संसद की सदस्यता रद्द होने के बाद राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस, मीडिया से बातचीत में दो टूक


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स्टोरी हाइलाइट्स

राहुल गांधी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। चाहे कुछ भी हो जाए, मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को संसद की सदस्यता रद्द करने के बाद मीडिया से बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी के बीच संबंधों पर सीधा हमला बोला। बीजेपी द्वारा ओबीसी एंगल लाने पर राहुल गांधी ने दो टूक कहा कि यह ओबीसी का नहीं मोदी-अडानी का मुद्दा है और मेरा एक ही सवाल है कि अडानी की शेल कंपनियों में 20 हजार करोड़ रुपये किसने लगाए हैं?

राहुल गांधी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। चाहे कुछ भी हो जाए, मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा। अगर मुझे जेल भी जाना पड़े तो मैं नहीं डरता। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं संसद के अंदर हूं या बाहर। मैं अपनी तपस्या करना चाहता हूं, मैं इसे दिखाऊंगा।

उनके इस बयान को ओबीसी वर्ग का अपमान बताते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'मेरी भारत जोड़ो यात्रा का कोई भी भाषण देखिए, मैंने हमेशा कहा है कि सभी समुदाय एक हैं।' कोई नफरत नहीं होनी चाहिए, कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए। यह ओबीसी का मामला नहीं है, यह नरेंद्र मोदी और अडानी के संबंधों का मामला है। बीजेपी ध्यान भटकाने के लिए कभी ओबीसी की बात करेगी तो कभी विदेशों की बात करेगी।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा। मैं पूछता रहता हूं कि अडानी का मोदीजी से क्या रिश्ता है? मैंने सिर्फ इतना पूछा कि क्या अडानी जी की शेल कंपनियां हैं। किसी ने इसमें 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया, यह अडानीजी का पैसा नहीं है। यह उनका इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस है, किसी और का पैसा है। सरकार बताए कि 20 हजार करोड़ रुपए का मालिक कौन है।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि मैं सवाल पूछता रहूंगा, मैं इन लोगों से नहीं डरता। अगर ये लोग सोचते हैं कि वे मुझे अयोग्य ठहरा सकते हैं, मुझे धमकी दे सकते हैं, मुझे जेल में डाल सकते हैं, तो मेरे पास वह इतिहास नहीं है। मैं लड़ रहा हूं और भारत के लोकतंत्र के लिए लड़ता रहूंगा। मैं किसी चीज से नहीं डरता।