुका है कि भोजन ही मानव जीवन का आधार है, मगर यह जानना भी तो जरूरी है कि इस भोजन में कौन-कौन से तत्त्व होते हैं। आओ जानें प्रोटीन वसा (चर्बी) खनिज लवण कार्बोहाइड्रेट्स 5. विटामिन्स आओ इन सबके अलग-अलग गुण-दोष के आधार को मानकर इन सबका विवरण अलग-अलग से देखें । प्रोटीन हमारा शरीर असंख्य कोष्ठों का एक समूह है। यह कोष्ठ प्रोटीन के बने होते हैं। प्रोटीन का काम है शरीर के तन्तुओं का निर्माण और शरीर के जो भाग किसी कारण कमजोर पड़ गए हों उनको शक्ति प्रदान करना। प्रोटीन प्राप्ति के लिये दूध, अंडा, मांस आदि बहुत गुणकारी माने गए हैं। क्योंकि यह पशुओं से मिलते हैं। इसलिये इनको एनीमल प्रोटीन्स कहते हैं । वैष्णव लोगों को यह प्रोटीन्स गेहूँ, जौ, बाजरा, चना तथा सूखे मेवों और दालों, सब्जियों में मिलते हैं। इसलिये इन्हें वनस्पतिक प्रोटीन्स कहते हैं, यदि किसी प्राणी के शरीर में यह प्रोटीन्स अधिक मात्रा में पहुँच जाते हैं तो वह अपने आप ही चर्बी में बदल जाते हैं। वसा (चर्बी) वसा हमारे शरीर में गर्मी और शक्ति पहुँचाने का काम करती है। यह शक्ति हमें घी, मक्खन, तेल से मिलती है। शहद, गुड़ तथा कुछ थोड़े और खाद्य पदार्थों को छोड़कर बाकी सब में चर्बी पायी जाती है। मानव स्वास्थ्य के लिये चर्बी की विशेषता यही है कि यह हमारे शरीर में ईंधन का काम देती है। जब भी कभी मानव बीमार पड़ जाता है तो चर्बी उस समय हमारे रोगी शरीर को सुरक्षित शक्ति पहुँचाती है। आप इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि जब कोई प्राणी बीमार होता है तो पहले तो उसकी भूख ही मर जाती है। कई रोगों में डॉक्टर उनका खाना बन्द कर देते हैं। अन्य हालात में भी जब आदमी भोजन न करने के कारण कमजोर हो जाता है तो चर्बी ही हमारे शरीर को अन्दर से सुरक्षित रखती है । खनिज लवण खनिज लवण भी मानव शरीर में प्रोटीन्स का ही काम करते हैं। थोड़ी सी मात्रा में यह हमारे शरीर के अन्दर कोषों में रहते हैं। प्रोटीन्स की भाँति यह भी हमारे शरीर को शक्ति देते रहते हैं। यह भी भोजन द्वारा उत्पन्न होकर मानव जीवन को स्वस्थ रखते हैं। इनकी मात्रा सब्जियों और फलों में अधिक होती है। जिन लोगों के शरीर में लवण की मात्रा कम हो जाती है उसे हड्डियों का रोग अधिक लग जाता है अर्थात् उनकी हड्डियाँ कमजोर पड़कर टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं। रक्तपात रोग का कारण भी लवण की कमी से होता है। कई लोगों के गले भी इसी कारण फूल जाते हैं। हैंड सैनिटाइजर इस्तेमाल करने के बाद ये गलतियां करने से बचें प्रोटीन और लवण मिलकर हमारे शरीर को सुन्दर बनाते हैं। जिन लोगों के चेहरे लाल होंगे उनके शरीर में लवण तथा कैल्सियम की कमी नहीं होती। पीले और मुरझाए चेहरों का कारण शरीर में कैल्सियम और लवण की कमी होती है। ऐसे लोगों को हरे पत्ते वाली सब्जियाँ अधिक मात्रा में खानी चाहियें। मूली, गाजर, शलजम, चुकंदर, सरसों के साग में कैल्सियम भारी मात्रा होता है। इसलिये ऐसे लोग इन चीजों का प्रयोग ही अधिक मात्रा करें।  कार्बोहाइड्रेट्स इससे हमारे शरीर में गर्मी पैदा होती है तथा साथ ही चर्बी भी बनाने का काम होता है। इसमें दो आहार तत्त्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं चीनी स्टार्च मैदा तथा साबूदाने में सफेद सा चिपचिपा तत्त्व होता है। उसे ही स्टार्च कहते । चीनी और स्टार्च के मिलन से ही कार्बोहाइड्रेट्स बनता है। मानव शरीर में इसका एक ही काम है वह है- जलकर शरीर में शक्ति पैदा करना। स्टार्च की तुलना में चीनी अधिक अच्छी जलती है। जो लोग मेहनत के काम अधिक करते हैं उन्हें इसकी अधिक आवश्यकता पड़ती है। इन्हें हम दूध, चीनी, अनाजों के अतिरिक्त फलों और सब्जियों में अधिक मात्रा में प्राप्त कर सकते हैं। Energy rich foods : ऊर्जा से भरपूर खाद्य पदार्थ (कार्बोहाइड्रेट और वसा) - साबुत अनाज अनाज, बाजरा, वनस्पति तेल, घी, नट और तिलहन और शर्करा। Body building foods:शरीर निर्माण खाद्य पदार्थ (प्रोटीन) - दालें, मेवा और तिलहन, दूध और दूध उत्पाद। Protective foods: सुरक्षात्मक खाद्य पदार्थ (विटामिन और खनिज) - हरी पत्तेदार सब्जियां, अन्य सब्जियां, फल, अंडे, दूध और दूध उत्पाद ।