सदस्यता रद्द सियासत शुरू..! बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर किया ज़ोरदार पलटवार


स्टोरी हाइलाइट्स

Rahul Gandhi Disqualified: राहुल गांधी की संसद की सदस्यता जाने के बाद विपक्षी पार्टियां और सत्ता में आसीन बीजेपी आमने-सामने हैं और वार पलटवार का दौर चल रहा है. ऐसे में बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर राहुल गांधी समेत कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला..! देंखे लाइव

केरल के वायनाड से संसद राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी गई है. जिसको लेकर राजनीति गरमाई हुई है. एक तरफ इस मुद्दे पर कांग्रेस पीएम मोदी और बीजेपी पर हमलावर हैं तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस पर तीख़ा पलटवार किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराया गया है और 2 साल की जेल की सजा सुनाई गई है.

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धर्मेंद्र प्रधान बोले, कानून के अनुसार सजा संसद की सदस्यता से अयोग्यता की ओर ले जाती है. राहुल गांधी ने एक सार्वजनिक सभा में प्रधानमंत्री जी के सरनेम के साथ अपशब्द जोड़ा था. जातिवाचक शब्द का प्रयोग करके अभद्र भाषा का प्रयोग किया था. इस आरोप पर सूरत कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उससे साफ है कि भारत की कानून व्यवस्था और प्रजातांत्रिक पद्धति से ऊपर कोई नहीं है.

उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस पार्टी खासकर राहुल का परिवार उनके लिए अलग आईपीसी चाहता है. इस आईपीसी के तहत, उसे दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए. वे उसके लिए एक अलग न्यायपालिका चाहते हैं. हालाँकि, वे यह समझने में विफल हैं कि लोकतंत्र में कानून सभी के लिए समान है. 

कांग्रेस नेताओं के तीखे हमलों पर धर्मेंद्र प्रधान बोले, आज साहिबजादे (राहुल गांधी) के चाटुकार छाती पीट रहे हैं, हाय-तौबा कर रहे हैं. आज जो फैसला हुआ है उन्हीं की सरकार में ऑर्डिनेंस के आधार पर हुआ है. आज जब उनकी सदस्यता गई तो, उन्हीं के पार्टी के लोग हाय-तौबा मचा रहे हैं.

सदस्यता रद्द सियासत शुरू-

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में धर्मेंद्र प्रधान के साथ केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी शामिल हुए और उन्होंने कहा, राहुल ने कहा, दुर्भाग्य से मैं सांसद हूं. इसलिए, अंततः उन्हें एक सांसद के रूप में कार्यमुक्त कर दिया गया है. साथ ही वायनाड के लोगों ने उससे छुटकारा पा लिया है. कहा जाता है कि भगवान के घर में देर है, अंधेर नहीं. राहुल गांधी कहते थे दुर्भाग्य से सांसद हूं. जो उनको दुर्भाग्य लगता था, आज उससे भी उनके मुक्ति मिल गई और वायनाड के लोगों को भी छुटकारा मिल गया. 

अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, 13 साल में राहुल ने सिर्फ 21 चर्चाओं में हिस्सा लिया और एक भी प्राइवेट मेंबर बिल पेश नहीं किया. राहुल गांधी आदतन ढीली तोप हैं. वह सोचता है कि वह बिना किसी परिणाम का सामना किए कुछ भी कह सकते है. वह असंसदीय व्यवहार के प्रतीक हैं. इतने लंबे समय 2009 से 2014 तक से जो लोकसभा के सदस्य हो. 5 वर्षों में कभी अमेठी के लिए सवाल नहीं पूछ पाए. इतने वर्षों में मात्र 21 डिबेट्स में भाग लिया. यह अपने आप में उनके बारे में बताता है.

उन्होंने आगे कहा, अभद्र भाषा का प्रयोग, अपमान करने का काम, अपशब्द बोलना ये उनकी आदत सी बन गई थी. उनको लगता था कि कुछ भी कह दो, कर दो आपको तो देश में कोई कुछ बोल ही नहीं सकता. वो अपने आपको सभी चीजों से ऊपर समझते थे.