हाल ही में पाक पीएम इमरान खान ने माना था कि सरकार के पास देश चलाने के लिए पैसे नहीं हैं, कर्ज लिया है.
अकेले पिछले 39 महीनों में पाकिस्तान का कर्ज 20 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया है. हर पाकिस्तानी पर अब 2.35 लाख रुपये का कर्ज है. 2018 में यह राशि 1.44 लाख रुपये थी.
Like it or not but famous economist Qaisar Bengali said Pakistan broke in 1971 but within two year economy was stabilised, actually nationalisation saved economy. There was high growth rate in 80s and it was because of the steel mill established in late 70s. #AJConf2021
— Hamid Mir (@HamidMirPAK) November 21, 2021
जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान पर अब इतना कर्ज है कि अगर पूरा देश बिक भी जाए तो कर्ज नहीं चुकाया जा सकता.
इमरान खान सरकार ने फरवरी 2019 में कर्ज को घटाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने का ऐलान किया था लेकिन इसके उलट कर्ज की रकम बढ़ती ही जा रही है.