गोडसे के अनुयाई को लेकर कांग्रेस में सिविल वार,, दिग्विजय ने उठाया सवाल, कौन है बाबूलाल चौरसिया..


स्टोरी हाइलाइट्स

The Congress, which surrounded the BJP about Mahatma Gandhi's killer Nathuram Godse, himself appears to be surrounded by this issue.

गोडसे के अनुयाई को लेकर कांग्रेस में सिविल वार, दिग्विजय ने उठाया सवाल, कौन है बाबूलाल चौरसिया..
भोपाल: महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को लेकर भाजपा को घेरने वाली कांग्रेस खुद इस मुद्दे पर घिरती दिखाई दे रही है. कांग्रेस के नेताओं में सिविल वार शुरू हो गया है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह नेेे भी सवाल उठाया कि कौन है बाबूलाल चौरसिया ?

ग्वालियर में बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में बाबूलाल चौरसिया कांग्रेस में शामिल हुए. चौरसिया को कांग्रेस में लाने वाले युवा विधायक प्रवीण पाठक ने बताया कि अरुण यादव ने अपने प्रदेश अध्यक्ष ही कार्यकाल में चौरसिया को टिकट नहीं दिया था, इसलिए वह हिंदू महासभा में शामिल हो गए थे. इसके पहले वे कांग्रेसी रहे हैं. उन्होंने खुद को जन्मजात कांग्रेसी बताया है. 

बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने पर पार्टी के नेता मानक अग्रवाल ने कमलनाथ का बचाव किया है. उन्होंने कहा है कि गोडसे की पूजा करने वालों को कांग्रेस में शामिल नहीं करवाना चाहिए. हम इसके सख्त खिलाफ हैं. कमलनाथ जानकारी में सारी चीजें नहीं होंगी. इसलिए उन्होंने पार्टी में शामिल करा दिया, इसका विरोध किया जाएगा.

मैं खामोश नही बैठ सकता हूं : अरूण यादव

मैं आरआरएस विचारधारा को लेकर लाभ हानि की चिंता किये बगैर जबानी जंग नहीं, सड़को पर लड़ता हूं. मेरी आवाज कांग्रेस और गांधी विचारधारा को समर्पित एक सच्चे कांग्रेस कार्यकर्ता की आवाज है. देश के सारे बड़े नेता कहते है कि देश का पहला आतंकवादी नाथूराम गोडसे था. आज गोडसे की पूजा करने वाले की कांग्रेस में प्रवेश को लेकर वे सब खामोश क्यों है ?

युवा विधायक ने यादव को दिया करारा जवाब

अरुण यादव के बयान का जवाब युवा विधायक प्रवीण पाठक ने दो ट्वीट कर दिए. अपने पहले ट्वीट में फेमस पाठक ने लिखा कि 'जब निमाड़ में आप ही (अरुण यादव) की लोकसभा क्षेत्र के दो आपके ही खास विधायक अपनी मां समान पार्टी को छोड़ गोडसे की विचारधारा वाली पार्टी में चले गए थे तब मैं चंबल की माटी में शान से अपनी पार्टी के साथ खड़ा था मेरे खून में कांग्रेस है, मेरे सिद्धांत में गांधी.' पाठक ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि गोडसे की विचारधारा को खत्म करने के लिए संकल्पित हूं जो लोग भी गोडसे की विचारधारा को छोड़कर गांधी जी को आत्मसात करना चाहते हैं उनका स्वागत है. 

प्रवीण पाठक की ट्वीट पर आदिवासी विधायक उमंग सिंगार ने भी ट्वीट किया. सिंगार नेेेेेेेेेेे अपने ट्वीट में लिखा कि इंदिरा जी, राजीव जी के हत्यारों को गांधी परिवार ने माफ कर दिया. गांधी जी जिंदा होते तो वे भी गोडसे को माफ कर देते. यदि कोई गोडसे की विचारधारा को त्याग कर गांधी जी की विचारधारा वाली पार्टी कांग्रेस में आ रहा है, वह सभी स्वागत योग्य है.